Fertilizer Subsidy : खाद सब्सिडी के लिए जारी किए 36,993 करोड़ रुपए

पोस्ट -04 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Manure-Fertilizer Subsidy : सरकार ने चार महीने में खाद- उर्वरक पर जारी की 36,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी

Manure-Fertilizer Subsidy :  किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फर्टिलाइजर कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है। NBS योजना के तहत यह राशि वार्षिक आधार पर डायरेक्ट बेनेफिट्स ट्रांसफर (DBT) के तहत कंपनियों को जारी की जाती है। इसके बाद किसानों को आधार वेरिफिकेशन के बाद दुकानों पर पीओएस मशीनों के जरिये सब्सिडी के लाभ के साथ खाद की बिक्री की जाती है। ये पीओएस मशीने खाद की खुदरा दुकानों पर लगी होती हैं जहां से किसानों को सब्सिडी दर पर खाद का विक्रय किया जाता है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने किसानों को उचित मूल्य पर खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई (चार महीने) तक की अवधि में लगभग 37 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है। शुक्रवार को संसद में इस बारे में जानकारी दी गई। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने देश में किसानों को किफायती दाम पर खादों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए चालू वित्त वर्ष में 22 जुलाई तक 36,993.4 करोड़ रुपए की उर्वरक सब्सिडी का भुगतान किया है।

क्या कहा रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री ने? (What did the Minister of State for Chemicals and Fertilizers say?)

रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, किसानों को कम कीमत पर पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने के लिए पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 1.95 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की गई थी। किसानों को यूरिया वैधानिक रूप से अधिसूचित एमआरपी पर उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 242 रुपए प्रति बैग है। इसमें नीम कोटिंग और लागू करों के लिए शुल्क शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, केमिकल खादों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार विभिन्न योजनाओं जैसे स्वदेशी पी एंड के, आयातित पी एंड के, स्वदेशी यूरिया और आयातित यूरिया के माध्यम से किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर सब्सिडी वाले उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराती है।

एनबीएस के तहत तय करती है सब्सिडी दरें (Subsidy rates are decided under NBS)

मंत्री ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में यूरिया का एमआरपी समान रूप से लागू करने के लिए सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातकर्ता को सब्सिडी प्रदान करती है। पटेल ने कहा कि सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए अप्रैल 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति लागू की है। नीति के तहत, वार्षिक/अर्धवार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि अधिसूचित पीएंडके उर्वरकों पर उनके पोषक तत्व के आधार पर प्रदान की जाती है। उर्वरक कंपनियों द्वारा बाजार की गतिशीलता के अनुसार उचित स्तर पर एमआरपी तय की जाती है, जिसकी निगरानी सरकार द्वारा की जाती है। "एनबीएस के तहत सब्सिडी दरें तय करते समय, सरकार अधिसूचित पीएंडके उर्वरकों को खरीदने के लिए किसानों की सामर्थ्य सहित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखती है।"

जैविक खादों को बढ़ावा (promotion of organic fertilizers)

केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार ने जैविक खादों को बढ़ावा देने के लिए 1,500 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब बाजार विकास सहायता (MDA) को स्वीकृति दी है। भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद (ICAR) ने अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों (खाद, जैव-उर्वरक, हरी खाद आदि) के संयुक्त उपयोग, नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के आवेदन और प्लेसमेंट,एन-फर्टिलाइजर और नीम लेपित यूरिया आदि के उपयोग के माध्यम से मिट्टी परीक्षण आधारित उर्वरकों  के उपयोग की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि पानी का मुद्दा राज्यों का विषय है और इसके रख-रखाव और ध्यान, प्रबंधन की मुख्य रूप से राज्यों की जिम्मेदारी है। भूजल की क्वालिटी में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड के पास उपलब्ध भूजल क्वालिटी के आंकड़े रिपोर्टों के साथ ही वेबसाइट cgwb.gov.in पर अलग-अलग संस्थाओं और लोगों के उपयोग के लिए सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 

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