Cabinet Meeting : किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि उत्पादकता में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कृषि से संबंधित योजनाओं को मंजूर किया जा रहा है। साथ ही इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करने का प्रावधान किया जा रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) हुई। इस बैठक में मंत्रिमंडल द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने धान की खरीद और कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी देते हुए धान की खरीद के लिए तिथि तय की। इसके अनुसार, 14 नवंबर से छत्तीसगढ़ में किसानों से एमएसपी पर धान की खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जो 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। राज्य सरकार द्वारा प्रति किसान से 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक धान की खरीद की जाएगी। साथ किसानों को खरीद पर बोनस राशि का भुगतान भी किया जाएगा। यानी 14 नवंबर से राज्य में धान तिहार की शुरुआत हो जाएगी और किसानों को एमएसपी के साथ ही बोनस का भुगतान खाते में मिलना भी शुरू हो जाएगा। ऐसी जानकारी सरकारी सूत्रों द्वारा दी गई है।
कैबिनेट की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Prise) पर धान की खरीद करने और कस्टम मिलिंग (Custom Milling) की नीति को मंजूरी देने का फैसला किया गया। मंत्रिमंडलीय उप समिति की सिफारिश पर प्रदेश में चालू खरीफ विपणन साल 2024-25 के दौरान समर्थन मूल्य (MSP) पर राज्य के किसानों से नकद एवं लिंकिंग (Cash and Linking) से धान की खरीद 14 नवम्बर 2024 से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया कि इस बार किसानों से धान की खरीदी 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। कृषि विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों का पंजीकरण किया जा रहा है। किसानों के पंजीयन की यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगी।
खाद्य विभाग की ओर से बताया गया कि खरीफ सीजन 2024-25 में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने प्रदेश के किसानों से अनुमानित 160 लाख टन धान का उपार्जन करने का लक्ष्य रखा है। समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान का उठान करने के लिए पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी बायोमेट्रिक व्यवस्था (Biometric system) लागू रहेगी। मंत्रिपरिषद ने खरीदी केंद्रों में धान की नियंत्रित एवं व्यवस्थित रूप से खरीद सुनिश्चित करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम दो टोकन तथा बड़े किसानों को अधिकतम 3 टोकन देने का निर्णय लिया है।
सभी खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन (Electronic Weighing Machine) से धान की खरीदी होगी, जिससे उपार्जन के दौरान तौल में किसी प्रकार की काेई गड़बड़ी नहीं हो। कैबिनेट ने धान खरीदी के लिए 4.02 लाख नये जूट बारदाना को जूट कमिश्रर के माध्यम से खरीदने की स्वीकृति दी है। सरकार का अनुमान है कि धान खरीदी के लिए कुल 8 लाख गठान बारदाने की जरूरत होगी। इसके अलावा, मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ सीजन वर्ष 2023-24 में राज्य की सहकारी समितियों (Co-operative Societies) में कार्यरत डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों (Data Entry Operators) को 18,420 रुपए प्रतिमाह के मान से कुल 12 माह का मानदेय भुगतान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे सरकारी खजाने पर कुल 60 करोड़ 54 लाख रुपए का व्यय भार आएगा, इसके भुगतान हेतु पहले के सालों की ही तरह उक्त राशि मार्कफेड को दी जाएगी।
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति ने किसानों से अनुमानित 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद (purchase paddy) करने का फैसला लिया। इसके तहत राज्य में एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान के उपर्जान करने का फैसला भी लिया गया। उपज की खरीद में गड़बड़ी की शिकायतों का समाधान के लिए सरकार ने चालू खरीफ वर्ष में तकनीक के सहारे पारदर्शी खरीद प्रक्रिया अपनाने का निर्णय किया है। इसके लिए सभी खरीद केन्द्रों को इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन’ (Electronic Weighing Machine) से लैस किया गया है। साथ ही प्रत्येक उपार्जन केंद्र को इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet Connectivity) से भी जोड़ा गया है। 2,058 सहकारी समितियों और 2,739 धान खरीद केंद्रों के जरिए धान का उपार्जन किया जाएगा। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी धान की खरीदी के साथ ही धान का उठाव भी किया जाएगा।
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