MSP: किसानों को प्रति क्विंटल धान पर 800 रुपये अधिक मिलेंगे

पोस्ट -15 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

किसानों को प्रति क्विंटल धान पर 800 रुपए अधिक देगी सरकार,  48 घंटे में सीधे खातों में होगा भुगतान

धान किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उद्देश्य से किसानों को प्रति क्विंटल धान पर 800 रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा की है। गुरुवार को “अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह 2024” के समारोह में सीएम माझी ने कहा कि किसानों को इनपुट सहायता के रूप में प्रति क्विंटल धान पर 800 रुपए अतिरिक्त भुगतान के रूप में मिलेंगे। ओडिशा के किसान अक्सर बाढ़, चक्रवात और कीटों के हमलों जैसी विभिन्न आपदाओं से प्रभावित होते रहते हैं। ओडिशा के किसानों को अब इस घोषणा के बाद धान के लिए 3,100 रुपए प्रति क्विंटल का दाम मिलेगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी 8 दिसंबर को बरगढ़ जिले के सोहेला में एक राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन कार्यक्रम में इस अतिरिक्त राशि को जारी करेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने विधानसभा चुनावी में यह राशि देने का वादा किया था, जिसे सरकार बनते ही पहली मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई थी।  

मुख्यमंत्री ने क्या कहा? (What did the Chief Minister say?)

यह घोषणा बीजद सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना के बीच आई है, जिसमें मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने पिछली बीजद सरकार पर ओडिशा के किसानों के साथ "विश्वासघात" करने का आरोप लगाया और कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री (नवीन पटनायक) ने नौ साल पहले बरगढ़ जिले के सोहेला में एक किसान रैली में धान पर प्रति क्विंटल 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का वादा किया था। लेकिन, किसानों को सरकार से बोनस के तौर पर एक रुपए भी नहीं मिला। माझी ने आरोप लगाया कि बीजद सरकार के दौरान राज्य के कुछ किसान कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या करने को मजबूर हुए थे। किसानों को सहायता देने में बीजद सरकार पूरी तरह से विफल रही है। हालांकि, माझी ने दावा किया कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में ओडिशा के किसानों को ऐसी स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

किसानों को धान पर मिलेंगे 3,100 रुपए प्रति क्विंटल (Farmers will get Rs 3,100 per quintal on paddy)

उन्होंने कहा कि अब ओडिशा के किसानों को धान पर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के रूप में 2,300 रुपये और इनपुट सहायता के रूप में 800 रुपये शामिल हैं। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ओडिशा के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल धान देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि 8 दिसंबर को सोहेला में एक राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें किसानों को प्रति क्विंटल 800 रुपए का अतिरिक्त भुगतान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम एमएसपी के साथ यह अतिरिक्त भुगतान 48 घंटे के भीतर सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा।  

20 नवंबर से शुरू होगी धान खरीद की प्रक्रिया (Paddy procurement process will start from 20 November)

मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि राज्य में खरीफ धान की खरीद प्रक्रिया 20 नवंबर को बरगढ़ जिले से शुरू होगी, उसके बाद 22 नवंबर को संबलपुर और फिर सभी जिलों में होगी। यह 7 दिसंबर तक सभी जिलों में जारी रहेगी।  किसानों को उनकी धान उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तौर 2,300 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद, 8 दिसंबर से उन्हें धान बिक्री के लिए 800 रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाएगा। राज्य के बरगढ़ जिले के सोहेला से यह राशि किसानों को मिलेगी। इसके अलावा, सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया के बारे में छोटे और सीमांत किसानों को सूचित करने के लिए सूचना और जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। सीएमओ द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि खरीद केंद्रों पर अनाज विश्लेषक, गुणवत्ता विश्लेषक की तैनाती करने, विशेष 15 नवंबर से किसानों को टोकन वितरण शुरू करने के लिए विशेष उपाय किए हैं। इनमें जिला कलेक्टरों के लिए अगर आवश्यक हो, तो टोकन की अवधि को बढ़ाने जैसे कई विकल्प शामिल है।

सीमा क्षेत्रों पर सख्त निगरानी के निर्देश (Instructions for strict surveillance on border areas)    

मुख्यमंत्री माझी ने जिला कलेक्टरों को पड़ोसी राज्यों की सीमा से लगे क्षेत्रों की निगरानी करने के निर्देश भी दिया है, जिससे ओडिशा के बाहर से धान के अनधिकृत प्रवेश को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा, "धान खरीद प्रक्रिया में रुकावट पैदा करने वालों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे। सहकारी समितियों में व्यवधान डालने वाले व्यक्तियों के लिए झारपड़ा जेल है। सरकार इन रूकावट डालने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रख रही है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" किसानों के प्रति समर्पण के साथ सरकार का यह कदम राज्य में कृषि क्षेत्र में नए आयाम कायम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। 

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