Paddy Procurement : देश के कई राज्यों में धान समेत अन्य खरीफ फसल की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पिछले साल की तुलना इस साल धान की बंपर पैदावार की उम्मीद है, जिसके मद्देनजर इस बार राज्य सरकारों द्वारा खरीद लक्ष्य को भी बढ़ाया जा रहा है। साथ ही श्री अन्न (Millets) की उपज को भी बढ़ावा देने के लिए किसानों से मोटे अनाजों की खरीद भी समर्थन मूल्य पर सरकारें कर रही है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने राज्य में धान की बेहतर उपज को देखते हुए चालू खरीफ सत्र 2024-25 में 160 लाख मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद करने का अनुमानित लक्ष्य रखा है। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चालू खरीफ विपणन सत्र के लिए समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी और ‘कस्टम मिलिंग’ नीति की समीक्षा करने और सुझाव देने के लिए गठित मंत्रिपरिषद उप समिति की मंत्रालय नया रायपुर में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया। अधिकारी ने बताया कि, राज्य सरकार ने इस बार किसानों से मक्का उपज की भी खरीद समर्थन मूल्य पर करने का फैसला किया है। वहीं, पड़ोसी राज्य ओडिशा ने भी छत्तीसगढ़ की सरकारी खरीद प्रक्रिया से प्रभावित होकर इसी तर्ज पर अपने राज्य में धान की सरकारी खरीद करने का फैसला किया है।
अधिकारी ने बताया कि राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति ने राज्य में किसानों से अनुमानित 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद (purchase paddy) करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि दीपावली के पर्व और राज्य स्थापना दिवस पर राज्योत्सव को ध्यान में रखते हुए धान खरीद 15 नवंबर से शुरू किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Mukhyamantri Vishnu Dev Sai) की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदने का फैसला भी लिया गया। धान सहित अन्य खरीफ उपज की सरकारी खरीद में गड़बड़ी की शिकायतों का समाधान करने के लिए सरकार ने इस साल तकनीक के सहारे पारदर्शी खरीद प्रक्रिया अपनाने का निर्णय किया है। इसके लिए सभी क्रय केंद्रों को इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन की व्यवस्था करने को कहा गया है, ताकि खरीदी प्रक्रिया के दौरान धान की तौल में किसी प्रकार की कोई गड़बडी नहीं हो।
अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट उपसमिति ने जूट (पटसन) आयुक्त तथा ‘जेम पोर्टल’ के जरिये जूट बैग खरीदने का भी फैसला लिया, जिससे धान की खरीद सुव्यवस्थित हो सके और किसानों को आसानी से जूट बैग उपलब्ध हो सकें। पारदर्शी (transparent) खरीद प्रक्रिया के लिए सभी खरीद केन्द्रों को इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन’ (Electronic Weighing Machine) से लैस किया गया है। पूरे राज्य में खरीद प्रक्रिया की सतत निगरानी के लिए प्रत्येक उपार्जन केंद्र को इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet Connectivity) से भी जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि, खरीफ के पिछले मौसम में राज्य में समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी और अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू सत्र में यह 160 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी। अधिकारी ने बताया कि राज्य में 2,058 सहकारी समितियों और 2,739 धान खरीद केंद्रों के माध्यम से खरीद की जाएगी। पिछले साल की तरह इस बार भी धान की खरीदी के साथ ही धान का उठाव किया जाएगा, जिससे अगले साल 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से धान उठाव का काम पूरा हो जाए।
ओडिशा में नवगठित बीजेपी सरकार ने भी इस साल धान की सरकारी खरीद के लिए छत्तीसगढ़ का मॉडल अपनाया है, जिसके तहत राज्य में किसानों से उनकी धान की उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। ओडिशा के खाद्य मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा के नेतृत्व में आए सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के धान खरीदी मॉडल और पीडीएस सिस्टम का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि, अब ओडिशा में भी किसानों से एमएसपी पर बोनस देकर धान की खरीद की जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन मांझी की पहल पर इस आशय का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में पहले ही किया जा चुका है। किसानों से धान की खरीद करने के लिए पारदर्शी खरीद व्यवस्था और पुख्ता प्रणाली को लागू किया जाएगा। खरीद शुरू होने से पहले सरकार किसानों को दिए जाने वाले बोनस की राशि तय करने पर फैसला लेगी।
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