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जून माह में इन टॉप 3 सब्जियों की करें खेती, होगी जबरदस्त कमाई

जून माह में इन टॉप 3 सब्जियों की करें खेती, होगी जबरदस्त कमाई
पोस्ट -15 जून 2023 शेयर पोस्ट

जून माह में ऐसे करें सब्जियों की खेती, होगा कम समय में ज्यादा मुनाफा 

देश में किसान नकदी और सब्जियों की खेती पर काफी ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। सब्जियों की खेती में किसानों को अनाज की परंपरागत खेती से कहीं ज्यादा मुनाफा होता है। सब्जियां किसानों को सीधा और नकद मुनाफा देती है। किसान भी अब कम समय में ज्यादा उत्पादन देने वाली और ज्यादा आय देने वाली सब्जियों को उत्पादित करने पर फोकस करने लगे हैं। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और किसान आर्थिक मामलों में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। ज्यादातर कृषि एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसानों को 90 से 100 दिनों में एक अच्छी पैदावार देने वाली और अच्छा रेट देने वाली सब्जियों की खेती करनी चाहिए। इससे कम समय में किसानों की अच्छी आय हो जाती है। गौरतलब है कि देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार तरह-तरह के कदम उठा रही है और किसानों को सब्जी, बागवानी आदि फसलों को उत्पादित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसान अच्छा और ज्यादा इनकम प्राप्त कर सकें।

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ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में हम जून माह में टॉप 3 सब्जियों की खेती करने के बारे में, उनसे मिलने वाली आय और खेती करने के तरीके के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

कद्दू की खेती

कद्दू एक स्वास्थ्यवर्धक और प्रोटीन से भरपूर सब्जी है, जो सिर्फ तीन महीने के अंतराल में किसानों को एक अच्छा मुनाफा देती है। कद्दू की सब्जी की बाजार में अच्छी मांग रहती है। कद्दू का उपयोग सिर्फ सब्जी के लिए ही नहीं बल्कि इसका उपयोग मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है। अक्सर इसकी हाई डिमांड की वजह से किसानों को कई बार काफी अच्छा मुनाफा मिल जाता है। कद्दू की खेती करने से पहले इसकी खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां जान लेना अनिवार्य है। जो इस प्रकार है।

  • कद्दू की खेती के लिए अच्छी और उपजाऊ मिट्टी पहली जरूरत है। जिसमें जल निकासी का उत्तम प्रबंध हो। जल जमाव वाली जगहों पर कद्दू का पौधा नहीं टिकता है। मिट्टी का पीएच मान 5 से 7 के बीच होना चाहिए।
  • जलवायु की बात करें तो कद्दू की खेती के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
  • सर्दियों में इस फसल की खेती न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सर्दियों में कद्दू का विकास रुक जाता है। इसलिए हमेशा गर्मियों में ही इसकी खेती करें।
  • कद्दू की खेती में अच्छे से क्यारियां तैयार कर लें। बीज को लगा दें और हल्की हल्की सिंचाई करें। जलभराव की स्थिति न होने दें।

सामान्यतः 90 से 100 दिन के भीतर उसकी पैदावार हो जाती है। हालांकि इसके हरे फल को 70 से 80 दिन के बाद ही तोड़ा जा सकता है। कमाई की बात करें तो एक हेक्टेयर से कद्दू की 300 से 400 क्विंटल तक की पैदावार हो जाती है। इसे थोक भाव में किसान 10 से 15 रुपए किलो तक बेच सकते हैं। इस तरह किसान एक बार की फसल से सामान्यतः 4 से 6 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

बोड़ा की खेती

बोड़ा को बिंस, चावले भी कहा जाता है। बता दें कि फरवरी से जुलाई महीने के बीच बोड़ा की खेती कभी भी की जा सकती है। लेकिन मई और जून के बीच की गई बोड़ा की खेती से किसानों को काफी मुनाफा होता है। यह ठंडी प्रकृति की सब्जी है, इस सब्जी को बरबटी या लोबिया भी कहते हैं। बोड़ा की खेती करने से पहले इस खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां जरूर समझें जो इस प्रकार है।

  • फावड़ा की सहायता से इसकी बुआई करें। 3 फीट की दूरी पर एक गड्ढा बनाएं और एक ही गड्ढे के दोनों कोने पर एक एक बीज रोपे। पौध से पौध के बीच की दूरी 6 इंच रखें। 
  • जब मई और जून में बोड़ा की खेती की जाती है, तो उस समय तेज गर्मी पड़ती है। तेज गर्मी में किसान इसकी हर 2 से 3 दिन के अंतराल में सिंचाई करें। हल्की सिंचाई करें, मिट्टी में नमी बनाए रखें।
  • 50 दिन बाद फूल आना दिख जाता है और इसके 10 दिन बाद बोड़ा की तुराई कर सकते हैं। तुड़ाई हमेशा 1 दिन के गैप में करना चाहिए।
  • लोबिया या बोड़ा की उन्नत किस्में पूसा कोमल, अर्का गरिमा, तेजस्विनी, पूसा बरसाती आदि हैं।

इस सब्जी की खेती से भी अच्छी पैदावार और अच्छी कमाई की जा सकती है।

सेम की खेती

सेम की खेती, भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है। सेम की सब्जी खाने में बेहद स्वादिष्ट होने के साथ ठंडी प्रकृति की होती है। यही वजह है कि गर्मियों में सेम का रेट मार्केट में अच्छा हो जाता है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, बिहार आदि राज्यों में सेम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। सेम की खेती को गर्मियों में ही किया जाता है। हालांकि इसे हल्की ठंडी जलवायु में भी उगा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे ज्यादा ठंड और पाला पड़ने पर इसका विकास रुक जाता है। सेम की खेती करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जो इस प्रकार है।

  • सेम की खेती के लिए हल्की दोमट, चिकनी, और रेतीली मिट्टी मानी गई है। मिट्टी का पीएच मान 5.3 से 6 के बीच होना चाहिए।
  • जून से जुलाई के बीच का समय सेम की बुआई के लिए उपयुक्त माना गया है।
  • 20 से 30 किलोग्राम बीज की आवश्यकता प्रति हेक्टेयर भूमि के लिए होती है।
  • खेत की तैयारी करने के लिए खेत की जुताई और पाटा लगवा दें। अगर खेत में नमी की कमी हो तो बुआई से पहले पलेवा कर लेना चाहिए।

सेम की खेती में सामान्यतः 100 से 150 क्विंटल तक की पैदावार होती है। बाजार में थोक में सेम 12 से 15 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक जाती है। इस तरह सेम की खेती से एक सीजन में 1 लाख 20 हजार रुपए से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।

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