Search Tractors ...
search
ट्रैक्टर समाचार सरकारी योजना समाचार कृषि समाचार कृषि मशीनरी समाचार मौसम समाचार कृषि व्यापार समाचार सामाजिक समाचार सक्सेस स्टोरी समाचार

एक ही खेत में पपीते के साथ करें केले की खेती, सरकार देगी ट्रेनिंग और सब्सिडी

एक ही खेत में पपीते के साथ करें केले की खेती, सरकार देगी ट्रेनिंग और सब्सिडी
पोस्ट -10 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

सरकार दे रही केले और पपीते की संयुक्त खेती की ट्रेनिंग और सब्सिडी, ऐसे लें लाभ

Combined farming Apply Online : कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए किसानों को खेती के तौर-तरीकों में बदलाव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही उनकी आजीविका बढ़ाने के लिए उन्हें फलों की खेती पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके लिए कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर योजनाएं भी चला रही है। इसके तहत कृषि रोड मैप तैयार कर किसानों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। इस कड़ी में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध बिहार सरकार ने भी एक योजना लागू की है, जिसके तहत पपीते की खेती के साथ-साथ केले की संयुक्त खेती (Combined farming) करने के लिए किसानों को ट्रेनिंग और सब्सिडी (Training and subsidy) प्रदान करेगी। बताया जा रहा है कि बिहार के गोपालगंज जिले की मिट्टी केला और पपीते की खेती के लिए उपयुक्त है, जिस वजह से कृषि और उद्यान विभाग ने क्षेत्र में पपीते और केले की खेती का रकबा बढ़ाने की योजना बनाई है। इस योजना के माध्यम से किसान अब पपीता के साथ-साथ केले की भी खेती कर सकेंगे। खेती के लिए किसानों को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर उसके बाद खेती पर आर्थिक मदद के लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे  किसान केले और पपीते की संयुक्त खेती कर अधिक आर्थिक लाभ कमा सकेंगे। आइए जानते हैं कि सरकार की इस योजना का लाभ किस तरह से लिया जा सकता है?

New Holland Tractor

उद्यान विभाग किसानों को देगा प्रशिक्षण (Horticulture department will provide training to farmers)

उद्यान विभाग द्वारा गोपालगंज जिले में केले की खेती के साथ-साथ पपीते की खेती का क्षेत्र विस्तार करने की योजना तैयार की गई है, जिसकी मदद से जिले में 70-70 हेक्टेयर क्षेत्र में पपीता और केले की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। विभागीय स्तर पर चल रही तैयारियों से पता चलता है कि इस वर्ष 2024 के दौरान जिले में पपीता और केला की खेती के लिए रकबा पांच-पांच हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए जिले में सभी प्रखंडों का लक्ष्य भी बढ़ा दिया गया है। विभाग द्वारा इसकी खेती के लिए पहले किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर खेती करने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा। इससे किसान पपीता के साथ-साथ केले की भी खेती कर सकेंगे। उद्यान विभाग किसानों के चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित किसानों को प्रशिक्षण देगा और किसान सलाहकार समय-समय से खेतों का दौरा करेंगे तथा किसानों को केला और पपीता का उत्पादन बढ़ाने के उचित सलाह भी देंगे।

खेती रकबा बढ़ाने के लिए काम कर रहा कृषि विभाग (Agriculture department is working to increase the area under cultivation)

उद्यान विभाग एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत जिले में पपीते की खेती पर जोर दे रहा है, तो वहीं, कृषि विभाग केले की खेती के रकबा को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। कृषि विभाग, बिहार द्वारा फल से संबंधित योजना (2024-25) चलाई जा रही है, जिसके तहत केला का क्षेत्र विस्तार राज्य के 15 जिलों तथा पपीता का क्षेत्र विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा। इनमें गोपालगंज जिला भी शामिल है। हालांकि जिले में किसान केला और पपीता की खेती करते रहे हैं। जिले की जलवायु और मिट्टी उपयुक्त होने के बावजूद भी यहां केला और पपीता की खेती बहुत कम क्षेत्र में होती है। कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग केला और पपीता की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। केला और पपीता की खेती के प्रति किसानों की बढ़ते रूझान के साथ जिले में हर दिन खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है।

केला और पपीता की खेती पर देय अनुदान (Subsidy payable on cultivation of banana and papaya)

कृषि विभाग के अनुसार, इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर केला की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 46,875 रुपए एवं द्वितीय वर्ष के लिए 15,625 रुपए देय है, जबकि प्रति हेक्टेयर पपीता की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 33,750 रुपए तथा द्वितीय वर्ष 11,250 रुपए योजनान्तर्गत देय है। योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) के लिए देय होगा। टिश्यू कल्चर केला पौधों की आपूर्ति विभाग द्वारा चयनित एजेंसी के तहत न्यूनतम मूल्य पर किया जाएगा, जबकि पपीता क्षेत्र विस्तार के लिए पौध रोपण सामग्री हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली एवं प्लग टाईप नर्सरी, कटिहार तथा भोजपुर जिलों से आपूर्ति की जाएगी।

योजना के लाभ के यहां करें आवेदन (Apply here for the benefits of the scheme)

इच्छुक किसान को योजना का लाभ के लिए सबसे पहले उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/  पर जाना होगा। यहां “मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के लिए आवेदन कैसे करें” ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद नए पेज पर मांगी गई संबंधित सभी जानकारी दर्ज कर सहमत वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। आवेदन के लिए इच्छुक कृषक के पास पहले से डीबीटी किसान पंजीकरण संख्या होनी चाहिए। इसके साथ ही भूमि का एलपीसी प्रमाण पत्र, नवीनतम भूमि रसीद, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज भी किसान के पास होना अनिवार्य है।

अनुदान भुगतान की प्रक्रिया क्या होगी? (What will be the process for grant payment?)

इस योजना का लाभ रैयत कृषक, जमीन के कागजात के आधार तथा गैर रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर ले सकते हैं। एकरारनामा का प्रारूप दिए गए Link पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता संबंधित विवरण की जांच स्वयं कर लें। क्योंकि योजना के नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा। लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाएगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

Call Back Button

क्विक लिंक

लोकप्रिय ट्रैक्टर ब्रांड

सर्वाधिक खोजे गए ट्रैक्टर