बीज नीति (Seed Policy) : किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नई नीति-योजनाएं तैयार कर किसानों को सुविधाएं दी जा रही है, ताकि वे बेहतर खेती कर अपनी कमाई बढ़ा सके। बिहार में किसानों को दलहन, तिलहन और मक्का की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए बिहार सरकार राज्य में इस साल नई बीज नीति (Seed Policy) लागू करने जा रही है। इससे राज्य के किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज (Seed) उचित मूल्य पर मिलेंगे। साथ ही बीज उत्पादन (Seed Production) को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य में बीज उत्पादन में भी सुधार होगा अैर किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य कृषि विभाग नई बीज नीति का प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसे एक महीने के अंदर अंतिम रूप दे दिया जाएगा और इसे पूरे राज्य में लागू कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
कृषि विभाग बिहार सरकार के अनुसार, मौजूदा वक्त में राज्य में अलग-अलग फसलों के लिए करीब 15 लाख क्विंटल बीज (Seed) की आवश्यकता है। लेकिन, राज्य में लगभग तीन से चार लाख क्विंटल बीज का ही उत्पादन (Production) होता है। इससे किसानों को जरूरी बीज दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है। राज्य की कई निजी बीज कंपनियां किसानों को महंगे दाम पर बीज उपलब्ध कराती है। लेकिन, कई बार महंगे भाव के बीज खरीदने के बाद भी किसानों को उम्मीद के अनुसार पैदावार नहीं मिलती है, क्योंकि कंपनियां किसानों को महंगे दाम पर हल्की गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराती है, जिसके चलते किसानों की खेती उपज प्रभावित हो जाती है। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए कृषि विभाग द्वारा नई बीज नीति तैयार की जा रही है। इस नीति के तहत बीज उत्पादन में किसान आत्मनिर्भर बने, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
विभाग की जानकारी के मुताबिक, इस नई बीज नीति में किसानों को बीज उत्पादन के लिए अनुदान मिलेगा। राज्य में सरकारी (Government) और निजी (private) बीज कंपनियों को कृषि विभाग की तरफ से जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराया जाएगा। शर्त के साथ बीज उत्पादन (Seed Production) के लिए कृषि विभाग माध्यम बनेगा। बीज उत्पादन के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा सहित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की सहायता ली जाएगी। इस नीति से राज्य के किसानों को खेती के लिए उन्नत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और उन्हें महंगे भाव के बीज खरीदने की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही उत्पादन से किसानों की आय बढ़ेगी।
इस नीति के तहत बिहार कृषि विभाग का फोकस राज्य में गेहूं, दलहन और तिलहन के बीज उत्पादन पर रहेगा। साथ ही संकर धान-मक्का बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई बीज नीति में प्रावधान किए जा रहे हैं। किसानों को आलू बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मसूर, अरहर, मूंग, चना, मटर फसलों के बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। तिलहनी फसल सरसों, तिसी (अलसी) और सूरजमुखी फसल के बीज उत्पादन पर अधिक जोर होगा। आगामी रबी सीजन में प्राइवेट बीज उत्पादक कंपनियों के साथ मिलकर किसानों के सहयोग से हाइब्रिड (संकर) बीज उत्पादन का लक्ष्य है।
दलहन की खेती में किसान आत्मनिर्भर बने, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है और उन्हें एनसीसीएफ की तरफ से निशुल्क बीज का भी वितरण किया जा रहा है। बिहार के तीन जिलाें गया, नवादा और जमुई को दलहन की खेती के लिए चयनित किया गया है। इन क्षेत्रों में लगभग 10,000 हेक्टेयर में इस वर्ष दलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज भी उपलब्ध कराया गया। इन क्षेत्रों की जलवायु अरहर की खेती के लिए काफी उपयुक्त है और यहां पहले से ही अरहर की खेती होती आ रही है। हालांकि, जागरूकता के अभाव में किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती नहीं कर पाते हैं। बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र में एनसीसीएफ और कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से इस वर्ष गया जिले के 400 से अधिक किसानों को 2 किलो निशुल्क अरहर का बीज दिया गया और उन्हें अरहर की खेती की विधि के बारे में बताया गया है।
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