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Soybean Price Today: 3200 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा भाव, सोयाबीन की कीमतों में रिकॉर्ड मंदी

Soybean Price Today: 3200 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा भाव, सोयाबीन की कीमतों में रिकॉर्ड मंदी
पोस्ट -04 सितम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Soybean Price Today: सोयाबीन के रेट में निचले स्तर की गिरावट, बाजारों में 3200-3700 रुपए प्रति क्विंटल के बीच पहुंचा भाव

Soybean Market Rate : केंद्रीय खाद्य सचिव की अध्यक्षता में पिछले दिनों राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ एक बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय खाद्य सचिव ने राज्यों के खाद्य सचिवों और एफसीआई के साथ आगामी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 के लिए फसलों की खरीद की व्यवस्था पर चर्चा की और खरीफ धान समेत मोटे अनाजों की खरीद का लक्ष्य रखा। उत्पादक किसानों को अधिक फायदा पहुंचे, इसके लिए केंद्र ने इस विपणन सत्र में फसलों की सरकारी खरीद का लक्ष्य बढ़ाया है। इस बीच सोयाबीन की कीमतों में रिकॉर्ड मंदी दर्ज की गई। महाराष्ट्र और इससे सटे बाजारों में सोयाबीन के रेट 3500-3700 रुपए प्रति क्विंटल के आस-पास पहुंच गया। पिछले 10 वर्षों से भी अधिक समय में सोयाबीन के भाव इतने निचले स्तर पर कभी नहीं आए थे। मंडियों में केंद्र सरकार द्वारा विपणन सत्र 2024-25 में सोयाबीन के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) से भी कम कीमत है, जिससे उत्पादक किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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वसूल नहीं हो पा रही लागत (cost that cannot be recovered)

उत्पादक किसानों का कहना है, खुले बाजार में सोयाबीन के जो दाम मिल रहे हैं उनसे लागत भी वसूल नहीं हो पा रही, मुनाफा कमाना तो दूर की बात है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने 2024-25 खरीफ विपणन सत्र के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले वर्ष की तुलना में सरकार ने मौजूदा विपणन सत्र 2024-25 के लिए सोयाबीन के एमएसपी में 292 रुपए की वृद्धि की। पिछले सीजन सोयाबीन का न्यूनतम समर्थ मूल्य 4600 रुपए प्रति क्विटल था। बाजारों में सोयाबीन की कीमतें मौजूदा एमएसपी से 1192-1692 रुपए तक कम है। सोयाबीन के रेट में गिरावट से किसानों को कम आय होने की संभावना है।

निचले स्तर पर सोयाबीन की कीमतें (Soybean prices at lower levels)

सोयाबीन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के मुताबिक, सोयाबीन की कीमतें पिछले दस वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। आज से 10 साल पहले सोयाबीन के दाम 2900 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर थे। खाद्य तेलों के सस्ता आयात को सोयाबीन की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट का एक बड़ा बताया जा रहा है। सरकार ने मार्च 2025 तक देश में शून्य शुल्क पर खाद्य तेलों के आयात की मंजूरी दी है। मुद्रास्फीति नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद देश में खाद्य तेलों का आयात काफी बढ़ गया है, जिससे किसानों की आय पर चोट पड़ रही है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2024 में भारत में 18.4 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ, जो जून के 18.5 लाख टन की तुलना में मामूली कम है। इतने बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों के आयात का असर बाजार पर पड़ना तय है।

किसानों ने शुरू किया प्रदर्शन (Farmers started protest)

भारत में इस खरीफ सत्र में लगभग 1.25 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई थी। यह सोयाबीन के सामान्य रकबे से करीब 2 प्रतिशत अधिक है। पिछले 5 वर्षों का औसत रकबा सामान्य रकबा कहलाता है। सोयाबीन की कीमतों में गिरावट से महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में किसानों ने 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल खरीद मूल्य की मांग के समर्थन में प्रदर्शन करना शुरू किया है। महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में यही स्थिति दिख रही है। महाराष्ट्र देश में सोयाबीन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। कुछ दिनों पहले जब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के दौरे पर गए थे तो सोयाबीन किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी।

चुनाव नतीजों को कर सकते है प्रभावित (can affect the election results)

विशेषज्ञों के अनुसार, सोयाबीन की कीमतों में गिरावट राज्य सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं है। क्योंकि इस साल नवंबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।  किसान नेता और एमएसपी (MSP) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सदस्य अनिल घनवट के मुताबिक, मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में लगभग 80 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां बड़ी संख्या में किसान आबादी सोयाबीन खेती से जुड़ी हुई है और उसे अपनी आजीविका का मुख्य स्रोत मानते हैं। क्षेत्र के किसान चुनाव नतीजों को उसी प्रकार प्रभावित कर सकते हैं, जिस तरह आम चुनावों के दौरान प्याज उत्पादक किसानों ने किया था। राज्य में लोकसभा चुनावों में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से सत्तारूढ़ गठबंधन को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। प्याज उत्पादक क्षेत्र में वे सभी सीटें हार गए थे। इस बार फिर वही हाल रहा तो किसान राज्य में चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे सरकार की विश्वसनीयता को तगड़ी चोट पहुंचेगी।

मंडियों में सोयाबीन के भाव (Soybean prices in the markets)

कमोडिटी ऑनलाइन के अनुसार, प्रमुख मंडियों में सोयाबीन का औसत भाव 8900 रुपए / क्विंटल रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम मंडी भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार भाव 9000 रुपए प्रति क्विंटल है।

वर्तमान बाजार दरों के अनुसार, सोयाबीन का रेट (According to the current market rates, the rate of soybean)

फसल राज्य जिला मंडी न्यूनतम मंडी भाव अधिकतम मंडी
सोयाबीन तमिलनाडू मदुरै Chokkikulam(Uzhavar Sandhai )- 8000 रुपए / क्विंटल

9000 रुपए / क्विंटल

सोयाबीन महाराष्ट्र लातुर उदगीर 4530 रुपए / क्विंटल 4566 रुपए /क्विंटल
सोयाबीन मध्यप्रदेश धार धर 4100 रुपए / क्विंटल 4510 रुपए/ क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश धार धार Rs 4100 / क्विंटल Rs 4566 / क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश धार राजगढ़ Rs 4170 / क्विंटल Rs 4510 / क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश रतलाम सैलान Rs 4150 / क्विंटल Rs 4170 / क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश शाजापुर नलकेहदा Rs 3915 / क्विंटल Rs 4150 / क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश उज्जैन उज्जैन Rs 4325 / क्विंटल Rs 4341 / क्विंटल
सोयाबीन उत्तर प्रदेश ललितपुर महरौनी Rs 3400 / क्विंटल Rs 4325 / क्विंटल
सोयाबीन मध्य प्रदेश शाजापुर नलकेहदा Rs 3600 / क्विंटल Rs 3900 / क्विंटल
सोबीन महाराष्ट्र वर्धा सिंडी(सेलु) Rs 4150 / क्विंटल Rs 3700 / क्विंटल

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