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पशुपालन बिजनेस 2023: किसानो को कम निवेश में लाखों रुपये का लाभ

पशुपालन बिजनेस 2023: किसानो को कम निवेश में लाखों रुपये का लाभ
पोस्ट -08 अप्रैल 2023 शेयर पोस्ट

पशुपालन बिजनेस 2023: किसानो को कम निवेश में अधिक लाखों रुपये की कमाई 

क्या आप कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं जिसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो और जल्द ही आपका यह बिजनेस आपको लाखों रुपये की कमाई देने लगे? यदि आप पशुपालन व्यवसाय को चुनें यह सबसे बेस्ट रहेगा। आज के दौर में पशुपालन से कई फायदे हैं। भारत में लाखों लोग इस व्यवसाय को अपना कर करोड़ों रुपये सालाना की कमाई कर रहे हैं। पशुपालन एक ऐसा बिजनेस है जो कम निवेश में ही शुरू किया जा सकता है। इसके लिए आप दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि के अलावा सूअर, मछली या मुर्गी पालन भी कर सकते हैं। पशुपालन से सबसे बड़ा फायदा यह है कि दूध और इससे बनने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थों की मांग बाजार में वर्ष भर बनी रहती है। वहीं मछली,  सूअर एवं मुर्गी पालन से मांस आदि की सप्लाई भी व्यापक तौर पर की जा सकती है। वहीं पशुपालन व्यवसाय शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपनी कई योजनाओं में किसान एवं पशुपालकों को सहायता के लिए सब्सिडी का लाभ भी प्रदान करती है। यहां ट्रैक्टर गुरू के इस आर्टिकल में आपको पशुपालन व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है, इसे अवश्य पढ़ें और शेयर करें।

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पशुपालन के लिए ध्यान रखने वाली जरूरी बातें

पशुपालन व्यवसाय करते कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इनमें सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है पशु की अच्छी नस्ल का चयन। भारत में गाय, भैंस, बकरी आदि दुधारू पशुओं की कई उन्नत नस्ले हैं जो ज्यादा दूध देने के कारण भारी मुनाफा प्रदान करती है। इसके अलावा पशुओं के लिए अलग से ऐसे स्थान का चयन करें जहां इन्हें आसानी से रखा जा सके। इनके लिए चारे-पानी का पर्याप्त प्रबंध पहले से करना रहता है। वहीं जब आप यह व्यवसाय शुरू करने जा ही रहे हैं तो दूध आदि की सप्लाई के लिए किसी दुग्ध संग्रहण केंद्र, डेयरी संयंत्र आदि से संपर्क करें। आप स्वयं भी अपनी कोई डेयरी शुरू कर सकते हैं। वहीं समय-समय पर पशुओं के टीकाकरण की व्यवस्था करें ताकि पशुओं में कोई संक्रामक बीमारी नहीं फैल सके।

गौ पालन के फायदे

भारत में गौ पालन की आदिकाल से ही परंपरा रही है। आजकल गाय के दूध की मांग इसके औषधीय गुणों के कारण ज्यादा रहती है। इसके अलावा गाय का दूध सुपाच्य भी होता है। भारत में एक गाय औसतन 10-12 लीटर से लेकर 30 से 35 लीटर तक दूध देती है। गायों की ज्यादा दूध देने वाली प्रमुख नस्ल है गिर गाय। इसे पालकर आप इससे 35 लीटर तक दूध प्राप्त कर सकते हैं।  यदि आपने 5 गायें भी पाल ली तो रोजाना करीब 2 हजार रुपये की कमाई होगी। गाय के दूध से दही, छाछ, घी और मावा बनाकर भी बेचा जा सकता है। वहीं इसका गोबर खाद, उपले आदि बनाने के काम आता है। आजकल अमेजन जैसी कंपनियां गाय के गोबर से बने कंडे ऑनलाइन बेच रही है।

इन नस्लों की भैंस देगी सबसे ज्यादा दूध

भारत में भैंस की तीन नस्लें सबसे ज्यादा दूध देती हैं। इनमें मुर्रा, मेहसाना और सुरति। मुर्रा नस्ल की भैंस पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा पाली जाती हैं। आप भी इस नस्ल की भैंस खरीद कर पाल सकते हैं। इसके अलावा मेहसाना नस्ल की भैंस गुजरात और महाराष्ट्र में पाली जाती है। यह नस्ल एक महीने में 1200 से 3500 लीटर तक दूध देती है। भैंस की तीसरी अच्छी नस्ल है सुरति जो गुजरात में सबसे ज्यादा पाई जाती है। यह एक महीने में 1600 लीटर से 1800 लीटर तक दूध दे सकती है। इन भैंस के दूध को खरीदने के लिए अमूल और मदर जैसी बड़ी डेयरी ब्रांड भी खुद संपर्क करती हैं। ऐसे में आपके लिए भैंस पालन जम कर कमाई करने वाला व्यवसाय होगा।

बकरी पालन के हैं कई लाभ

पशुपालन के अंतर्गत बकरी पालन भी प्रमुख है। हालांकि आजकल यह गांवों तक ही सीमित है लेकिन आपके आसपास जंगल है तो आप बकरियां पाल सकते हैं। बकरी पालन से दूध के अलावा इनसे पैदा होने वाले बकरों की भी मीट मार्केट में जबर्दस्त मांग रहती है। एक बकरे की कीमत कम से कम 6,000 रुपये होती है। वहीं बकरी का दूध भी गाय की तरह कई बीमारियों में काम आता है। चिकित्सक भी छोटे बच्चों को बकरी के दूध पिलाने की सलाह देते हैं। इस तरह से दूध के अलावा बकरी पालन से दोहरा लाभ मिलता है। बकरियों के अलावा आप भेड़ पालन भी कर सकते हैं। इनसे दूध के साथ आपको ऊन प्राप्त होती है जो बाजार में महंगे दामों पर बिकती है।

मुर्गी फार्मिंग में है ज्यादा कमाई

पशुपालन व्यवसाय के अंतर्गत ही मुर्गी पालन भी शामिल है। इसे कुक्कुट पालन भी कहा जाता है। इसके लिए आपको  ऐसे स्थान पर मुर्गी फार्म बनाना होगा जहां जंगली जानवर आदि आने का खतरा नहीं हो। मुर्गी से मिलने वाले अंडों की बिक्री आपको कुछ ही महीनों में मालामाल कर देगी। आजकल कड़कनाथ मुर्गी की नस्ल काफी लोकप्रिय है। इसके अंडे, चूजे एवं मुर्गे काफी महंगे मिलते हैं। कड़कनाथ मुर्गी या मुर्गे का मांस, खून आदि काले रंग का होता है। इसकी भारत सहित कई देशों में जबर्दस्त मांग चल रही है।

मछली पालन है अधिक मुनाफे का व्यवसाय

भारत में मछली पालन व्यवसाय भी प्रमुख है। आप भी अपना खुद का व्यवसाय मछली पालन के रूप में शुरू करना चाहते हैं तो इसमें मुनाफा ही मुनाफा है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से मत्स्य पालन की अनेक योजनाएं चल रही है। इनमें अनुदान दिया जाता है। यह जरूरी नहीं है कि मछली पालन के लिए किसी  बड़े तालाब की जरूरत हो आप अपने घर के आसपास या खेत में कच्चा तालाब बनाकर भी इसमें मछलियों की उन्नत नस्ल के बीज डालकर मछली पालन कर सकते हैं। मछली पालन के लिए सेल्मन, कैटफिश, कॉड, झींगा, कतला आदि कई नस्ले हैं जो बाजार के हिसाब से ज्यादा मुनाफा प्रदान करने वाली है।

पशुपालन लोन के लिए कहां करें आवेदन ?

बता दें कि पशुपालन के लिए सभी राष्ट्रीयकृत और कई निजी बैंक लोन देती है। इसमें आप किसी सरकारी योजना के तहत भी आवेदन कर सकते हैं अथवा कोई भी पशु खरीदने जैसे गाय, भैंस, बकरी या मुर्गी और मछली पालन के लिए लोन मिल सकता है। सबसे पहले आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर जानकारी करें। वहां से आपको पशुपालन लोन के लिए फार्म मिलेगा। इसमें पूछी गई सभी जानकारियां भर लें जैसे अपना नाम  पता, पशु के प्रकार और नाम ,अपना मोबाइल नंबर आदि। इस आवेदन के साथ आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र ये सभी दस्तावेज संलग्न करें। इसके बाद आवेदन पत्र को बैंक अधिकारी के समक्ष पेश करें। इसका सत्यापन सही पाए जाने के बाद आपको सूचना आ जाएगी कि लोन कब तक मिलेगा।

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