Chaff Cutter Scheme : दुधारू पशु गाय-भैंस को हरा चारा खिलाने के लिए पशुपालकों को काफी मेहनत करती पड़ती है। खेतों से ज्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया, ग्वार, बरसीम, ल्यूसर्न, जई, और गिनी घास जैसी चारा फसल को काटकर लाना, इसके बाद इसकी कुट्टी कर चारे में बदलने के लिए किसानों को काफी श्रम करना पड़ता है। क्योंकि अधिकांश किसान हाथ से चलने वाली सामान्य कुट्टी (चारा काटने) मशीन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अभी बाजार में कई ब्रांड के पावर चलित चाफ कटर (चारा काटने वाली मशीन) उपलब्ध है, जिन पर राज्य की सरकारें अलग-अलग योजनाओं के तहत सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इस कड़ी में गुजरात के पशुपालक किसानों के लिए सरकार चाफ कटर योजना संचालित कर रही है, जिसके अंतर्गत चारा काटने वाली मशीन यानी चाफ कटर पर 18 हजार रुपए तक की सरकारी सहायता पशुपालकों को दी जाती है। सरकार ने इस योजना को राज्य के पशुपालकों को सशक्त बनाने एवं पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के मकसद से लागू किया है। इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी पर चाफ कटर (Chaff Cutter) खरीद कर, पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे को आसानी से काटा (कुट्टी) जा सकता है, जिससे पशु इसे आसानी से खा सकते हैं। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने इस योजना के संबंध में जानकारी दी है।
राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, पशुपालन विभाग, गुजरात सरकार द्वारा राज्य में “एक इलेक्ट्रिक चाफ कटर योजना” (Chaff Cutter Scheme) लागू की गई है। इसके तहत, पशुपालकों को चाफ कटर के लिए इकाई लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 18,000 रुपए की सब्सिडी मिलती है। चाफ कटर (Chaff Cutter) खरीदने के लिए किसान/पशुपालक को 25 हजार से 40 हजार रुपए या 50 हजार रुपए की राशि खर्च करनी होती है। चाफ कटर खरीद का ऑरिजनल बिल डिस्पेंसरी में जमा करना होता है, जिसके बाद सब्सिडी पशुपालक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जमा कर दी जाती है।
पशुपालन अधिकारी के मुताबिक, इस चाफ कटर योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसान/पशुपालक को आई-फार्मर (IKhedut) पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठाने हेतु पशुपालक के पास कम से कम 7 या इससे अधिक पशुओं का होना अनिवार्य है। इसके अलावा, आवेदन के लिए पशुपालक के पास आवश्यक दस्तावेज़ जैसे 7-12 और 8-A उत्रा, आधार कार्ड, राशन कार्ड इत्यादि का होना जरूरी है।
लाभार्थी पशुपालक को अपने ऑनलाइन आवेदन फार्म का प्रिंटआउट और ऊपर बताए गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्नन करके अपने क्षेत्र के नजदीकी सरकारी पशु अस्पताल में जमा करना होगा। इसके बाद विभाग द्वारा एक ड्रॉ निकाला जाता है, जिसमें अगर आवेदित पशुपालक का नाम चयनित होता है, तो उसे सरकार की ओर से 18 हजार रुपए की सब्सिडी सहायता दी जाएगी या फिर मशीन खरीद के दौरान सहायता के रूप में 75 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
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