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सौर कृषि आजीविका योजना : बंजर व बेकार जमीन से लाखों कमानें का मौका, जानें पूरी जानकारी

सौर कृषि आजीविका योजना : बंजर व बेकार जमीन से लाखों कमानें का मौका, जानें पूरी जानकारी
पोस्ट -21 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

सौर कृषि आजीविका योजना में पंजीकरण करना हुआ आसान

बिजली संकट की वजह से देश में किसानों को खेती में किसी प्रकार के संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना को लॉन्च किया था। इस योजना के तहत देशभर में इस्तेमाल हो रहे डिजिटल बिजली पंपों को सौर ऊर्जा पंपों में बदला एंव ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र लगाये जाने का प्रावधान किया गया है। देश के अधिकतर राज्यों में यह योजना संचालित है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना की गाइडलाइन के मुताबिक कई राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर इस योजना में बेहतर काम कर रही है। विभिन्न राज्य सरकारें योजना के माध्यम से अपने स्तर पर किसानों को अतिरिक्त लाभ भी दे रही है। इसी में राजस्थान सरकार अब अपने राज्य में कृषि को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ने के लिए पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा आजीविका योजना बनाई है। इस योजना को 17 अक्टूबर 2022 को राजस्थान राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी द्वारा लॉन्च किया गया है। योजना के तहत बंजर और बेकार पड़ी जमीन पर सोलर पैनल के जरिये बिजली निर्माण किया जाएंगा। जिससे किसान को बंजर एवं बेकार पड़ी खाली जमीन से आजीविका प्राप्त हो सके। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से राजस्थान सौर ऊर्जा आजीविका योजना के बारें में जानते हैं। 

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सौर ऊर्जा आजीविका योजना का उद्देश्य

सौर ऊर्जा आजीविका योजना का उद्देश्य किसानों के लिए आय का सृजन करना है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने किसानों को उनकी अनुपयोगी और बंजर एवं खाली पड़ी जमीन पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए इस योजना को मंजूरी दी थी। योजना का लाभ किसानों को देने के लिए इस योजना के तहत 17 अक्टूबर को राज्य ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सौर कृषि योजना पोर्टल भी लांच किया है। इस पोर्टल से अब खेती योग्य बंजर-बेकार जमीनों के मालिक, किसानों, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी को जोड़ा जा रहा है।

सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल किया लॉन्च

बता दें कि राजस्थान सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सौर कृषि आजीविका योजनाएं बनाई है। इस योजना के तहत कृषि को सौर ऊर्जा के साथा जोड़ा जा रहा है। इसके लिए राज्य में किसानों को उनकी अनुपयोगी और बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता के लिए पोर्टल की शुरुआत की गई है। राजस्थान ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोमवार को विद्युत भवन में पोर्टल की लॉचिंग की। इस पोर्टल https://www.skayrajasthan.org.in/  पर सौर उर्जा के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सभी जानकारी एक स्थान पर मिल जाएंगी। सभी तरह की जानकारीयों वाले इस पोर्टल से सौर उर्जा का प्लांट लगाने वाली कम्पनियां सीधे किसानों से संपर्क कर उनकी जमीन लीज पर ले सकेंगी। 

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 142 गीगावाट तक बढ़ने का प्रयास

विद्युत भवन में पोर्टल की लॉचिंग के दौरान ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थान अन्य राज्यों के मुकाबले सौर उर्जा के क्षेत्र में पहले से नम्बर वन है। प्रदेश को सौर ऊर्जा राज्य बनाने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 142 गीगावट तक बढ़ने का प्रयास चल रहा है। इस प्रयास का सफल बनाने के लिए प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के कंपोनेंट सी के तहत सौर कृषि आजीविका योजना के पोर्टल की शुरूआत की है। यह पोर्टल योजना में पंजीकरण के लिए बनाया गया है। इस पोर्टल पर डेवलपर और किसान दोनों को ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिससे लीज पर भूमि देने वाले किसान और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वाली कंपनी को पूर सूचना मिल सके। 

किसानों को दिन में बिजली मिल सकेगी 

ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि राजस्थान की ज्यादातर जमीन पानी की कमी के कारण बंजर हो चुकी है। यहां ज्यादातर किसानों की जमीन बंजर और अनुपयोगी है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य में कृषि लोड वाले 781 जीएसएस चिन्हित किए है। जहां 3000 मेगावाट का उत्पादन होगा। इससे किसानों को दिन में बिजली मिल सकेगी। ऐसे में सौर कृषि आजीविका योजना के जरिये अब किसानों को इन्हीं बेकार जमीनों से पैसा कमाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की नीतियों से प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निजी व सरकारी क्षेत्रों से निवेश आ रहा है तथा राजस्थान देश में सौर ऊर्जा का हब बनकर उभरा है। इस मामले में मुख्य सचिव उषा शर्मा बताती है कि राज्य में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा और 127 गीगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता मौजूद है।

सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल से लाभ

  • सौर कृषि आजीविका योजना’ से किसानों को अपनी अनुपयोगी और बंजर भूमि लाभकारी लीज दर पर सौर ऊर्जा संयंत्र प्लांट स्थापित करने के लिए देकर आजीविका उपार्जित कर सकते है। 

  • योजना के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां किसान अपनी जमीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए लीज पर देने हेतु पंजीकरण करा सकते हैं।

  • इस पोर्टल पर पंजीकरण कर किसान अपनी जमीन को सौर ऊर्जा संयंत्र प्लांट स्थापित करने के लिए 25 वर्ष तक के लिए लीज पर दे सकेंगे। 

  • ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक सौर ऊर्जा कंपनियां भी जमीन का चयन कर उस जमीन पर सौर संयंत्र स्थापित कर सकेंगी। 

  • योजना में तहत अभी राजस्थान के टोंक जिले में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4.24 मेगावाट का अवार्ड किया गया है। 

  • इस प्रोजेक्ट के तहत यहां के जिले के 656 किसानों को सोलर ऊर्जा मिलेगी। 

  • इसके लिए उनकी जमीन पर उन्होंने आकर्षक लीज मनी दी जाएगी। किसाानों को डीएलसी रेट के अनुसार 8 लाख रूपए तक की जमीन पर 80 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से वार्षिक लीज किराया दिया जाएंगा।

  • वहीं, 20 लाख रुपए से अधिक की जमीन पर 1 लाख 60 हजार रुपए तक का प्रति हेक्टेयर की दर से वार्षिक लीज किराया मिलेगा। इतना ही नहीं हर दो साल में लीज किराया में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि भी होगी।  

  • सौर कृषि आजीविका योजना से सौर ऊर्जा कंपनियां भी संयंत्र स्थापित करने के लिए सुगमता से पीएम कुसुम योजना के तहत लागत का 30 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान प्राप्त कर सकेंगे।

  • राज्य सरकार द्वारा भूमि स्वामीे/किसान, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा, ताकि भूमि स्वामी/किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो सके।

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