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14 करोड़ किसानों को राहत : खाद सब्सिडी डबल, 50 किलो के बैग पर 2501 रुपये की सब्सिडी

14 करोड़ किसानों को राहत : खाद सब्सिडी डबल, 50 किलो के बैग पर 2501 रुपये की सब्सिडी
पोस्ट -24 मई 2022 शेयर पोस्ट

खरीफ सीजन में किसानों को राहत देने वित्त मंत्री ने खाद सब्सिडी डबल करने का किया ऐलान

देश के 14 करोड़ किसानों के लिए खाद सब्सिडी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। केन्द्र सरकार ने खरीफ सीजन में किसानों को राहत देने के लिए खाद सब्सिडी को डबल कर दिया हैं। दरअसल सरकार ने यह फैसला रूस-यूक्रेन संघर्ष, चीन की तरफ से भारी खरीद और अन्य वैश्विक कारणों से अंतरराष्ट्रीय उर्वरक कीमतों में वृद्धि के देखते हुए किया है। उर्वरक कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को सस्ती कीमतों पर खाद मिल सके इसके लिए सरकार ने बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी के अलावा, किसानों को आगे बढ़ाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है। अब किसानों को खाद पुराने दर पर ही मिलेगी। जबकि पूर्व में दोगुना दाम होने की जानकारी मिलने से किसानों में नाराजगी थी और उन्हें खेती में लागत बढ़ जाने की चिंता सता रही थी। मगर इस फैसले ने किसानों को बड़ी राहत मिली है।  

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किसानों को उर्वरकी की बढ़ती कीमतों से बचाया 

केंन्द्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने कहा कि केन्द्र सरकार ने रूस-यूक्रेन के बीज जारी युद्ध और चीन की तरफ से भारी खरीद और युद्ध के मद्देनजर अमेरिका द्वारा रूस पर लगाये गये प्रतिबंध के कारण उर्वरकों के दाम में बीते दिनों हुई बढ़ोतरी से किसानों की रक्षा की है और केन्द्रीय बजट 2022-23 में पहले ही स्वीकृत 1.05 लाख करोड़ रूपये के अलावा 1.10 लाख करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार ट्वीट्स की थ्रेड में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा करने वाले मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए समर्पित है। बता दें कि दुनिया मुश्किल समय का सामना कर रही है और जब दुनिया कोविड -19 महामारी से उबर रही है, यूक्रेन संकट के कारण आपूर्ति की समस्या और विभिन्न वस्तुओं की कमी हो गई है। जिसके चलते कई देशों में मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट फैल गया है।

इस समय कितनी है सब्सिडी

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2020-21 में डीएपी पर 10,231 रुपये प्रति टन सब्सिडी (512 रुपये प्रति बैग) थी। साल 2022-23 में (1-04-2022 से 30-09-2023) 50013 रुपये प्रति टन सब्सिडी (2501 रुपये प्रति बैग) मिलेगी। सरकार पूरे देश में खाद का एक ही रेट रखती है। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में यूरिया की कीमत आज 266 रुपये प्रति 50 किलो बोरी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बढ़कर 4,000 रुपये प्रति बोरी हो गई है। इस तरह प्रत्येक बोरी पर सरकार को करीब 3,700 रुपये की सब्सिडी देनी पड़ रही है। वहीं घरेलू बाजार में डीएपी की कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी है, जबकि इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़कर 4,200 रुपये प्रति बोरी हो गई है। हालांकि एनपीके (जटिल उर्वरक) की कीमत लगभग एक साल से 1,470 रुपये प्रति बोरी पर ही बनी हुई है। एनपीके की कीमत तब से नहीं बदली है जब एक साल पहले इसकी कीमत लगभग 1,300 रुपये से बढ़ाकर 1,470 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया था।

कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्थिति के बावजूद, हमने कृषि क्षेत्र का उच्च विकास सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने और आधुनिक तकनीकों को पेश किया है। वैश्विक मंहगाई के दौर में भी आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। यहां तक कि कुछ विकसित देश भी इस वैश्विक मंहगाई व्यवधानों से नहीं बच सके। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रण में रहे। साथ ही, उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है, हमने गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। नतीजतन, हमारे कार्यकाल के दौरान औसत मुद्रास्फीति पिछली सरकारों की तुलना में कम रही है। केन्द्र वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से सरकार के सभी अंगों से संवेदनशीलता के साथ काम करने और आम आदमी को राहत देने को कहा है। 

30 लाख टन डीएपी और 70 लाख टन यूरिया की व्‍यवस्‍था की

सूत्रों के अनुसार निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि गरीबों और आम आदमी की मदद करने के लिए @PMOIndia @narendramodi की प्रतिबद्धता के अनुरूप, आज, हम अपने लोगों की मदद के लिए और कदमों की घोषणा कर रहे हैं। महामारी के दौरान भी, हमारी सरकार ने कल्याण का एक प्रतिमान स्थापित किया, विशेष रूप से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के साथ। इसे अब दुनियाभर में स्वीकार और सराहा गया है। उन्होंने कहा, मई से शुरू होने वाले खरीफ बुआई सत्र के लिए सरकार ने 30 लाख टन डीएपी और 70 लाख टन यूरिया सहित उर्वरक की पहले से ही व्यवस्था कर ली है। हम खरीफ सत्र की जरूरतों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और जरूरत के अनुसार आगे और खरीद करेंगे।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर उर्वरक की बढ़ती कीमतों के बावजूद, हमने अपने किसानों को इस तरह की कीमतों में बढ़ोतरी से बचाया है। बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी के अलावा, हमारे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जा रही है।

पड़ोसी राज्‍यों की तुलना में कीमतें कम

केन्द्र मंत्री सीतारमण ने कहा कि उर्वरकों के दाम में बीते दिनों हुई बढ़ोतरी का कारण रूप-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध है। रूस से बड़ी मात्रा में खाद उर्वरकों का कच्चा माल आता है, अमेरिका द्वारा रूप पर प्रतिबंध लगाने से पूरी सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उर्वरकों के दाम बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को सस्ती कीमतों पर खाद आपूर्ति के लिए खाद उर्वरकों पर सब्सिडी दिया गया हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में उर्वरक कीमतें पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में बहुत कम हैं। अमेरिका, इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों की तुलना में भी कीमतें कम हैं। उन्होंने कहा, उर्वरक की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वह बेवजह है।

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