देश में छोटे और सीमांत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं भी चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार की आर्थिक सहायता भी मुहैया करवा रही हैं। इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का शुभारंभ किया गया। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का शुभारंभ किया गया है। केंद्र की इस योजना का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से कृषि समुद्री प्रसंस्करण और खाध प्रसंस्करण समूहों का विकास किया जा रहा है। पीएम किसान संपदा योजना एक व्यापक पैकेज है, जिसके तहत फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इससे ना केवल देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास होगा बल्कि किसानों को बेहतर रोजगार के साथ अच्छा रिटर्न भी प्राप्त होगा। केंद्र की यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने में भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा PM Kisan Sampada Yojana से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर भी उत्पन्न होंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा इस योजना के माध्यम से वर्ष 2020 में 32 नए प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था। जिसके लिए सरकार द्वारा 406 करोड रुपए की राशि आवंटित की गई थी। हाल ही में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 7 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का विस्तार किया गया। फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय द्वारा इस योजना कार्यन्वयन मार्च 2026 तक किया जाएगा। जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 4600 करोड रुपए का बजट भी आवंटित किया है।
देश में कृषि समुद्री प्रसंस्करण और खाध प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा पीएम किसान संपदा योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से परिमाण स्वरूप फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण के लिए कई उप योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिनमें मेगा फूड पार्क, कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण/संरक्षण क्षमता का सर्जन/विस्तार, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज बनाने की योजना शामिल है। यह उप योजनाएं कृषकों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगी तथा किसानों को प्रोसेसर बाजार से जोड़ने में कारगर साबित होगी।
पीएम किसान संपदा योजना के अंतर्गत एग्रोप्रोसिंग क्लस्टर परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। इस परियोजना के माध्यम से आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ श्रंखला के माध्यम से जोड़ने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा सामान्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिसमें उद्यमियों के समूह को क्लस्टर दृष्टिकोण के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए उत्पादकों और किसानों के समूह को प्रोसेसर और बाजारों से श्रंखला के माध्यम से जोड़ा जाएंगा।
केंद्र सरकार का मानना है कि एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर परियोजना के माध्यम से माल की उपलब्धता और बाजार के साथ जुड़ाव में आपूर्ति श्रंखला में अंतराल को दूर करके प्रसंस्करण उद्योग के लिए प्रभावी आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएंगा। एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर के माध्यम से सामान्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कम से कम 10 एकड़ भूमि की व्यवस्था 50 वर्षों के लिए की जानी चाहिए। एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर परियोजना से कृषि क्षेत्र का विकास होगा। किसानों को उनके उपज पर बेहतर रिटर्न प्राप्त होगा। किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। प्रोसेसिंग लेवल को बढ़ाने से प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार भी बढ़ेगा। सरकार का दावा है कि यह योजना कृषकों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगी तथा किसानों को प्रोसेसर बाजार से जोड़ने में यह योजना कारगर साबित होगी। इससे करोड़ों किसानों को लाभ होगा। फल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद, मास, मुर्गी पालन, मछली, पकाने के लिए तैयार खाद उत्पादक, शहद, नारियल, मसाले, मशरूम आदि जैसे खराब होने वाले बागवानी और बागवानी उत्पादों पर इस योजना को लागू किया गया है।
केंद्र सरकार की इस योजना का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास किया जा रहा है, जिसमें आपूर्ति श्रंखला में संपूर्ण जुड़ाव स्थापित करना एवं खामियों को दूर करना, मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकरण या विस्तार करना, प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण करना है। यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने में भी कारगर साबित होगी। योजना के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर उत्पन्न होंगे। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में इस योजना के अंतर्गत 32 नए प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था। इन प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा 406 करोड रुपए की राशि आवंटित की गई थी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा इस योजना का विस्तार कर इसे मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है। जिसके लिए सरकार द्वारा 4600 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है। इस योजना के तहत कृषि समुद्री प्रसंस्करण एवं खाद्य प्रसंस्करण समूहों का विकास किया जाएगा।
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