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सहभागिता योजना : किसानों को फ्री में मिलेगी देसी गाय, देखभाल के भी सरकार से मिलेंगे पैसे

सहभागिता योजना : किसानों को फ्री में मिलेगी देसी गाय, देखभाल के भी सरकार से मिलेंगे पैसे
पोस्ट -25 नवम्बर 2022 शेयर पोस्ट

आवारा मवेशियों की देखभाल के लिए यूपी सरकार देगी हर महीने 900 रुपए

उत्तर प्रदेश सरकार कि योगी सरकर ने राज्य में कैमिकल मुक्त फसल उत्पादन, मृदा स्वास्थ्य तथा पर्यावरण-संरक्षण के नेचुरल फार्मिंग योजना संचालित रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य में नेचुरल फार्मिंग को सफल बनाने के लिए कई फैसले लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने प्राकृतिक खेती (नेचुरल फार्मिंग) बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड के गठन के पश्चात अब राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने गोवंश की समृद्धि के लिए बड़ी घोषणा कर दी है। अब सरकार प्राकृतिक खेती  के लिए देसी गायें पालने पर किसान को अनुदान देगी। योगी सरकार का कहना है कि इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को एक देसी गाय के लिए हर महीने 900 रुपए प्रोत्साहन देगी। इसके अलावा सरकार ने एक फैसला और लिया है इस फैसले के अनुसान यदि कोई पशु मालिक अपने मवेशी को आवारा सड़क पर छोड़ता है, तो सरकार उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगी और उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

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मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत मिलेगे पैसे

दरअसल, उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार ने निराश्रित, बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना 2021 को मंजूरी दी थी। यूपी सरकार ने इस योजना के तहत गोवंश की समृद्धि को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने किसानों को सहभागिता योजना के तहत देसी गाय देने के साथ ही अवारा मवेशियों की देखभाल पर 900 रुपये महीना देने की घोषणा की है। ताकि गोवंश को पालने का भार पशुपालक पर न पड़े। इसके अलावा जिन किसानों के पास देसी गाय नहीं है, उन्हें सरकार की ओर से एक देसी गाय मुफ्त में मुहैया कराई जाएगी। इस देसी गाय की सहायता से किसान बेहतर प्राकृतिक खेती कर बढि़या मुनाफा कमा पाएंगे। 

क्या है सरकार की मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना? 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत निराश्रित गोवंश को इच्छुक लोगों को पालने के लिए दिए जाने की योजना है। राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 205.66 लाख गोवंश है। इसमें करीब 12 लाख के आस-पास मवेशी बेसहारा या निराश्रित हैं। यदि किसान इस योजना के तहत अगर 10 बेसहारा मवेशियों को सहारा देता है, यानि उनकी देखभाल करता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है। इसके अतिरिक्त हर महीने 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। इनकी बेहतर ढंग से देखभाल के लिए सरकार हर महीने 900 रुपए भी देगी। सरकार की इस योजना से प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन को भी मदद मिलेगी। 

फैसलों को अमल में लाने के लिए गौशालाओं को जारी किए निर्देश 

रिपोर्टस् की मानें तो यूपी सरकार ने इस फैसलों को अमल में लाने के लिए गौशालाओं को भी निर्देश जारी किया जा चुका है। जारी निर्देश के मुताबिक राज्य पशुपालन विभाग 6,200 गौशालाओं से प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को एक-एक देसी गाय उपलब्ध करवाएगा। पशुपालन विभाग ने इसके लिए लिस्ट तैयार कर ली है। राज्य में जिन किसानों के पास देसी गाया नहीं है, उन्हें पशुपालन विभाग देसी गाय देगा। सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत स्वयं सहायता समूह भी गाय आधारित प्राकृतिक खेती कर सकते हैं। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की ओर से क्लस्टर बनाकर किसान उत्पादक संगठनों में बदला जाएगा। 

नाबार्ड की ली जाएगी सहायाता

सरकार के फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना इस काम के लिए नाबार्ड की भी सहायता ली जाएगी। इसके साथ-साथ सरकार की ओर से गंगा किनारे भी प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। कई किसानों को इसके लिए आर्थिक रूप से मदद भी दी गई है। प्रदेश की योगी सरकार किसानों को कृषि उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए कई अहम कदम भी उठा रही है। जिसकें तहत बुंदेलखंड के 7 जिलों में 235 क्लस्टर बनाकर प्राकृतिक खेती का काम शुरू भी किया जा चुका है। 

सामाजिक सहभागिता से बेसहारा गोवंश की संख्या में आएगी कमी 

गोवंश की समृद्धि को लेकर लिए गए फैसले के अनुसार सरकार का मनाना है। पशुपालकों व किसानों द्वारा आवारा पशुओं को आसरा देने से रास्ते में निराश्रित पशुओं द्वारा होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। साथ ही आवारा पशुओं को आसरा देने से खेती में होने वाले नुक्सान को भी खतम किया जा सकता है। इसके साथ आवारा मवेशियों की देखभाल कर अरिक्त आय भी काम सकते है। तथा इनकी सहायता से कृषि में लागत को कम कर प्राकृतिक खेती से अपनी आय को दोगुना भी कर सकते है। सरकार अपने इस फैसले के तहत पहले चरण में लगभग एक लाख पशुओं को हस्तांतरित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकर का करीब 109 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होगा। इस योजना से सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी व निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी आएगी।

पशु मालिकों पर लग सकता है जुर्माना

यूपी सरकार के इसे फैसले प्रावधानों के मुताबिक यदि कोई भी शख्स जो जानबूझकर अथवा लापरवाही के चलते किसी मवेशी या अन्य पशु को सड़क या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर छोड़ता है और इसके कारण किसी व्यक्ति, संपत्ति को नुकसान व ट्रैफिक में बाधा पहुचंती है, तो पशु मालिक जुर्माना या कार्यवाही भी होगी। सरकार नगर पालिका निगम निर्देश जारी कर चुकी हैं। तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का भी गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ व एसडीएम को अवगत कराएगी। जिलें के डीएम निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत इच्छुक किसानों व पशुपालकों की लिस्ट तैयार करेंगे जिससे उनके खातों में डीबीटी के जरिए 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से उनके बैंक खाते में जमा किए जाएंगे। भ्रष्टाचार की संभावना कम करने के लिए सरकार द्वारा पशुओं की ईयर टैगिंग भी की जाएगी।

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