मनरेगा अपडेट 2024 : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से 12.93 करोड़ मजदूर सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं जबकि रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या 25 करोड़ 63 लाख से ज्यादा है। कुल मिलाकर भारत की आबादी का एक बड़ा भाग मनरेगा योजना से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा कर रही है। मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना और प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करना है। मनरेगा मजदूरी की रेट में हर साल वृद्धि की जाती है और इसके संबंध में केंद्र सरकार नोटिफिकेशन भी जारी करती है।
वित्तवर्ष 2024-25 में सबसे ज्यादा मनरेगा मजदूरी की रेट हरियाणा में 374 रुपए प्रतिदिन है। जबकि सबसे कम अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में 234 रुपए है। वर्तमान वित्तवर्ष के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 27 मार्च को इस योजना के तहत वेतन पुनरीक्षण की अधिसूचना जारी की। मनरेगा मजदूरी में बढ़ोत्तरी की मांग समय-समय पर विभिन्न संगठनों व मजदूरों द्वारा की जाती है। अब लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम के बाद मनरेगा मजदूरी रेट 400 रुपए प्रतिदिन हो सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में इस मुद्दे को उठा रहे हैं और इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 400 रुपए प्रतिदिन करने का दावा कर रहे हैं। आइए ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि मनरेगा मजदूरी (NREGA) बढ़ाने का सच क्या है और किस राज्य में मनरेगा मजदूरी की दर क्या है।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेता मनरेगा मजदूरी (NREGA MAJDOORI) का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई के अवसर पर कांग्रेस ने 'श्रमिक न्याय' गारंटी की बात दोहराई और कहा कि 400 रुपये प्रतिदिन राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन का उसका वादा ही असली '400 पार' है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मजदूरों के लिए पार्टी की गारंटी गिनाई। गारंटियों पर विस्तार से बताते हुए, जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने मनरेगा सहित 400 रुपये प्रति दिन राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन के साथ 'श्रम का सम्मान' (श्रम की गरिमा) का वादा किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अपनी जनसभाओं में मनरेगा की मजदूरी 250 से 400 रुपए करने का वादा कर रहे हैं। राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के खरगोन में कहा कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और मनरेगा योजना के तहत मजदूरों का दैनिक भत्ता 250 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए किया जाएगा। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र में सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपए दिए जाएंगे तथा युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरी भी दी जाएगी।
केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले ही मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) मजदूरी में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर चुकी है। इस संबंध में एक नोटिफिकेशन 27 मार्च 2024 को जारी किया गया। नई दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गई है। मनरेगा की नई दरों के अनुसार राज्यों में मनरेगा की मजदूरी को 3.04 प्रतिशत से लेकर 10.44 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। मनरेगा मजदूरी रेट (MNREGA Wage Rate) की नई सूची 2024-25 इस प्रकार है :
क्र. सं. | राज्य का नाम | मजदूरी दर प्रतिदिन |
1 | आंध्र प्रदेश | 300 रुपए |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 234 रुपए |
3 | असम | 249 रुपए |
4 | बिहार | 245 रुपए |
5 | छत्तीसगढ़ | 243 रुपए |
6 | गोवा | 356 रुपए |
7 | गुजरात | 280 रुपए |
8 | हरियाणा | 374 रुपए |
9 | झारखंड | 245 रुपए |
10 | कर्नाटक | 349 रुपए |
11 | केरल | 346 रुपए |
12 | मध्यप्रदेश | 243 रुपए |
13 | महाराष्ट्र | 247 रुपए |
14 | पंजाब | 322 रुपए |
15 | राजस्थान | 266 रुपए |
16 | उत्तर प्रदेश | 237 रुपए |
17 | उत्तराखंड | 237 रुपए |
18 | पश्चिम बंगाल | 250 रुपए |
19 | तमिलनाडु | 319 रुपए |
मनरेगा योजना के तहत 100 कार्य दिवस के लिए रोजगार की गारंटी प्रदान की जाती है। इस योजना में परिवार का व्यस्क सदस्य आवेदन कर सकता है। आवेदन के 15 के अंदर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। यदि किसी कारणवश 15 दिन में रोजगार नहीं मिलता है तो सरकार द्वारा उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता पहले 30 दिन का एक चौथाई, उसके बाद न्यूनतम मजदूरी दर का 50 प्रतिशत मिलता है।
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