सिंचाई सब्सिडी योजना : सिंचाई तकनीक पर हरियाणा सरकार देगी 85 % सब्सिडी

पोस्ट -17 जनवरी 2023 शेयर पोस्ट

सिंचाई सब्सिडी योजना : हरियाणा किसानो को मिलेगी सिंचाई  तकनिकी पर सब्सिडी

सिंचाई सब्सिडी योजना हरियाणा : देश के कई राज्यों में लगतार गिरते भूजल स्तर ने सरकार और किसानों की चिंता बढ़ा दी है। वर्तमान समय में देश के कई बड़े कृषि सूबे पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और हरियाणा में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। और कृषि उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। इसी बीच हरियाणा राज्य में गिरता भूजल स्तर की समस्या गंभीर मुद्दा बनती जा रही है। भूजल स्तर की इस समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। कृषि में सिंचाई पद्धति को बदलने की बात किसानों से कह रही है। किसानों को कृषि सिंचाई की नई-नई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। पानी बचाने एवं कम पानी में अधिक उत्पादन लेने के लिए नई तकनीक बताए जा रहे है। और माइक्रो इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) तकनीक अपनाने पर विभिन्न सिंचाई योजनाओं के तहत सब्सिडी भी उपलब्ध दी जा रही है। जिनमें धान की खेती छोड़ने और अन्य फसल उगाने के लिए सब्सिडी योजना, सूक्ष्म सिंचाई योजना तथा मेरा पानी-मेरी विरासत जैसी कई योजना भी शामिल है। इन सब के बीच हरियाणा सरकार एक ओर खास योजना लेकर आ रही है, जिसके माध्यम से खेत में बोरवेल लगवाकर ग्राउंड वाटर को फिर से ठीक किया जाएगा। बोरवेल लगवाने पर 3 साल तक किसानों को ही देखभाल करनी होगी। इसके लिए सरकार ने योजना के तहत सिंचाई सब्सिडी योजना देने का प्रावधान भी किया है। सरकार इस योजना का ब्लू प्रिंट जल्द तैयार कर लॉन्च करेगी और किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा। आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से सरकार की इस तैयारी के बारे में जानते है। 

माइक्रो इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) के लिए सब्सिडी 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में  ग्राउंड वाटर लेवल के नीचे गिरने से बढ़े रहे जल संकट की समस्या को उजागर किया। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि में माइक्रो इरिगेशन यानि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सके और ग्राउंड वाटर लेवल को भी सुधारा जा सके। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई यंत्रों पर सिंचाई सब्सिडी योजना (Irrigation Subsidy Scheme) देने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को लागू किया हुआ है। केंद्र की इस योजना के तहत हमारी सरकार राज्य में अपने स्तर पर सूक्ष्म सिंचाई तकनीक यानि माइक्रो इरिगेशन अपनाने के लिए 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी तक भी देती है। उन्होंने कहा सूक्ष्म सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक पैदावार बढ़ती है। साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती हैं।

हरियाणा के इन हिस्सों में कम हुआ ग्राउंड वाटर लेवल

रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के 36 ब्लॉक में ग्राउंड वाटर लेवल लगातार नीचे गिर रहा है। इन ब्लॉक में करीब 10 से 12 साल पहले ग्राउंड वाटर का लेवल 20 मीटर पर था, लेकिन अब ग्राउंड वाटर लेवल लगभग 40 मीटर तक पहुंच गया है। गिरते ग्राउंड वाटर लेवल को ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन में राज्य के लगभग 11 ब्लॉक में धान की खेती रोक दी गई थी। तथा धान की जगह अन्य फसलों की खेती के लिए सब्सिडी भी दी गई। राज्य में ग्राउंड वाटर लेवल का पता लगाने के लिए प्रत्येक गांव में जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा पीजोमीटर भी लगाए जा रहे हैं।

धान की खेती छोड़ने पर सब्सिडी

हरियाणा सरकार योजना इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की खेती छोड़ने एवं अपने खेत खाली छोड़ने और धान के स्थान अन्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। राज्य में फसल विविधिकरण को बढ़ावा दे रही हैं। इसके लिए हरियाणा की खट्टर सरकार ने ’मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ के तहत धान की खेती नहीं करने एवं अपने खेत खाली छोड़े हैं तथा धान के स्थान पर मक्का, अरहर, उड़द, कपास, बाजरा, तिल और बैसाखी मूंग जैसी फसलों की खेती के लिए 7000 प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सब्सिडी राशि किसानों के बैंक खाते में दी जाती है। इसके लिए किसानों को मेरी फसल मैरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन करना होता है।

सरकार के प्रयास सकारात्मक रहे

हरियाणा सरकार की ओर से राज्य में चलाई जा रही मेरा पानी मेरी विरासत योजना का सफल हो रही है। इस योजना के तहत सरकार के प्रयास का सकारात्मक परिणाम  देखने को मिला है। इस बार राज्य में किसानों ने लगभग 1 लाख एकड़ धान के क्षेत्रफल में इस योजना के तहत दलहन, मक्का, बाजरा और सब्जियों का उत्पादन लिया हैं। इसमें एग्रो फॉरेस्ट्री यानी वानिकी को भी शामिल है। इस योजना में धान की जगह प्रति एकड़ में 400 पेड़ लगाने पर राज्य सरकार की ओर से सालाना 10,000 रुपए सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार का पूरा ध्यान ग्राउंड वाटर लेवल को सुधारने पर है, इसके लिए कृषि और बागवानी विभाग की ओर से किसानों को तकनीकी गाइडेंस भी दी जा रही है। और किसानों फसल विविधिकरण योजना के माध्यम से अनुदान भी दिया जा रहा है।

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