मोदी की गारंटी : किसानों से तेंदूपत्ता 5500 रूपए प्रति मानक बोरा की दर से खरीदेगी सरकार

पोस्ट -15 मार्च 2024 शेयर पोस्ट

डबल इंजन की सरकार की पूरी होगी एक और गारंटी, किसानों को मिलेगी तेंदूपत्ता की बढ़ी हुई कीमत

Modi Guarantee : देश में किसानों की समृद्धि और खुशहाली के लिए सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। कई राज्य सरकारों द्वारा पीएम मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प को पूरा करने के लिए केंद्रीय योजनाओं का लाभ किसानों को प्रथामिकता से दिया जा रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय पीएम मोदी ने किसानों की उन्नति के लिए जो गारंटी दी थी, उन्हें पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) सरकार तत्परता से काम कर रही है। सरकार बनने के बाद धान किसानों को दो साल का बकाया बोनस का भुगतान किया गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीद सुनिश्चित करते हुए बीते दिन कृषक उन्नति योजना खरीफ के अंतर्गत 25 लाख किसानों के खातों में 13 हजार 320 करोड़ रुपए की आदान सहायता राशि अंतरित की। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रह करने वाले वनवासी समुदाय के किसानों के लिए खुशखबरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस सीजन में तेंदूपत्ता पारिश्रमिक की राशि को बढ़ा दिया है। सरकार अब 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर पर तेंदूपत्ता की खरीदी सुनिश्चित करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल और छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐलान कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग साढ़े 12 लाख से ज्यादा वनवासी परिवारों को फायदा होगा। साथ ही छत्तीसगढ़ में बंद पड़ी चरण पादुका योजना (Charan Paduka Yojana) को भी फिर से शुरू करने की घोषणा सीएम विष्णु देव साय ने कर दी है।

वर्ष 2024 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर 5500 रुपए प्रति मानक बोरा

भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि अगर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनती है, तो तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाई जाएगी और बढ़ी कीमत पर तेंदूपत्ता की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए इसकी घोषणा भी कर दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यदि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनी, तो हम तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर देंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस योजना के शुभारंभ का ऐलान करता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर 5500 रुपए प्रति मानक बोरा होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम राज्य में चरण पादुका योजना को फिर से शुरू करेंगे।

12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारों को सीधा लाभ

आयोजित ’जंगल जतरा 2024’ महासम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) ने कहा है कि बस्तर संभाग की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों और तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बीच उपस्थित होकर गर्व हो रहा है, क्योंकि इस कार्यक्रम के माध्यम से मोदीजी की एक और गारंटी को हम पूरा करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण (Tendu leaves collection) करने वाले परिवारों से 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से खरीद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में बढ़ोतरी से 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी से संग्राहक परिवारों के भाई-बहनों को 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुनाफा होने की संभावना है। साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहक वनवासी भाई-बहनों के लिए हमारी सरकार नई सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ कर रही है।

लघु वनोपज ही आय का जरिया

बता दें कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ी आबादी की आय का जरिया लघु वनोपज ही है। यहां बड़ी संख्या में वनवासी समुदायों के संग्राहक लोग आजीविका के लिए जंगलों में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करते हैं और इसे बेचकर मुनाफा कमाते हैं। हालांकि पहले तेंदूपत्ता संग्राहक भाई-बहनों को तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक बहुत कम मिलता था, क्योंकि तेंदूपत्ता कृषि उपज श्रेणी से बाहर था, लेकिन अब इसे सरकार ने कृषि उपज श्रेणी में शामिल करते हुए इसकी कीमत में बढ़ोत्तरी कर दी है। राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) की छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए मानक बोरा कर दिया है। साल 2018 तक प्रदेश में तेंदूपता पारिश्रमिक दर 2500 रुपए प्रति मानक बोरा थी, जिसे साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा घोषित किया गया।

लघु वनोपजों का होगा मूल्य संवर्द्धन

मुख्यमंत्री साय ने इस कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार गांव, गरीब, आदिवासी, किसानों, महिलाओं और युवाओं की चिंता करने वाली सरकार है। छत्तीसगढ़ में भी हमारी सरकार को उन्होंने यही निर्देश दिया है। उन्होंने जो गारंटियां दी थी, वह छत्तीसगढ़ की समृद्धि और खुशहाली की गारंटियां हैं। हम एक-एक करके उनकी हर गारंटी को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर में 65 तरह की लघु वनोपजों का संग्रहण होता है, जिसमें इमली, महुआ, अमचूर आदि का निर्यात भी किया जाता है। इनका ज्यादा से ज्यादा प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन स्थानीय स्तर पर ही हो, इस दिशा में ठोस प्रयास किया जाएगा। यहां पर भरपूर मात्रा में कोदो-कुटकी-रागी की उपज होती है। इन मोटे अनाजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा की जाएगी। मोटे अनाज के उत्पादक किसान भाई-बहनों को सरकार की ओर से पूरा प्रोत्साहन और सहयोग दिया जाएगा।

जानिए क्या है तेंदूपत्ता और क्या है इसकी उपयोगिता

तेंदूपत्ता एक प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाला पौधा है। इसके पत्तों से बीडी बनाई जाती है। तेंदूपत्ता की खेती में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश अव्वल राज्य है। इन राज्यों में इसे हरा सोना भी कहा जाता है। मार्च व अप्रैल महीने के दौरान तेंदूपत्ता के पेड़ से नए पत्ते निकलते हैं जो बीड़ी बनाने के लिए योग्य होते हैं। इन पत्तों का संग्रहण मई के पहले सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक किया जाता है। तेंदूपत्ता का वृक्ष घने जंगल में पाया जाता है जिसकी लंबाई 28 मीटर तक होती है। इस पेड़ पर फल लगता है जिसे तेंदू फल कहा जाता है जो मीठा होता है।

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