Cabinet Meeting Haryana : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों में न्यूनतम प्रीमियम देकर, किसान बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का उचित भुगतान पा सकते हैं। यह योजना हर प्राकृतिक आपदा या अन्य नुकसान की स्थिति में किसान को उचित मुआवजा दिलवा कर फसल के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है। इस बीच हरियाणा में प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार ने एक और किसान हितैषी फैसला लिया है। किसानों की समस्याओं को समझते हुए नायब सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कंपनियों का चयन किया है। यह फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) की बैठक में लिया गया है। खरीफ मौसम 2024 से रबी सीजन 2025-26 तक की अवधि के लिए इन बीमा कंपनियों का चयन प्रदेश सरकार ने किया है। इस अवधि तक यह चयनित कंपनियां हरियाणा में फसल बीमा को कवर करेगी। इस अवधि के लिए सरकार फसल मुआवजे के लिए प्रीमियम के रूप में 1100 करोड़ रुपए की राशि चुकाएगी।
किसानों को केवल 1 से 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना होगा। शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें वहन करेंगी। इसके अतिरिक्त, एचपीपीसी, विभागीय उच्च-शक्ति प्राप्त खरीद समिति (डीएचपीपीसी), और उच्च-शक्ति प्राप्त कार्य क्रय समिति (एचपीडब्ल्यूपीसी) में कुल मिलाकर 1970 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों और विभिन्न वस्तुओं की खरीद को भी मंजूरी नायब सरकार ने दी गई। विभिन्न बोलीदाताओं के साथ बातचीत से 132 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई।
बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा गुरुग्राम के सेक्टर 68-75 में नए सेक्टरों में करीब 55 करोड़ रुपये की लागत से आरसीसी बॉक्स टाइप मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन के निर्माण और सेक्टर 112-115 में 33 करोड़ रुपये की लागत से आरसीसी बॉक्स टाइप मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन व पंपिंग स्टेशन के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए. श्रीनिवास ने कहा, "जीएमडीए शहर में बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। सेक्टर 68-75 और 112-115 में बैलेंस मास्टर ड्रेनेज नेटवर्क बिछाने का काम जल्द ही जीएमडीए द्वारा शुरू किया जाएगा।
"सेक्टर 68 से 75 में ड्रेनेज नेटवर्क को बढ़ाने के लिए, लगभग 17.63 किलोमीटर लंबाई का मास्टर स्टॉर्मवॉटर ड्रेन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा, जिसमें विभिन्न आकारों के आरसीसी बॉक्स टाइप स्टॉर्म वॉटर ड्रेन का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, बैठक में गुरुग्राम जिले के सोहना में लगभग 17 करोड़ रुपये की लागत से सब डिवीजन कॉम्प्लेक्स और फरीदाबाद के बड़खल में लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से एसडीओ सिविल कॉम्प्लेक्स के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में 12 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से करनाल जिले में कोंड मुनक सालवान असंध रोड के सुदृढ़ीकरण और 30 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से सिरसा शाखा की आरडी संख्या 0-88588 से कंक्रीट साइड लाइनिंग के साथ रीमॉडलिंग कार्य को भी मंजूरी दी गई।
नायब सिंह सरकार ने इस बैठक में हरियाणा रोडवेज के बेड़े के लिए 290 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से 150 एसी बसें और 500 नॉन-एसी बसें खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त, खाद्य आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) जैसी खरीद एजेंसियों द्वारा बारिश से अनाज को बचाने और भंडारण के लिए मल्टीलेयर कवर और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत को मंजूरी दी गई। बैठक में पुलिस विभाग द्वारा लगभग 14 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से आरएफएसएल भोंडसी, सुनारिया और मधुबन के लिए दो हजार महिलाओं के बॉडी प्रोटेक्टर और विशेष उपकरणों एवं अन्य सामान खरीदने के लिए एजेंडे को भी मंजूरी दी गई।
भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) चलाई जा रही है। यह किसानों को प्राकृतिक आपदा या अन्य कीट पतंगों से हुए फसल नुकसान से राहत दिलाने वाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। यह पंजीकृत किसानों को नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजा दिलवा कर उनकी फसलों के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है। इस योजना में चयनित बीमा कंपनियां राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों द्वारा बाई गई उनकी फसलों का बीमा करती हैं। किसान इस योजना के तहत अपनी खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक फसल बीमा पोर्टल (http://pmfby.gov.in) पर ऑनलाइन करा सकते हैं और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बोई जाने वाली फसलों पर बीमा का कवरेज भारत सरकार के पोर्टल pmfby.gov.in पर होता है। प्रीमियम राशि केवल NCIP-Portal के भुगतान गेटवे Pay-Gov. द्वारा ही भेजी जाएगी। खराब या क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा लेने के लिए सभी किसानों का आधार नंबर होना अनिवार्य है।
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