ट्रैक्टर समाचार सरकारी योजना समाचार कृषि समाचार कृषि मशीनरी समाचार मौसम समाचार कृषि व्यापार समाचार सक्सेस स्टोरी समाचार सामाजिक समाचार

किसानों को एग्री फूड प्रोसेसिंग के लिए सरकार देगी 2 करोड़ रुपये का लोन

किसानों को एग्री फूड प्रोसेसिंग के लिए सरकार देगी 2 करोड़ रुपये का लोन
पोस्ट -15 जुलाई 2022 शेयर पोस्ट

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्चर फंड : किसानों को मिलेगा ब्याज में छूट और सब्सिडी का लाभ

केंद्र सरकार जल्द ही किसानों को एग्री फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए बड़े स्तर पर लोन देने की योजना बना रही है। ये संकेत केंंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने दिए हैं। उन्होंने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्चर फंड के संदर्भ यह दावा किया कि यदि कोई किसान एफपीओ या कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से अपने कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग करना चाहते हैं तो सरकार इस काम के लिए उन किसानों को  2 करोड़ रुपये का आसान ऋण उपलब्ध कराएगी। यही नहीं इस लोन में संबंधित कृषक उत्पादक संघ को ब्याज में छूट मिलेगी और सरकार सब्सिडी का लाभ भी प्रदान कर सकती है। आइए, ट्रैक्टर गुरू पर पेश इस पोस्ट में आपको भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

New Holland Tractor

अब तक राज्यों को 13 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट दिए

केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अब एग्री फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेगी। इसमें सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत जारी किया है। इसके अंतर्गत करीब 13 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट राज्यों को भेज दिए हैं जिनमें अधिकांश प्रोजेक्ट मंजूर भी हो गए हैं।

केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह बात कृषि मंत्री तोमर ने मेरठ के अंतर्गत आने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय अमरोहा के प्रशासनिक भवन के लोकार्पण के दौरान कही। उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के कृषि क्षेत्र में निजी निवेश भी बहुत जरूरी है।

जानें, एफपीओ से छोटे किसानों को क्या होगा फायदा

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनका किसानों को जल्द ही फायदा मिलने वाला है। वहीं कृषि क्षेत्र में सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है। देशभर में 10 हजार एफपीओ बन रहे हैं। एफपीओ में अधिक से अधिक संख्या में छोटे किसान जुड़ेंगे तो खेती का रकबा भी बढ़ेगा। इसके साथ ही किसान नई तकनीक से उत्पादकता बढ़ाएंगे। जब कुल उत्पादन ज्यादा होगा तो किसानों को इसके दाम भी अच्छे मिलेंगे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद होगी मददगार

भारत के किसान नवीन अनुसंधानों और तकनीकों के आधार पर यदि खेती करेंगे तो निश्चित तौर पर उनकी आय में दोगुना से भी अधिक वृद्धि हो सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा है कि खेती के समक्ष आज कई तरह की चुनौतियां आ रही हैं। भूूमिगत जल स्तर का नीचे जाना, औद्योगिकीकरण और आबादी विस्तार के कारण जमीनों का कम होना आदि कई तरह की चुनौतियां हैं। ऐसे में किसानों को सही समय पर खाद-बीज की व्यवस्था हो, सिंचाई सुविधाएं बढ़ेे आदि के लिए सरकार काम कर रही है। वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भी इसमें मददगार बन रही है। परिषद कृषि संस्थानों के माध्यम से किसानों को नई तकनीक प्रदान कर रही है। नये-नये शोध किसानों को उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

ड्रोन के प्रयोग से होंगे कई फायदे

भारत में अब ड्रोन से खेती की जाएगी। इस नई तकनीक का विस्तार करते हुए केंद्र सरकार ने ड्रोन पॉलिसी घोषित की है। ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा तो कीटनाशकों की बचत होगी। इसका सही तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा। साथ ही मानव शरीर को दुष्प्रभावों से भी बचाया जा सकेगा। ड्रोन पॉलिसी से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार ने कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी भी देना तय किया है।

आर्गेनिक खेती से किसान होंगे मालामाल

केंद्र सरकार किसानों को खेती में नई तकनीक अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है, उसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार भारत में जैविक खेती पर जोर दे रही है। इसके पीछे भी किसानों की वार्षिक आय में वृद्धि करना और इन्हे आत्मनिर्भर बनाने का ही मुख्य उद्देश्य है। यहां बता दें कि जैविक खेती से किसान अपने उत्पादों को महंगे दामों में बेच सकेंगे। जैविक कृषि उत्पाद ना सिर्फ महंगे होते हैं क्योंकि  इसका बड़ा इंटरनेशनल मार्केट है। जैविक उत्पादों की कीमत महज चार साल में ही तीन गुना से अधिक हो गई, इसलिए केमिकल फ्री खेती भारतीय किसानों के लिए कई लिहाज से अच्छी मानी जा सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2020-21 में भारत ने 69 देशों में अपने आर्गेनिक उत्पादों का निर्यात किया। इससे 7 हजार करोड़ से अधिक की विदेशी मुद्रा देश को मिली।

जैविक उत्पादों के निर्यात में मध्यप्रदेश सबसे आगे

यहां बता दें कि भारत ने किसानों द्वारा जैविक खेती के जरिए तैयार कृषि उत्पादों का निर्यात वर्ष 2020-21 में 888180 मीट्रिक टन किया था। वर्तमान में देश में करीब 39 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है। इसमें से अकेले मध्यप्रदेश के पास 17.31 लाख हेक्टेयर एरिया है। यहां कुल 43.38 लाख किसान जैविक खेती कर रहे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश भी आर्गेनिक खेती करने और एक्सपोर्ट में प्रगति पर हैं।

ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह महिंद्रा ट्रैक्टर व सोनालिका ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

Call Back Button

Quick Links

Popular Tractor Brands

Most Searched Tractors