Pesticide spraying : देश के कई इलाकों में आज किसान पारंपरिक फसलों की खेती के स्थान पर फलदार बागवानी फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन सब पर राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को आर्थिक सहायता सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार भी राज्य में पारंपरिक फसलों की बजाय अब बागवानी फसलों की खेती को आगे बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कई बागवानी विकास योजनाएं लागू कर किसानों को आम, अमरूद और लीची जैसे फलदार पौधों की बागवानी के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है।
हर साल मौसमी गतिविधियों में हो रहे परिवर्तन के चलते बेमौसम बारिश, हवा, आंधी-तूफान और कीट-रोगों के प्रकोप के कारण आम, अमरूद और लीची की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में बागवानी खेती में हो रहे इस नुकसान को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार इस सीजन में लीची, आम और अमरूद जैसी कई फलदार फसलों की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क है। राज्य सरकार ने पहली बार आम के साथ ही लीची एवं अमरूद के बागों को फसल सुरक्षा योजना में शामिल किया है, ताकि मधुआ और दहिया कीट-व्याधियों से आम और अमरूद के पौधों की सुरक्षा की जा सके। सरकार इस योजना के तहत फलों के पौधों पर कीटनाशी दवाओं का छिड़काव कराएगी। इसके लिए सरकार करीब 8 करोड़ 54 लाख रुपए की धनराशि खर्च करेगी। पेड़ों पर कीटनाशी दवा का छिड़काव करने के लिए उद्यान निदेशालय ने किसानों को अनुदान देने का प्रावधान भी किया है, जिसके लिए विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। राज्य के इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मंजर लगे और पके आम को पेड़ से गिरने से रोकने और लीची व अमरूद फलों की मधुआ और दहिया कीट-व्याधियों से सरंक्षण के लिए पौधों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाया जाएगा। दरअसल, इन कीटों के प्रकोप से आम के पेड़ से मंजर और पके आम गिरने लगते हैं, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है, अब इसे रोकने के लिए मंजर और इसके बाद वाली अवस्था वाले आम, लीची और अमरूद के पेड़ों पर कीटनाशी दवा का छिड़काव राज्य उद्यान विभाग द्वारा कराया जाएगा। इसके लिए फसल सुरक्षा योजना के तहत विभाग द्वारा इन फलदार पौधों पर दो बार दवा का स्प्रे कराने का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जाएगा। इसके लिए बागवानी किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। लाभार्थियों का चयन “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर होगा। फ्रूट ड्रॉप मैनेजमेंट से दवाओं का छिड़काव होगा।
उद्यान विभाग के अनुसार, योजना के तहत आम के पेड़ों पर दो बार कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाएगा। पहला छिड़काव वृक्ष पर आम के टिकोले लगने पर किया जाएगा, जिसमें प्रति पेड़ 76 रुपये का खर्च आएगा। इस पर योजना के प्रावधान के अनुसार किसानों को 57 रुपए या 75 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा, जबकि दूसरी बार का छिड़काव टिकोले के कुछ बड़े होने पर किया जाएगा, जिस पर प्रति पौधा 96 रुपए आने वाले खर्च पर 72 रुपए की सब्सिडी लाभुकों को प्रदान की जाएगी। वहीं, अमरूद के वृक्षों को कीटों से बचाने के लिए पहले कीटनाशक छिड़काव पर प्रति पौधा लागत 44 रुपए पर 33 रुपए का अनुदान सरकार देगी, जबकि दूसरे छिड़काव कीटों के प्रबंधन के लिए 60 रुपए खर्च पर 45 रुपए की सब्सिडी देने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है।
फसल सुरक्षा योजना के तहत उद्यान निदेशालय राज्य में किसानों के लीची, आम और अमरूद के बागों में कीटों के प्रबंधन के लिए पौधों और फलों छिड़काव कराने जा रहा है। पेड़ों पर कीट-व्याधियों के प्रबंधन के लिए छिड़काव करने के लिए विभाग ने पांच एजेंसियों का चयन किया है। इन एजेंसियों के कर्मी खुद कीटनाशक दवा और मशीन लेकर चयनित किसानों के बागों में जाएंगे और दवाओं का छिड़काव करेंगे। इसके अतिरिक्त, योजना के प्रावधानों के अनुसार किसानों को प्रति पौधा आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत अनुदान काटकर शेष लागत का भुगतान एजेंसी कर्मी को करना होगा। एक किसान को अधिकतम 112 आम के वृक्षों पर छिड़काव के लिए अनुदान मिलेगा। वहीं, अमरूद के बागों में कुल 56 वृक्षों को कीटों से बचाने के लिए छिड़काव पर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
इस योजना के प्रावधानों के अनुसार, लीची के अधिकतम 84 वृक्षों पर कीट-व्याधियों के प्रबंधन के लिए दवा का छिड़काव करने पर अनुदान मिलेगा। योजना के तहत सरकार लीची के पेड़ों पर दो बार दवाओं का स्प्रे कराने के लिए सब्सिडी देगी। इसमें लीची के पेड़ों को कीटों से बचाने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए लीची के पेड़ों पर पहला छिड़काव मंजर अवस्था में लीची माइट प्रबंधन के तहत छिड़काव खर्च 316 रुपए निर्धारित किया गया है, इस पर सरकार किसानों को 162 रुपए की सब्सिडी देगी, जबकि लीची में दूसरे छिड़काव के लिए 152 रुपए निर्धारित लागत पर किसानों को 114 रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार द्वारा फलदार पौधों के संरक्षण के लिए अवश्यक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने की योजना लागू की गई। इच्छुक किसान राज्य के कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। विभागीय पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया पहले से ही शुरू की जा चुकी है। लाभुक को ऑनलाइन आवेदन के समय किसान को अपने आधार कार्ड, जमीन की रसीद और किसान निबंधन संख्या की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, किसान को आम, लीची और अमरूद के पेड़ों की संख्या के लिए प्रमाण देना होगा। वहीं, संबंधित जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड या जिले के कृषि उद्यान भवन से भी संपर्क कर सकते हैं।
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