Union Budget 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र की नई सरकार ने पहला फैसला किसान कल्याण के लिए लिया था। साथ ही बुधवार 19 जून को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी भी दे दी। ऐसे में कयास लगने शुरू हो गए हैं कि इस बार केंद्र की पीएम मोदी 3.0 सरकार किसानों को अपने पूर्ण बजट में बड़ी खुशखबरी दे सकती हैं। नई सरकार बनने के बाद किसान कल्याण के लिए पीएम मोदी 3.0 सरकार द्वारा 100 दिन की कार्य योजना तैयार कर कृषक समुदाय की पैदावार बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में विशेष जोर दिया जा रहा है। किसानों का सुखद भविष्य बनाने में जुटी केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की तैयारी में है। अर्थशास्त्रियों और कई इकोनॉमिक फेडरेशन ने मंत्रालय को सुझाव भेजे हैं, जिसमें कहा गया है कि पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाकर 8 हजार सालाना किया जाए। उम्मीद है कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 2 हजार रुपए बढ़ाकर सालाना 8,000 रुपए कर सकती है। इसका ऐलान जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में किया जा सकता है।
लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पहला फैसला किसानों के हित में लिया। पद भार संभालते ही पीएम मोदी ने अपनी जिस पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए वह पीएम किसान सम्मान की निधि की 17वीं किस्त (17th installment of PM Kisan Samman Nidhi) से संबंधित फाइल थी। बीते 18 जून के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक किसान सम्मान सम्मेलन कार्यक्रम (Kisan Samman Sammelan Program) में रिमोर्ट का बटन दबाकर 9.3 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि योजना ( PM Kisan Yojana) की 17वीं किस्त जारी की, जिसकी राशि 20,000 करोड़ रुपए से अधिक थी। अब तमाम मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार जल्द ही इस योजना की राशि बढ़ा सकती है। जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की घोषणा कर सकती है।
विश्लेषक इसके पीछे कई वजह भी बता रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह तो यही है कि देश में किसान आंदोलन की वजह से ही मोदी सरकार की सबसे ज्यादा किरकिरी हुई और आंदोलन वाले राज्यों में चुनावी नुकसान भी झेलना पड़ा। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस बार अपने यूनियन बजट में सम्मान निधि में दी जाने वाली रकम को बढ़ाने से लेकर किसानों हितों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय कर सकती है। पीएम किसान सम्मान निधि में लाभार्थी किसानों को अभी सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 17 किस्तों में अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 3.04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लाभ दिया जा चुका है। पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बन गई है। यूनियन बजट 2024-25 को पेश किए जाने से पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), फिक्की (FICCI) सहित कई वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने सरकार को सुझाव दिया है कि पीएम किसान सम्मान निधि की रकम 6000 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए सालाना कर दिए जाए।
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार छोटे और सीमांत किसानों (marginal farmers) को पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से 6 हजार रुपए सालाना वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह राशि किसानों के बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति 4 महीने के अंतराल में दी जाती है। लंबे समय से इस योजना के तहत दी जाने वाली रकम को बढ़ाने की मांग की जा रही है। अब पूर्ण बजट में इसे 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 8 हजार रुपए किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो केंद्र सरकार पर 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च का बोझ आएगा। वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया था, जिसमें 20 हजार करोड़ रुपए बढ़ाने होंगे। पूर्ण बजट में योजना का कुल बजट बढ़ाकर 80 हजार करोड़ घोषित किया जा सकता है। अगर केंद्र सरकार सम्मान निधि (Samman Nidhi) बढ़ाती है, तो राज्यों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कम होगा। क्योंकि अभी कुछ राज्य सरकारों द्वारा अपने स्तर पर इस राशि में 2 हजार रुपए बढ़ाकर 8 हजार रुपए सालाना लाभार्थियों को दिए जा रहे हैं।
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इसी जून महीने के दूसरे सप्ताह में राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि (PM kisan) के लाभार्थी किसानों को 6000 रुपए के अतिरिक्त हर साल 2 हजार रुपए “मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के माध्यम से देने का ऐलान किया, जिससे यह रकम बढ़कर 8 हजार रुपए हो गई। इस फैसले से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 1300 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। बता दें कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपए प्रदान करती है। बढ़ाई गई रकम का वहन राज्य सरकार खुद करती है। इस बार राज्य में लगभग 56 लाख से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि में 17वीं किस्त के तौर पर 2-2 हजार रुपए प्राप्त हुए।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), फिक्की (FICCI) सहित कई वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को कुछ सुझाव भेजे है, जिनमें एमएसपी पर गारंटी की मांग, उर्वरक पर सब्सिडी में वृद्धि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में दो हजार रुपए बढ़ाना, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाना और पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस को जीएसटी में लाने, मनरेगा में मजदूरी 267 से बढ़ाकर 275 करना, पंचायत स्तर पर फूड प्रोसेसिंग सेंटर बनाने, वेयरहाउस और कोल्ड चेन प्राइवेट कंपनियों को देना आदि शामिल है। बता दें कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 1.71 लाख करोड़ की उर्वरक सब्सिडी दी थी। इससे पहले साल 2022-23 में उर्वरक सब्सिडी 2.55 लाख करोड़ रुपए थी। ऐसे में कयास हैं कि इस बार भी सरकार पूर्ण बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए अपना खजाना खोल सकती है।
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