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खुशखबरी: सिंचाई के लिए डीजल पर नहीं रहना होगा निर्भर, जल्द लॉन्च होगी एक विशेष योजना

खुशखबरी: सिंचाई के लिए डीजल पर नहीं रहना होगा निर्भर, जल्द लॉन्च होगी एक विशेष योजना
पोस्ट -19 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

किसानों को ऑन डिमांड कृषि कनेक्शन देने की तैयारी शुरु, जानें पूरी खबर

कृषि के क्षेत्र में लगातार आ रही सिंचाई की समस्या को देखते हुए बिहार सरकार ने बिजली कनेक्शन दिए जाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। सरकार की इस योजना के तहत किसान खेती के लिए जहां भी बिजली कनेक्शन की मांग करेंगे वहां उन्हें बिजली कनेक्शन मिल सकेगा। इससे उन्हें सिंचाई करने में आसानी होगी और वे डीजल पर होने वाले खर्च से भी बचेंगे तथा फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब किसान बिजली से टयूबवेल चलाकर सिंचाई करेंगे। रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत कृषि फीडर की संरचना तैयार किए जाने को लेकर बिजली कंपनी ने टेंडर जारी कर दी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कृषि फीड़र की संरचना तैयार किए जाने की योजना पर काम आरंभ हो जाएगा। योजना के आरंभ होने से किसान फसलों की सिंचाई आसानी से कर पाएंगे, क्योंकि उनके खेतों में बिजली कनेक्शन की व्यवस्था आसानी से उपलब्ध होगी। किसानों को यह व्यवस्था आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए राज्य सरकार ने विद्युत वितरण कंपनी को निर्देष दिए है। आइए ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्सम से इस खबर के बारे में जानते है। 

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कुल 1555 कृषि फीडर तैयार किए जाएंगे

जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार की इस नई पहल से किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी। फसलों की सिंचाई के लिए यदि कोई किसान कृषि कनेक्शन की मांग करता है, तो उसे तत्काल बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। विभाग नजदीक लाइन से किसान को कनेक्शन देगा। बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर (आरडीएसएस) स्कीम के तहत तहत दक्षिण व उत्तर बिहार में कुल 1555 कृषि फीडर तैयार किए जाएंगे। कृषि फीडर तैयार होने के बाद बिहार सरकार किसानों को खेती के लिए ऑन डिमांड कृषि कनेक्शन देने के लिए एक विशेष योजना लॉन्च करेंगी।

मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना के तहत अभी दिया जा रहा है कनेक्शन

बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस का कहना है कि वर्तमान में समय के अंदर राज्य में किसानों को पुरानी योजना "मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना" के तहत किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में किसानों को 70 हजार कृषि विद्युत कनेक्शन देने के लिए लक्ष्य तय किया गया था। तय लक्ष्य के विरूद्ध इस पुरानी योजना के तहत अब तक करीब 15 हजार कृषि विद्युत कनेक्शन देना शेष है। उन्होंने कहा लेकिन इस नई योजना की खास बात यह रहेगी की इस योजना के तहत यदि कोई किसान फसलों की सिंचाई के लिए स्थायी कृषि कनेक्शन की मांग करता है, तो उसे एक तय अवधि में कृषि कनेक्शन मिल जाएगा। कृषि कनेक्शन में किसान को बिजली की सामान्य दरों से भुगतान का लाभ भी मिल सकता है। इस नई योजना पर खर्च होने वाली 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार स्वयं खर्च करेगी।  

6,625 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे

सूत्रों की जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी का कहना है कि किसानों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश में लंबित कृषि विद्युत कनेक्शनों को जल्द से जल्द दिए जाएंगे। साथ ही किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए आधारभूत संरचना तैयार किए जाने है। आधारभूत संरचना किसानों की जरूरतों के हिसाब से तैयार होगी। बिजली कंपनी का कहना है कि आम तौर पर किसानों द्वारा 2, 2.5 या फिर 3 बीएचपी के मोटर लगाए जाते हैं। पूर्व में जो कनेक्शन थोड़ी दूरी पर हैं उन्हें नजदीक लाए जाने की योजना पर भी काम होना है। विद्युत उपकेंद्र से जिस तार से कृषि फीडर तक कनेक्शन गया है, उसे जेली केबल लगाकर बदला जाना है। रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत बिजली कंपनी अपने नुकसान को कम करने की योजना पर काम करेगा। इन सभी कामों 6,625 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह राशि नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड तथा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से खर्च किए जाएंगे। 

बिजली उपयोग नहीं करने पर कोई चार्ज नहीं लगता

बिजली कंपनी का कहना हैं कि किसानों को बिजली बिलों में राहत प्रदान करने के लिए सरकार ’मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना’ के तहत उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में अनुदान देकर राहत देती है। किसानों के लिए बिजली कनेक्शन लेने पर कोई फिक्स चार्ज नहीं लिया जाता है। मीटर में जितना यूनिट बिजली उठेगा उसमें प्रति यूनिट के हिसाब से 5.50 प्रति से देय होता है। जबकि उसमें से सरकार की ओर से 4.85 रूपये छूट दी जाती है। प्रति यूनिट के हिसाब से 0.65 पैसा देय होता है। जिससे उपभोक्ता किसानों के बिजली बिल शून्य हो जाता हैं। यदि किसान द्वारा बिजली उपयोग में नहीं ली जाती हैं तो इस पर कोई चार्ज भी नहीं लगता है। बता दें कि डीजल से खेतों की सिचाई में अधिक खपत होती है। मोटर का कनेक्शन लेने के बाद किसानों को खेतों की सिचाई में राहत मिलेगी। 

जल्द ही योजना में बचे किसानों को मिलेंगा कृषि कनेक्शन

बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि आरडीएसएस योजना के तहत दक्षिण व उत्तर बिहार में कृषि फीडर तैयार होने के बाद राज्य सरकार किसानों को खेती के लिए आन डिमांड कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने की योजना लॉन्च करेंगी। इस नई योजना के तहत कंपनी के जरिए किसानों को बिजली कनेक्शन देने का काम शुरू किया जाएंगा। जल्द ही इस नई योजना के तहत बचे हुए किसानों के खेत तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।

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