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गोधन न्याय योजना : किसानों के खाते में सरकार ने ट्रांसफर किए 8 करोड़ रुपए

गोधन न्याय योजना : किसानों के खाते में सरकार ने ट्रांसफर किए 8 करोड़ रुपए
पोस्ट -12 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को भुगतान, ऑनलाइन पैसा जारी 

भारत में ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान के लिए कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं केंद्र सरकार की और से चलाई जा रही हैं। जिनका लाभ उठा कर ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे है। केंद्र  सरकार नाबार्ड की सहायता से देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने एवं पशुपालक किसानों को स्वयं का रोजगार अवसर प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना जैसी कई योजना चला रही है, तो वहीं राज्य भी केन्द्र सरकार की इन्हीं योजना के तर्ज पर अपने अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला कर पशुपालन को बढ़ा दे रहे हैं। और किसानों की आर्थिक मदद कर लाभ पहुंचा रहे है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए गोधन न्याय योजना को संचालित कर रही है। सरकार ने इस योजना को साल  20 जुलाई 2020 को किसानो/पशुपालको को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू किया था।   

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इस योजना के तहत पशुपालन किसानों से गोबर की खरीद की जाती है और उन्हें हर 15 दिन में गोबर खरीदी का भुगतान किया जाता है। यह पैसा किसानों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाता है। पशुपालक करने वालें किसान से खरीदे गए गोबर का उपयोग सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए करती है। इस योजना के जरिये छत्तीसगढ़ सरकार गायो के लिए भी कार्य कर रही है। ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से हम आपको गोबर खरीदी का भुगतना से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे है।  

गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को 8.13 करोड़ का भुगतान  

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों ही गोधन न्याय योजना के तहत लाभार्थीयों के खातों में 8 करोड़ 13 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन किसानों के खातों में ट्रांसफर की है। जानकारी के अनुसार इस राशि में 16 सितंबर से 30 सितंबर तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.67 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 5.34 करोड़ रुपये भुगतान, गौठान समितियों को 1.69 करोड़ और महिला समूहों को 1.11 करोड़ रुपये की लाभांश राशि शामिल हैं। इस राशि को जारी करने का ऐलान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान किया था।

अब तक हितग्राहियों को 350.54 करोड़ का भुगतान 

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गोबर खरीद के एवज में इस भुगतान के साथ गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब 350.54 करोड़ रुपए  का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें 18 करोड़ रुपए की बोनस राशि भी शामिल है। इस योजना के तहत सरकार राज्य के गौठानों के माध्यम से पशुपलान करने वाले किसानों से 2 रूपए किलो की दर से गोबर और 4 प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद की जा रही है। गौठानों में अब तक खरीदे गए गोबर के एवज में ग्रामीणों को 170 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 159.41 करोड़ रुपये राशि की भुगतान किया जा चुका है। 

दीवाली से पहले जारी की जाएगी किसान न्याय योजना की किस्त 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गोबर खरीद के एवज में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खातों में 8 करोड़ 13 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 अक्टूबर तक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त के साथ राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना की राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया जाएगा। यानी दीपावली से पहले योजना के हितग्राहियों के खातें में लगभग 1800 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। इसमें किसान, भूमिहीन कृषि मजदूर और गोबर विक्रेता शामिल है। 

गांवों में गौठान शुरू करने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा

मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा कि गोधन न्याय योजना का लाभ राज्य में अधिक से अधिक किसानों को मिले इसके लिए सरकार गोधन न्याय योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 10,624 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 8,397 गौठान कार्य कर रहे हैं और 3 हजार 89 गौठान स्वावलंबी बन गए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने अब ग्राम पंचायतों के बाद उनके आश्रित गांवों में गौठान शुरू करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना बनाने को कहा है। किसानों से पैरादान (पैरादान यानि फसल अवशेषों का दान) की अपील करते हुए कहा पैरा न जलाएं, गौठानों में मवेशियों के चारे के लिए पैरादान करें। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों से उन्हारी फसलों, सरसों, तिवरा, अलसी आदि के बीज की व्यवस्था करने के निर्देश भी  दिए।  

महिला स्वयं सहायता समूहों को अब तक 65.54 करोड़ रुपये की आय 

मुख्यमंत्री कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में गोधन न्याय योजना के आने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिला है। गोधन न्याय योजना के तहत जब गांवों में गौठान बने तो महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं में गौठान से जुडक़र वहां आजीविका मूलक गतिविधियां चलाई गई। इसके तहत महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट के साथ सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन जैसी गतिविधियों से जुड़ीं जिससे उन्हेें गांवों में ही रोजगार मिल रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगभग 13 लाख 94 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और चार लाख 97 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट और 18 हजार 925 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस का निर्माण किया गया है। इसकी आपूर्ति सरकारी विभागों और किसानों को सोसायटियों के माध्यम से रियायती दर पर की जा रही है। जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों को अब तक 65 करोड़ 54 लाख रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 89 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 46 प्रतिशत महिलाएं है।

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