दरअसल खरीफ सीजन अपने पीक पर है। जिसके तहत खरीफ सीजन की मुख्य फसलें पक कर तैयार होने लगी हैं। कई हिस्सों में खरीफ फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है। इसी के साथ अक्टूबर शुरू होते ही रबी सीजन की तैयारियां भी शुरू हो गई है। देश के कई राज्यों में किसानों के साथ ही राज्य सरकारों ने भी रबी सीजन की अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। ताकि रबी सीजन की फसलों की बुवाई बिना किसी परेशानी के समय पर हो सके। इसी कड़ी में राजस्थान क्षेत्र के किसानों के लिए सरकार की ओर से अच्छी खबर आयी है। राज्य में इस रबी सीजन यानी 2022-23 में सरसों का रकबा बढ़ने की उम्मीद है। इसको लेकर राजस्थान सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिसके तहत राजस्थान सरकार इस बार रबी सीजन के लिए प्रदेश के किसानों को 14 लाख किलो से अधिक सरसों के उन्नत किस्मों के बीज बांटने का फैसला लिया है। कृषि विभाग किसानों को सरसों की 9 उन्नत किस्मों के बीज निशुल्क उपलब्ध करवाएगा। ताकि राज्य में तिलहन उत्पादन को बढ़ाया जा सके। जानकारी के लिए बता दें कि सरसों राजस्थान की प्रमुख तिलहनी फसल है। इसे सिंचित क्षेत्रों के साथ ही नमी वाले क्षेत्रों में आसानी से लगाया जा सकता है। सरसों की फसल कम लागत और कम सिंचाई में अन्य फसलों की तुलना में अधिक उत्पादन देती है। इसलिए सरकार चाहती है कि इस बार राज्य में तिलहन फसलों से बेहतर उत्पादन किसानों को प्राप्त हो और किसान आत्मनिर्भर बने।
राजस्थान में खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसानों ने रबी फसलों की बुवाई का काम भी शुरू कर दिया है। पिछले दिनों हुई बरसात के बाद किसानों ने खेतों में सरसों, गेहूं और चना सहित अन्य रबी सीजन फसलों की बुवाई करते हुए दिखाई दे रहे है। बाजार में बीज की कीमत अधिक होने व कई बार घटिया किस्म का बीज प्राप्त होने से किसान को नुकसान होने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार रबी सीजन 2022-23 में किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहनी के तहत सरसों के 9 प्रकार की किस्मों के बीजों का फ्री वितरण करने का फैसला लिया है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य किसानों तक सरसों की नई किस्मों तक पहुंचाना है, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके। सरकार के इस फैसले के तहत राज्य के 30 जिलों के में इन बीजों का वितरण किया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में 734440 सरसों के बीज मिनी किट बांटने का निर्णय किया है। प्रदेश सरकार खाद्य सुरक्षा मिशन तलहनी के तहत रबी फसल की बिजाई के लिए सरसों बीज के मिनीकीट किसानों को फ्री में दिए जाएंगे। सरसों के बीजों के इन मिनीकीट का वितरण राज्य के 30 जिलों में किया जाएंगा। किसानों से बीज मिनीकीट के एवज में किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं वसूला जाएगा। प्रत्येक मिनीकीट दो किलो का होगा। सरकार के इस फैसले के बाद कृषि विभाग ने बीज वितरण की रूपरेखा तैयार कर बीज निगमों, बीज आपूर्ति संस्थाओं व क्रय-विक्रय सहकारी समिति को आपूर्ति के लिए निर्देशित किया है।
सरकार का कहना है कि किसानों को समय पर उत्तम क्वालिटी का बीज वाजिब कीमत पर मिल सके, इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की तरफ से सरसों के उन्नत बीज निशुल्क उपलब्ध करवाया गया है। रबी फसलों के तहत राज्य में इस वर्ष 14 लाख किलो से अधिक सरसों के उन्नत किस्मों के बीजों का वितरण प्रदेश के 30 जिलों में किया जाना है। सरकार ने इस बार प्रदेश में 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरसों की 10 वर्ष तक की अधिसूचित उन्नत किस्मों के 2 हेक्टेयर तक बुवाई हेतु बीज उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस रबी सीजन में राजस्थान में सरसों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तलहनी के तहत सरसों के 9 किस्मों के बीजों का फ्री वितरण कर रही है। इस फैसले के तहत सरकार ने सरसों की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार प्रदेश के 30 जिलों में सरसों के बीज मिनीकीट बांटने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रता निर्धारित की है। इस पात्रता को पूर्ण करने वाले किसानों को निःशुल्क बीज मिनीकीट दिए जाएंगे। सरसों विशेष कार्यक्रम में वितरित किए जाने वाले मिनी किट का आयोजन जिले के ग्राम पंचायतों के गांवों में करवाया जाएगा। सरसों मिनी किट आयोजन के लिए क्षेत्र में कम से कम 25 हेक्टेयर का क्लस्टर बनाया जाएगा। अनुसूचित जाति और जनजाति तथा गैर-खातेदार/खातेदार एवं गरीबी की रेखा में जीवनयापन करने वाले किसानों को प्राथमिकता के आधार पर बीज मिनीकीट का वितरण किया जाएगा। तो वहीं केवल सामान्य वर्ग की महिलाएं ही बीज मिनीकीट प्राप्त करने के लिए पात्र मानी गई हैं।
राजस्थान सरकार के निःशुल्क बीज मिनीकीट वितरण फैसल के बाद कृषि विभाग ने बीज वितरण के लिए बीज निगमों आपूर्ति के लिए निर्देशित किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार भीलवाड़ा- 6133, चित्तौड़गढ़- 16750, बीकानेर- 15 हजार, चूरू- 10 हजार, जैसलमेर- 35 हजार, अजमेर- 15 हजार, दौसा- 15 हजार, अलवर- 40 हजार, भरतपुर- 42500, धौलपुर- 38700. करौली- 25 हजार, सवाईमाधोपुर- 30 हजार, जयपुर- 25 हजार, टोंक- 60 हजार, जालौर- 20 हजार, सीकर- 35 हजार, हनुमानगढ़- 25 हजार, श्रीगंगानगर- 40 हजार, पाली- 40 हजार, सिरोही- 5 हजार, बाड़मेर- 15 हजार, जोधपुर- 27350, बारां- 23500, बूंदी- 32500, कोटा- 30 हजार, झालावाड़- 25 हजार, झुंझुनूं- 20 हजार, नागौर- 15 हजारसरसों बीज के किट बांटे जांएगे।
राजस्थान सरकार की तरफ से प्रदेश में सरसों का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से 14 लाख से अधिक सरसों के बीजों का वितरण किया जाना है। इसके लिए कृषि विभाग ने बीज वितरण की रूपरेखा तैयार कर बीज निगमों, बीज आपूर्ति संस्थाओं व क्रय-विक्रय सहकारी समिति को आपूर्ति के लिए निर्देशित किया। सरसों विशेष कार्यक्रम के तहत प्रदेश में सरसों की 9 उन्नत किस्मों के बीज का वितरण किया जाना है। सरसों के इन किस्मों में आरएच-725, गिरिराज, आरएच-761, सीएस-58, आरजीएन-298, पीएम-31, आरएच-749, सीएस-60, जीएम-3 किस्म के बीज हैं।
राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को सरसों के बीज फ्री दिए जा रहे हैं। बीज पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। किसान अपनी जमीन की जमाबंदी व जनआधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रतिलिपि लेकर अपने क्षेत्र के कृषि विभाग में फ्री बीज के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा किसानों को फ्री बीज के लिए राज किसान साथी पोर्टल https://rajkisan.rajasthan.gov.in पर जन आधार कार्ड के माध्यम से आवेदन करना होगा। आवेदन किसी भी स्मार्ट फोन या अपने पास के किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर आसानी से किया जा सकता है।
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