Flood Relief UP : इस साल मौजूदा समय में मानसून पूरे देश में छाया हुआ है, जिसके कारण लगभग सभी राज्यों में मानसूनी बारिश की गतिविधियां जारी है। मानसून की सक्रियता के चलते उत्तर प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और कुशीनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने तेज बारिश, बाढ़ एवं जलजमाव के दृष्टिगत संबंधित जनपदों को लेकर बैठक में अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य तेजी करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ और जल जमाव की समस्या के प्रति सभी जिलाधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर नज़र रखें और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते जल जमाव के खतरे बने हुए है, जिसका तुरंत प्रभाव से समाधान निकाला जाए। आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा एवं पशुहानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि बाढ़ और अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को संख्या उपलब्ध कराई जाए, जिससे इस संबंध में कार्रवाई की जा सके।
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने, पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश के बाद अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। अधिकारी अपने जिलों में बाढ़ की स्थितियों पर लगातार नजर बनाए रखे हैं। इसी दौरान नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। इस दौरान कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 20 मवेशियों को भी बचाया गया। मुख्यमंत्री ने नेपाल से छोड़े गए पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर की क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश के जिलाधिकारियों को दिये हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल की सर्वे रिपोर्ट मिलते ही प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश दिए है।
हालांकि अभी इन जिलों में स्थिति सामान्य है, जबकि कुछ ही इलाकों में फसलों को नुकसान हुआ है। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब 8 बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गए पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली। इसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे। तत्काल ही श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन एवं फ्लड पीएसी की टीमों ने ज्वॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और लगभग 8 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पीड़ितों को चिकित्सकों की टीम से प्राथमिक उपचार दिलाया गया है। इसके बाद सभी को राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया ।
देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने बताया कि सभी पीड़ितों का प्राथमिक उपचार और खाना खिलाने के बाद उन्हे उनके गांव में सुरक्षित भेज दिया गया। रविवार को बाढ़ से प्रभावित 18 गांव के करीब 400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। बाढ़ में कुशीनगर के नारायणपुर के एक टापू पर फंसे 76 लोगों को सुनक्षित निकाला गया। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी रेस्क्यू कर सुरक्षित बचाया। वहीं बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
राहत शिविरों में मवेशियों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं। वहीं, गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और खड्डा तहसील के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, राप्ती नदी श्रावस्ती में खतरे के निशान को पार कर गई है। यहां 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बलरामपुर में भी बाढ़ की स्थिति है। यहां भी राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली। कुशीनगर जिलाधिकारी को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी, जिसके बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किया।
कुशीनगर के जिलाधिकारी ने गांववासियों से गांव को खाली करने की अपील भी की। निरीक्षण के दौरान तहसील खड्डा के नारायणपुर के एक टापू पर कुछ लोगों के साथ मवेशियों के फंसे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद एनडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीम ने घंटों की मशक्कत के साथ लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इसके बाद चिकित्सकों की टीम द्वारा लोगों का प्राथमिक उपचार कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह तड़के बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती और कुशनीनगर के जिलाधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली औैर बाढ़ से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिए। इसके साथ ही बाढ़ के पानी से खराब फसल का तत्काल मुआवजा देने का आदेश सीएम योगी नाथ द्वारा दिया गया है। साथ प्रदेश में आकाशीय बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि के मामलों में 24 घंटे के अन्दर राहत राशि देने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया गया। ऐसे हादसों में अगर किसी की मौत होती है तो उस व्यक्ति के परिजनों को चार लाख रुपए की वित्तीय सहायता तत्काल देने का प्रावधान है।
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