Chief Minister Tractor Distribution Scheme 2024 : खेती में सबसे महत्वपूर्ण कृषि उपकरण ट्रैक्टर तक किसानों की आसान पहुंच बनाने के लिए सरकार मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना चला रही है। इस योजना के माध्यम से किसानों को अनुदानित कीमतों पर ट्रैक्टर वितरित किए जाते हैं ताकि किसान बिना किसी आर्थिक परेशानी के ट्रैक्टर खरीद कर खेती के कामों में प्रयोग कर सके। साल 2024 में सरकार की तरफ से किसानों के लिए खुशखबरी है। खासकर उन किसानों के लिए जो सब्सिडी पर ट्रैक्टर खरीदने का इतंजार कर रहे हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई वर्षों के बाद बड़े एचपी के ट्रैक्टर वितरण करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए 80 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत किसानों को आधी कीमत यानी 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ट्रैक्टर दिया जाएगा, जिसका राज्यादेश कृषि विभाग ने निकाल दिया है। ऐसे में सब्सिडी पर ट्रैक्टर खरीदने वाले किसानों के पास सुनहरा मौका है। अगर आप भी राज्य सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए खास हो सकती है। इस पोस्ट में योजना से संबंधित सभी जानकारी विस्तार से दी जा रही है, जो ट्रैक्टर सब्सिडी के लिए आवेदन करने में आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के अंतर्गत किसानों को ट्रैक्टर की कीमत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत यह अनुदान ट्रैक्टर की लागत कीमत पर दिया जाएगा। ट्रैक्टर पर लगने वाले जीएसटी का भुगतान किसान को स्वयं करना होगा। इस योजना तहत राज्य सरकार अगले दो साल तक लगभग 1100 से अधिक ट्रैक्टरों का वितरण किसान या किसानों के समूहों के बीच करेगी। साथ ही, खेती के लिए अन्य उपयोगी कृषि यंत्रों पर किसानों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। योजना के अंतर्गत इसका राज्यादेश कृषि विभाग झारंखड द्वारा जारी कर दिया गया है। इस योजना के तहत पहले चरण में राज्य से 24 जिलों के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इस योजना के प्रथम चरण में राज्य सरकार ने 80 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत प्रदेश के किसानों को ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों पर अनुदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ट्रैक्टर बांटे जाएंगे। साथ ही किसानों को कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर की आपूर्ति को बढ़ावा देकर उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है। इसका राज्यादेश कृषि विभाग ने जारी कर दिया है। लंबे समय से अनुदान पर ट्रैक्टर खरीदने का इंतजार कर रहे किसान अब अनुदान पर बडे़ ट्रैक्टर खरीद पाएंगे। राज्य सरकार इस योजना के तहत 80 करोड़ रुपए की लागत से अगले दो साल तक किसानों को सब्सिडी पर ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्र उपलब्ध कराएगी। इस योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा किसानों को आधी कीमत पर ट्रैक्टर दिया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को दो कृषि यंत्रों की खरीद करना अनिवार्य किया गया है। विभाग द्वारा इसके लिए प्रत्येक किसान के लिए कुल पैकेज 10 लाख रुपए का होगा। यानी इस योजना के तहत एक किसान कुल 10 लाख रुपए लागत तक के ट्रैक्टर और कृषि यंत्र खरीद पाएंगे।
राज्य सरकार ने इस योजना के प्रथम चरण में 80 करोड़ रुपए के बजट के साथ सभी जिलों के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। इसके लिए विभाग ने योजना के प्रथम चरण के लिए ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों के वितरण के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना झारखंड के तहत सबसे ज्यादा लक्ष्य कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री के जिले के लिए निर्धारित किया है। देवघर व दुमका जिले में किसानों के बीच 120-120 ट्रैक्टर वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सबसे कम ट्रैक्टर वितरण का लक्ष्य रामगढ़ जिले के लिए तय किया गया है। यहां योजना के तहत केवल 20 ट्रैक्टर का वितरण किसानों के मध्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के अंतर्गत किसानों को ट्रैक्टर की कीमत पर अनुदान देने के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारत कर दिया गया है। इसके तहत कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने रांची जिले में 70 ट्रैक्टर वितरण का लक्ष्य रखा है। खूंटी जिले में 30, लोहरदगा 30, गुमला 40, सिमडेगा 30, पूर्वी सिंहभूम 40, सरायकेला खरसावां 30, पश्चिम सिंहभूम 75, लातेहार 30, दुमका 120, साहिबगंज 75, पाकुड 30, जामताड़ा 30, गोड्डा 35, पलामू 55, देवघर 120, गढ़वा 20, हजारीबाग 70, रामगढ़ 20, कोडरमा 21, चतरा 45, गिरिडीह 52, बोकारो 22 और धनबाद जिले में किसानों के बीच 22 ट्रैक्टर बांटे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना झारखंड के तहत ट्रैक्टर वितरण की मॉनिटिरिंग (अनुश्रवण) एवं सत्यापन के लिए जीपीएस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। इस योजना का तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) से लाभार्थी के ट्रैक्टर की मॉनिटरिंग व मूल्यांकन भी कराया जाएगा। जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, सहायक निदेशक सर्वे, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, भूमि संरक्षण सर्वे पदाधिकारी एवं सहायक कृषि अभियंता द्वारा ट्रैक्टर और उसके सहायक यंत्रों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। मानक या गुणवत्ता (क्वालिटी) में विचलन होने पर संबंधित पदाधिकारी और आपूर्तिकर्ता सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
जेएएमटीटीसी के कार्यपालक निदेशक, संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण), उपनिदेशक भूमि संरक्षण यंत्रों की गुणवत्ता, मानक और वितरण का औचक निरीक्षण व भौतिक सत्यापन कर सकेंगे। इस योजना के तहत ट्रैक्टर खरीदने वाले किसान / किसानों के लाभुक समूहों को यह घोषणा पत्र देना होगा कि ट्रैक्टर या इससे संबंधित किसी अन्य उपकरण का विक्रय व स्थानांतरण अगले तीन साल तक नहीं करेंगे।
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