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हरियाणा में खेती के लिए मिलेगी किसानो को सरकार से 7000 रुपये तक की सब्सिडी

हरियाणा में खेती के लिए मिलेगी किसानो को सरकार से 7000 रुपये तक की सब्सिडी
पोस्ट -25 अप्रैल 2023 शेयर पोस्ट

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की खेती पर 7 हजार रुपए की सब्सिडी

हरियाणा राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए कई कदम उठा रही है। किसानों को बिना किसी परेशानी के उचित पैदावार मिल सके, इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को खेती से संबंधित सभी संसाधनों पर आर्थिक मदद दी जा रही है। इसमें फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा से लेकर कृषि उपकरणों पर सब्सिडी एवं अन्य वैकल्पिक खेती तथा संसाधनों के लिए भी सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में आने वाले 2 महीने के अंदर राज्य में खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई की तैयारी किसानों द्वारा शुरू कर दी जाएगी। राज्य में खरीफ फसल में धान की बुवाई बड़े क्षेत्रफल में होती है। लेकिन धान की बुवाई के लिए काफी पानी खर्च होता है, जिसके कारण पिछले कुछ सालों में राज्य का जल स्तर का तेजी से नीचे गिरा है। आज के समय में गिरते भू-जल स्तर के कारण फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं मिल रहा है। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किसानों को धान की खेती छोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। किसानों को धान की जगह वैकल्पिक अन्य फसलों की खेती करने पर 7000 हजार रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी देने जा रही है। अगर आप 10 एकड़ भूमि के मालिक हैं तो 70 हजार रुपए की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने इस बार अधिकतम जमीन की लिमिट को समाप्त कर दिया। जितनी ज्यादा जमीन होगी, उतनी ज्यादा ही आपको सब्सिडी मिलेगी। आइए, ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से हरियाणा सरकार के इस पूरे प्लान के बारे में विस्तार से जानते हैं। धान की खेती छोड़ अन्य किन वैकल्पिक फसलों की खेती पर सब्सिडी मिलेगी तथा सब्सिडी के लिए क्या करना पड़ेगा?

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धान की जगह दूसरी फसलों पर दी जाएगी सब्सिडी 

विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा में भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, जिसके कारण आम जनजीवन के साथ-साथ खेती भी प्रभवित हो रही है। राज्य के करीब 1900 गांव इस समस्या से जूझ रहे हैं। इन गांव में जल संकट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां आम लोगों को पीने के  लिए पानी भी सही से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में धान की बुवाई का समय शुरू होने जा रहा है, जिसमें पानी का उपयोग काफी ज्यादा होता है। जल संकट को ध्यान देते हुए सरकार धान की जगह उन फसलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिनकी खेती में पानी बहुत कम लगता है। सरकार किसानों को खेत खाली छोड़ने एवं धान के स्थान पर मक्का, कपास, खरीफ दलहन (अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन व ग्वार), मूंगफली, अरंड व तिल, चारा फसलें, सब्जी और सफेदा की खेती करने पर 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दे रही है।

इस योजना के तहत किसान उठा सकेंगे लाभ

हरियाणा सरकार राज्य में “मेरा पानी-मेरी विरासत” योजना चला रही है, जिसमें धान की खेती छोड़ अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा, किसानों को अपने खेत खाली छोड़ने तथा सीधी बुवाई (डीएसआर तकनीक) से धान की बुवाई करने पर प्रति एकड़ सब्सिडी मिल रही है। राज्य के ऐसे किसान जो अभी तक धान की खेती करते आ रहे थे, लेंकिन अब वे धान की खेती के स्थान पर अन्य चयनित वैकल्पिक फसलों की खेती करते हैं, तो उन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत अब पॉपुलर और सफेदा को भी वैकल्पिक फसलों की लिस्ट में शामिल किया है। इसके अलावा, योजना में अब बासमती धान की जगह भी वैकल्पिक फसलें लगाने पर किसान को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। जानकारी के लिए बात दें कि पहले सिर्फ गैर बासमती धान की जगह ही वैकल्पिक फसलें लगाने वाले किसान ही योजना का लाभ उठा सकते थे। 

यहां करवाना होगा पंजीकरण

हरियाणा राज्य के किसानों को धान की सीधी बिजाई, खेत खाली छोड़ने एवं धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती करने पर सरकार सब्सिडी दे रही है। जिसमें धान की सीधी (डीएसआर) तकनीक से बुवाई करने पर 4000 प्रति एकड़ और धान की जगह अन्य फसल उगाने पर 7000 रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप व फव्वारा सिंचाई तकनीक पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। हरियाणा के ऐसे किसान जो धान की खेती छोड़ना चाहते है और धान के स्थान पर अन्य चयनित फसलों की खेती करना चाहते हैं, तो ऐसे किसान ’मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल  https://fasal.haryana.gov.in/ पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके अलावा, सब्सिडी योजना से जुड़ी तमाम जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं। 

किसानों के बैंक खाते में दी जाएगी सब्सिडी राशि

मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/  पर रजिस्ट्रेशन करने वाले किसान के लिए कृषि विभाग द्वारा धान की खेती छोड़ने एवं धान के स्थान पर अन्य फसल लगाने अथवा धान की सीधी बुवाई की पुष्टि की जाएगी। विभाग द्वारा पुष्टि होने के पश्चात निर्धारित सब्सिडी राशि लाभार्थी किसान के बैंक खाते में डीबीटी के जरिये ट्रांसफर कर दी जाएगी। बता दें कि सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको कृषि विभाग को यह बताना होगा कि  आप धान की खेती नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, आप इस बार अपने खेत खाली छोड़े रहे हैं तथा धान की जगह अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं। सरकार ने इस बार सब्सिडी की अधिकतम सीमा को भी खत्म कर दिया गया है। पहले ये सब्सिडी अधिकतम 2 हैक्टेयर भूमि तक ही दी जाती थी। हरियाणा में धान की खेती लगभग 13 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल पर की जाती है। 

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