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मोटे अनाज की खेती पर किसानों को मिलेंगे 10 हजार रुपए तक की सब्सिडी

मोटे अनाज की खेती पर किसानों को मिलेंगे 10 हजार रुपए तक की सब्सिडी
पोस्ट -27 फ़रवरी 2023 शेयर पोस्ट

जानें, किस राज्य में मिलेगी मोटे आनाज पर किसानो को सब्सिडी का लाभ 

भारत के किसान प्राचीन समय से ही मोटे अनाजों की खेती करते आ रहे हैं। साथ ही अच्छे उत्पादन के साथ बढ़िया लाभ भी कमा रहे हैं। हाल ही में भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया है। इसीलिए सरकार इसकी खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रोत्साहन योजनाएं संचालित कर रही है। इसी कड़ी में कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने राज्य में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। राज्य सरकार ने प्रदेश में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है। 

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इस बजट में सरकार ने मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘रैथासिरी’ योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है। रैथासिरी योजना के तहत प्रदेश में बाजरा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रति एकड़ की दर से 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार के अनुसार इस योजना के शुरु होने के बाद से किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी। साथ ही राज्य में मोटे अनाज की खेती का पैमाना बढ़ने के साथ पैदावार भी अधिक मिलेगी। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ कर्नाटक राज्य सरकार की इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करेंगे।

रैथासिरी योजना के तहत मिलेंगे 10 हजार रुपये

भारत में सबसे अधिक बाजरे की खेती करने वाला राज्य कर्नाटक है। इसीलिए सरकार ने छोटे बाजरा किसानों को क्षेत्र वृद्धि, उत्पादन और उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के लिए ‘रैथासिरी’ योजना के माध्यम से 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। वहीं, राज्य के सीएम बोम्मई ने कहा कि नई ‘मुख्यमंत्री रायता उन्नति योजना’ उन किसान-उत्पादक संगठनों को प्राथमिकता देगी जो अपनी फसलों की खेती करने के साथ उपज़ को खेत पर ही प्रोसेस करने के बाद बिक्री के लिए पैकिंग करते हैं।

किसानों को मिलेगा सस्ता लोन

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में अपना बजट 2023-24 पेश किया है। सरकार ने इस वर्ष किसानों को इंटरेस्ट फ्री शॉर्ट टर्म लोन की सीमा को भी 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। दरअसल, कर्नाटक राज्य सरकार प्रदेश में बाजरा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ये खास तैयारी की है। साथ ही राज्य में बागवानी प्रोसेसिंग और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। वहीं, राज्य में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी विभिन्न प्रकार की योजनाओं की घोषणा की है।

एपिकल रूट कल्चर टेक्नोलॉजी सही कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 100 करोड़ की लागत से कृषि और बागवानी उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट बनाने और राज्य में निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए KAPPEC द्वारा ‘रायता संपदा’ योजना की पहल शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 26.21 लाख एकड़ में किसान बागवानी उत्पादों की खेती करते है, जिसमें 242 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन प्राप्त होता है। जिसका मूल्य 66,263 करोड़ रुपये है। सीएम ने कहा कि आलू के बीज की खेती में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राज्य के किसानों को एपिकल रूट कल्चर टेक्नोलॉजी सही कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी।

जैविक खेती करने के लिए सरकार ने बनाई योजना

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि विभाग के 12 बागवानी फार्मों में ‘एक खेत, एक फसल’ की रणनीति सरकार जल्द अपनाएगी। कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार सही फसलों का चयन किया जाएगा और उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुसंधान और प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 4 वर्षों में प्रदेश के हर एक तालुका में 50 एकड़ भूमि पर क्लस्टर मॉडल पर जैविक और समग्र खेती का विस्तार किया जाएगा। यह एक करोड़ किसानों को जैविक खेती करने की केंद्र सरकार की योजना के अतिरिक्त है।

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