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बायोगैस प्लांट लगाने पर किसानों को मिलेगी सरकार से सब्सिडी, अभी करें ऑनलाइन आवेदन

बायोगैस प्लांट लगाने पर किसानों को मिलेगी सरकार से सब्सिडी, अभी करें ऑनलाइन आवेदन
पोस्ट -30 जनवरी 2023 शेयर पोस्ट

बायोगैस प्लांट: बायो गैस प्लांट लगाने पर सरकार से मिलेगी 29 हजार तक की सब्सिडी - जानें पूरी जानकारी 

हरियाणा के किसानों के लिए राज्य सरकार की ओर से एक खुशखबरी है। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके लिए किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा की खट्टर सरकार खेती में केमिकल के अंधाधुंध इस्तेमाल से बंजर हो रही जमीन तथा मिट्टी की घटती उर्वरता शक्ति को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती करने पर जोर दे रही है, जिसके लिए किसानों को खेती में गोबर से बनी खाद का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा रहा है। गोबर से बनी खाद से जमीन में जीवाश्मों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ती है और फसल की उत्पादकता में वृद्धि होती है। इसी प्रयास को सफल बनाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बायोगैस प्लांट स्थापित करने की भी सलाह दी जा रही है, जिसके लिए किसानों को श्रेणी के अनुसार अधिकतम 29 हजार रुपए तक की राशि सब्सिडी के तौर पर दी जा रही है। सरकार का मानना है कि इससे किसान एवं पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया विकसित होगा। साथ ही रोजगार का नया विकल्प भी मिलेगा। इसके अलावा, बायोगैस प्लांट से खेती के लिए जैविक खाद भी मिलेगी। साथ ही रसोई में चूल्हा जलाने के लिए ईंधन भी मिलेगा। बायोगैस प्लांट से किसानों को खेती के साथ-साथ रसोई में दोहरा लाभ मिलता है। खास बात यह है कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। अब किसान योजना में आवेदन कर बायोगैस प्लांट की स्थापना कर सकते हैं। साथ ही बायोगैस प्लांट उनके लिए अतिरिक्ति आय सृजन करने में भी मददगार सबित होगा। आईए, ट्रैक्टरगुरु की इस पोस्ट के माध्यम से इस योजना संबंधित पूरी जानकारी के बारे में जानते हैं। 

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बायोगैस प्लांट की स्थापना पर अनुदान देने का प्रावधान

हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों किसानों और पशुपालकों को राज्य सरकार ने बायोगैस प्लांट लगाने पर अनुदान देने का फैसला किया है, जिसमें विभिन्न किसान श्रेणियों के अनुसार अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, राज्य में केमिकल मुक्त फसलों के उत्पादन करने, गोबर का निपटान कर जैविक खाद बनाने एवं बिजली और कुकिंग गैस के उत्पादन करने के लिए 1 घन मीटर से लेकर 2-4 घन मीटर, 6 घन मीटर का बायोगैस प्लांट लगाने पर अनुदान दिया जाएगा। जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, सामान्य और एससी-एसटी वर्ग के किसानों और पशुपालकों के लिए अनुदान की राशि अलग-अलग निर्धारित की गई है, जिसमें 1 घन मीटर आकार वाले बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सामान्य वर्ग को 9,800 रुपए एवं एससी-एसटी वर्ग के लिए 17,000 रुपए की राशि का अनुदान दिया जाएगा। वहीं, 2 से 4 घन मीटर आकार वाले बायोगैस प्लांट की स्थापना के लिए सामान्य वर्ग के किसानों और पशुपालकों को 14,350 रुपए और एससी-एसटी वर्ग के लिए 22,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, 6 घन मीटर आकार का बायोगैस प्लांट लगाने पर सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 22,740 रुपए एवं एससी-एसटी वर्ग के आवेदकों को 29,250 रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। 

बायोगैस प्लांट के लिए यहां करें आवेदन

हरियाणा राज्य सरकार की ओर से किसानों को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए किसानों को भारी सब्सिडी का लाभ भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से बायोगैस प्लांट की स्थापना पर सब्सिडी के लिए https://biogas.mnre.gov.in/downloads  पर आवेदन मांगे गए हैं। सब्सिडी के लिए किसान एवं पशुपालक/डेयरी संचालक गोबर के सही निपटारे के लिए बायोगैस प्लांट लगाना चाहते हैं, तो अपने राज्य एवं जिले के कृषि विभाग के कार्यालय या उपायुक्त के कार्यालय में परियोजना अधिकारी से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। वहीं, अधिक जानकारी के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग या हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी HAREDA की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं। ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर की मदद से किसान चाहे, तो ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। 

आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण-पत्र
  • जमीन से संबंधित कागजात
  • बैंक खाता पासबुक 
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर आधार से लिंक 

बायोगैस संयंत्र से लाभ 

  • बायोगैस प्लांट लगाकर पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सकता है। 
  • इससे जैविक खाद मिलती है, जो खेती में मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए मददगार है। तथा फसल की उत्पादकता भी बेहतर मिलने लगती है।
  • बायोगैस प्लांट से बायोगैस (मिथेन या गोबर गैस) मवेशियों के उत्सर्जन पदार्थों को कम ताप पर डाइजेस्टर में चलाकर माइक्रोब उत्पन्न करके प्राप्त की जाती है। 
  • बायोगैस प्लांट से प्राप्त बायोगैस में 75 प्रतिशत मिथेन गैस होती है, जो बिना धुआं उत्पन्न किए जलती है। 
  • बायोगैस का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में भोजन पकाने तथा ईंधन के रूप में  उपयोग किया जा सकता है। 
  • बायोगैस प्लांट से बिजली बनाकर आसपास के क्षेत्र में इसकी आपूर्ति की जा सकती है। 
  • बायोगैस प्लांट लगाकर गोबर को रिसाइकिल कर हम ऊर्जा का बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • डेयरी और गौशालाओं में गाय और भैंस के गोबर के निपटारा करने का एक अहम साधन बनेगा।  

गोबर का निपटारा करने के लिए बायोगैस प्लांट  

दरअसल हरियाणा में डेयरी फार्मिंग बड़े पैमाने पर की जाती है, जिससें डेयरी फार्मिंग संचालक के सामने गाय और भैंस के गोबर को निपटान करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य बन जाता है। लेकिन अब इस योजना के अंतर्गत ऐसे डेयरी फार्मिंग संचालक बायोगैस प्लांट स्थापित कर गोबर का निपटारा कर सकते हैं। डेयरी फार्मिंग संचालक 25 क्यूबिक मीटर क्षमता के प्लांट में 70 से 80 पशुओं के गोबर का निपटारा कर सकते हैं। वहीं, 35 क्यूबिक मीटर बायोगैस प्लांट में 110 से 115 पशुओं के गोबर का निपटारा आसानी से किया जा सकता है। इसके इलावा, 45 क्यूबिक मीटर के लिए 130 से 145 पशुओं के गोबर का निपटारा बायोगैस प्लांट लगाकर किया जा सकता है। 
 

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