Interest Subsidy Scheme : खेती से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों के पास पैसों की कोई कमी न हो, इसके लिए सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए वित्त की सुविधा उपलब्ध कराती है। किसान इस कार्ड पर अपनी जरुरतों के अनुसार, कृषि में निवेश करने के लिए रियायती ब्याज दर पर कृषि ऋण ले सकते हैं। इस बीच सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत लिए गए 3 लाख रुपए तक के कृषि लोन पर ब्याज अनुदान योजना (Interest Subsidy Scheme) को जारी रखने के लिए मंजूरी दे दी है।
इस ब्याज सहायता योजना (Interest Subsidy Scheme) के माध्यम से किसानों को कृषि के लिए 7 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर (interest rate) पर लोन (Loan) मिलता है। समय (देय तिथि) पर या उससे पहले ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 फीसदी प्रति वर्ष की अतिरिक्त ब्याज सहायता भी सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। ऐसे में तेलंगाना सरकार की ओर से कृषि ऋण माफी की घोषणा और उसके बाद फंड जारी किए जाने के बाद, राज्य के कई किसानों को राहत मिली है। ब्याज सहायता योजना को मंजूरी और कृषि लोन माफी मिलने के बाद से अब किसान फिर से नए फसल ऋण लेने के लिए विभिन्न बैंकों के सामने लाइन लगा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मीडिया में प्रकाशित वक्तव्य के अनुसार, जिन किसानों ने केसीसी लोन का भुगतान समय पर या इससे पहले कर दिया है, वे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी समितियों से पुन: लोन प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे किसानों को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से अल्पकालिक फसल ऋण (short term crop loan) या पशुपालन, डेयरी उद्योग, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि कृषि कार्यों के लिए अल्पकालिक लोन मिलेगा। ऋण देने वाली संस्थाओं को ब्याज अनुदान की दर वर्ष 2024-25 के लिए 1.5 प्रतिशत होगी। वहीं, तेलंगाना के हनुमाकोंडा जिले में किसान नया लोन लेने एवं अपने ऋण को रिन्यू कराने के लिए बैंकों में बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं। सैकड़ों किसानों ने परकल में एसबीआई बैंक के सामने लंबी कतारें लगाई। लोन आवेदकों की भारी संख्या को संभालने के लिए बैंक कर्मचारी टोकन सिस्टम का सहारा लिया। यह घटना मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की उस घोषणा के बाद सामने आई है जिसमें सरकार ने करोड़ों रुपये का लोन माफ किया है।
आरबीआई ने कहा कि कई बार आपदा या किसी अन्य कारण से किसान अपनी फसल नहीं बेच पाते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। इससे किसानों का मनोबल भी गिरता है। ऐसी स्थिति में किसानों को संभालने और उन्हें उत्पादों को गोदामों में रखने हेतु प्रेरित करने के लिए केसीसी के तहत ब्याज अनुदान का लाभ छह महीने (फसल के बाद) तक की अवधि के लिए दिया जाता है। इसका उद्देश्य मजबूरी में उपज की बिक्री को रोकना है। केंद्रीय बैंक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए पुनर्गठित लोन पर उस वर्ष के लिए लागू ब्याज माफी दर पहले वर्ष के लिए बैंकों को उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरे वर्ष से ऐसे पुनर्गठित ऋणों पर सामान्य ब्याज की दर लागू होगी।
रिजर्व बैंक के अनुसार, संशोधित ब्याज छूट योजना (MISS) के माध्यम से किसानों को परेशानी मुक्त लाभ सुनिश्चित करने के लिए, 2024-25 में उपर्युक्त अल्पकालिक लोन का लाभ उठाने के लिए आधार लिंकेज अनिवार्य बना रहेगा। अल्प अवधि के फसल ऋणों पर मौजूदा ब्याज सहायता योजना के अनुसार, किसानों को 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है और समय पर पुनर्भुगतान करने पर किसान के खाते में 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि जमा की जाती है, जबकि ब्याज सहायता का लाभ बैंकों द्वारा उधारकर्ता किसान को तुरंत दिया जाता है।
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने चुनावी वादे के अनुसार, फसल ऋण माफी योजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर लाखों किसानों के लोन माफ किए जाने की घोषणा की । सरकार ने 6.5 लाख से अधिक किसानों के लोन माफ करने के लिए बैंकों को 6,198 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जबकि दूसरे चरण में 1.50 लाख रुपए तक के ऋण माफ किए जा रहे हैं। पहले चरण में एक लाख रुपये तक के लोन लेने वाले किसानों के ऋण माफ किए गए थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए लोन पर छह महीने में ब्याज के रूप में 43 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
किसानों को उचित लागत पर 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की घटी हुई दर पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, भारत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना चला रही है। इस योजना को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Bank) एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को 3.00 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋण 4 प्रतिशत की ब्याज दर से प्रदान किए जाते हैं। इस कार्ड के जरिए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से किसान अपनी भूमि के कागजात जमा करके या कुछ अन्य औपचारिकताओं को पूरा करके कृषि के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं।
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