Crop Loss Compensation : प्राकृतिक आपदाओं से हुए फसल नुकसान की आर्थिक भरपाई के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को राहत प्रदान की जाती है। इसमें फसल बीमा योजना के तहत समय-समय पर सरकार द्वारा राहत राशि जारी की जाती है। इस राहत राशि से बेमौसम बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि और सूखा से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान से प्रभावित किसानों को मुआवजा का भुगतान किया जाता है। यह मुआवजा बीमित फसलों के नुकसान के तौर पर सीधे लाभार्थी किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है। इस बीच तमिलनाडु के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने कावेरी डेल्टा के किसानों के खाते में राहत के रूप में 16.85 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश जारी किया है। क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान से प्रभावित किसानों के खाते में जल्द ही फसल मुआवजे की राशि पहुंचेगी। राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों के बीच खुशी की लहर है। बताया जा रहा है कि इससे 22,533 किसानों को सीधे राहत पहुंचेगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 13 फरवरी को जारी जीओ के मुताबिक राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से राहत राशि जारी की जाएगी, जिससे किसानों के खाते में प्रति हेक्टेयर 13,500 रुपए की राहत पहुंचेगी। नागापट्टिनम, मयिलादुथुराई, तिरुवरुर और तंजावुर के चार डेल्टा जिलों में की गई गणना के अनुसार, लगभग 12,484 हेक्टेयर में फसल का नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक था। चार जिलों में से, नागापट्टिनम जिला सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ, क्योंकि 21, 816 किसानों की 12,125 हेक्टेयर में धान की फसल बर्बाद हो गई, जिले के किसानों को कुल 16.73 करोड़ रुपये की राहत राशि का भुगतान किया जाएगा।
गौरतलब है कि कर्नाटक द्वारा कावेरी का जल न छोड़े जाने के कारण कावेरी डेल्टा के किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। इसको लेकर किसानों ने सरकार से फसल नुकसान मुआवजा की मांग की थी। किसानों की मांगों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा 13,500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे देने का ऐलान किया गया था। इसके तहत 13 फरवरी को जारी जीओ के अनुसार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से राहत जारी की जाएगी। इससे चार जिलों में प्रभावित किसानों को राहत प्रदान की जाएगी। इस फसल मुआवजा राशि के तहत नागापट्टिनम जिले के किसानों को कुल 16.73 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। तिरुवरुर जिले में कुल 623 किसानों को 285 हेक्टेयर से अधिक धान के नुकसान के लिए 38.47 लाख रुपए मिलेंगे। तंजावुर जिले में 77 किसानों को कुल 7.52 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि मयिलादुथुराई जिले में कुल 17 किसानों को कुल 2.38 लाख रुपए की राहत राशि मिलेगी।
वहीं कहा जा रहा है कि थूथुकुड़ी जिले में किसानों ने राज्य सरकार से क्षतिग्रस्त फसल के लिए मुआवजे की मांग की है। जिले में किसानों ने सरकार से 45 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है। जिला कलेक्टर का कहना है कि राज्य सरकार को किसानों को मुआवजे के रूप में राहत राशि प्रदान करनी चाहिए, जिससे उनकी दयनीय स्थिति में सुधार किया जा सकें। साथ ही किसान मुआवजे की राशि का उपयोग दूसरी फसलों की सही तरीके से खेती में कर सकें।
बीते दिन कलक्ट्रेट परिसर में कलेक्टर जी. लक्ष्मीपति की अध्यक्षता में बाढ़ के बाद आयोजित की गई पहली शिकायत निवारण बैठक में किसानों ने सरकार से फसल मुआवजा देने की मांग उठाई है। प्रभावित किसानों ने सरकार से दिसंबर 2023 की बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए 45,000 रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा देने का आग्रह किया। इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि बाढ़ में तबाह हुई कृषि भूमि की बहाली में देरी से पुन: खेती शुरू करने में बाधा आ सकती है।
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