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Tea Farming : किसान चाय की खेती पर पाए 2.47 लाख रुपए की सब्सिडी

Tea Farming : किसान चाय की खेती पर पाए 2.47 लाख रुपए की सब्सिडी
पोस्ट -06 अक्टूबर 2024 शेयर पोस्ट

Tea Farming: सरकार किसानों को इस खेती के लिए दे रही 2. 47 लाख रुपए की सब्सिडी, जानें निर्धारित शर्तें

Subsidy On Tea Farming : देश के असम गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर राज्यों में उगाई जाने वाली पूरी दुनिया में फेमस है। इन राज्यों में उत्पादित चाय के दिवाने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब है।  अब तक भारत के असम गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर राज्यों में ही चाय की खेती प्रमुखता से की जाती है, लेकिन अब इन राज्यों में बिहार राज्य का भी जुड़ गया है। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए बिहार सरकार राज्य में उद्यानिकी और व्यापारिक फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। अब सरकार ने “विशेष उद्यानिकी फसल योजना” के तहत चाय के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को चाय की खेती के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है। उद्यानिकी विभाग की इस योजना के तहत चाय की खेती पर किसानों को राज्य सरकार से 2.47 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। राज्य सरकार चाय किसानों को अधिकतम 4 हेक्टेयर के लिए सब्सिडी देगी। आइए जानते हैं योजना के लाभ के लिए कहां और कैसे आवेदन करें?

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चाय की खेती पर सब्सिडी का प्रावधान (Provision of subsidy on tea cultivation)

बिहार सरकार “विशेष उद्यानिकी फसल योजना”के तहत किसानों को चाय की खेती के लिए नया क्षेत्र विस्तार और मौजूदा चाय की खेती के प्रबंधन के लिए अलग-अलग यंत्रों के क्रेता पर अनुदान/सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है, जिससे उनकी आय में अधिक से अधिक बढ़ोतरी हो सके। इस योजना के लिए राज्य के चार जिलों को चयनित किया गया है। इन जिलों में चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए किसानों को चाय की खेती से जोड़ने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है।  अगर आप इस योजना में चाय की खेती पर अनुदान लाभ लेना चाहते है, तो इसके लिए आपको जल्द से जल्द आवेदन करना होगा। फिलहाल बिहार में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में चाय की खेती किसानों द्वारा की जा रही है। 

2.47 लाख रुपए की प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी (Subsidy of Rs 2.47 lakh per hectare)

उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार के मुताबिक, विशेष उद्यानिकी फसल योजना के अंतर्गत चाय का नया क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 4.94 लाख रुपए तय की गई है, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत यानी 2.47 लाख रुपए की सब्सिडी प्रति हेक्टेयर के लिए मिलेगी। बिहार सरकार चाय की खेती करने वाले किसानों को न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर के लिए सब्सिडी देगी। बिहार सरकार उद्यान निदेशालय द्वारा विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत क्षेत्र में चाय के क्षेत्र विस्तार करने के लिए करीब 150 हेक्टेयर में चाय की खेती करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए राज्य सरकार 9.49 करोड़ रुपए खर्च करेगी। 

योजना के लिए रखी गई शर्तें (Conditions laid down for the scheme)

बिहार सरकार उद्यान निदेशालय के मुताबिक, इस योजना के लाभ के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई। जिनके अनुसार ही चाय की खेती करने वाले किसानों को अनुदान लाभ मिलेगा। इस योजना में बिहार के अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार जिले के किसान ही योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना के तहत एक हेक्टेयर में चाय की खेती के लिए करीब 15526 पौधों की जरूरत होगी। चाय के पौध रोपण सामग्री की खरीद खुद किसान के द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत चाय की खेती करने वाले कृषकों को देय अनुदान दो किस्तों में 75:25 के अनुसार दिया जाएगा। इस घटक के लिए लाभुक किसान को  द्वितीय किस्त का लाभ तभी मिलेगा, जब पूर्व वर्ष 2024-25 में लगाए गए चाय के पौधे में से करीब 90 प्रतिशत पौधा जीवित रहने की स्थिति में यानी वित्तीय वर्ष 2025-26 में बाकी देय 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किसानों को किया जाएगा। इस योजना के तहत जिन किसानों ने पूर्व वर्ष में जुलाई-अगस्त के महीने में चाय के नये पौधों की रोपाई की है, उन्हें ही अनुदान का लाभ दिया जाएगा। 

किसान ऐसे करें आवेदन (Farmers should apply like this)

बिहार सरकार उद्यान निदेशालय के मुताबिक, किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए उन्हें उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विशेष उद्यानिकी फसल योजना के अंतर्गत किसान योजना के लाभ हेतु खुद या ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) की मदद से कर सकते हैं। अगर किसान स्वयं आवेदन करना चाहते है, तो उन्हें इसके लिए नीचे बताए जा रहे कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा, जो इस प्रकार है:- 

किसान को सबसे पहले उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाएं। 
यहां होम पेज पर योजना ऑप्शन में  “विशेष उद्यानिकी फसल योजना” विकल्प पर क्लिक करें।
नए पेज पर चाय की खेती पर सब्सिडी योजना (राज्य योजना) पर क्लिक करना होगा। 
मांगी गई संबंधित कुछ जानकारी दर्ज कर सहमत वाले विक्लप पर क्लिक करना होगा। 
भूमि का एलपीसी प्रमाण पत्र, नवीनतम भूमि रसीद, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो आदि भी आवेदक के पास होना अनिवार्य है। 

अधिक जानकारी के लिए किसान यहां करें संपर्क (For more information farmers should contact here)

अगर आप चाय की खेती करते है या चाय का  नया क्षेत्र विस्तार करना चाहते है, तो इसके लिए बिहार सरकार उद्यान निदेशालय आपको सब्सिडी मुहैया करवाएंगी। इस सब्सिडी का लाभ उठाने लिए आप उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा, आप योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से भी संपर्क कर सकते हैं। लाभार्थी को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में अनुदान राशि भेजी जाएगी। इसलिए कृषक के पास पहले से डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान पंजीकरण संख्या का होना अनिवार्य है। 13 संख्या के डीबीटी नंबर के लिए किसानों को इस लिंक https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। 

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