वर्तमान दौर में भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों को पूरी दुनिया भी धूमधाम से मनाती है और प्यार भी करती है। इतना ही नहीं, पूरी दुनिया भारत में उत्पादित फलों और सब्जियों का भी लुत्फ उठाती है। इसके अलावा आज पूरी दुनिया भारतीय पहनावा और रहन-सहन को भी अपनाना पसंद कर रही है । इसके साथ ही भारतीय मूल के त्यौहार पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रहे हैं। दरअसल आने वाले दिनों में नवरात्रा स्थापना के साथ ही पूरे देश में त्यौहारी सीजन शुरू हो जाएगा। आगामी त्यौहारी सीजन के दौरान भारत में हर त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया मानाया जाएगा। आने वालें दिनों में दिवाली त्योहार नजदीक आ रहा है। दिवाली त्योहार को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को खुश करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में दिवाली से पहले बिहार सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार फल से लेकर फूल, सब्जी और दूसरे बागवानी कार्यों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के जरिये किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए इकाई लागत पर सब्सिडी दी जाती है, ताकि खेती में खर्च को कम करके मुनाफे को बढ़ाया जा सके। इसी कड़ी में राज्य कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय की तरफ से किसानों को मगही पान की खेती के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए बिहार उद्यानिकी कृषि विभाग पर ऑनलाइन आवेदन चालू है। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से जानते है कि बिहार सरकार ने अपने सूबे के किसानों को क्या दिवाली तोहफा दिया है।
दरअसल बिहार ने होने वाला मगही पान जिसे बनारसी पान के नाम से जाना जाता है। इसका क्रेज वर्तमान समय में लोगों के बीच काफी बढ़ रहा है। इसे लोग माउथ फ्रैशनर और आयुर्वेदिक औषधी के रूप में इस्तमाल कर हैं, साथ ही इसकी अपना धार्मिक महत्व भी है, इसलिए त्यौहारों के समय पूजा-अनुष्ठानों के लिए पान की डिमांड बढ़ जाती है। इन्हीं स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए दिवाली का तोहफा दिया है। बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर से विशेष उद्यानिकी फसल योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत मगही पान का क्षेत्र विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके खेती की इकाई पर किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके मुताबिक, 300 वर्गमीटर में मगही पान की खेती के लिए 70,500 रुपए लागत निर्धारित की गई। इसके अलावा विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत निर्धारित इकाई लागत पर किसानों को 50 प्रतिशत तक यानी 35,250 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, साथ ही कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने का मौका भी मिलेगा।
बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय द्वारा संचालित विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत बिहार में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नवादा, गया, औरंगावाद, भागलपुर, बेगूसराय, दरभंगा, कैमूर, कटिहार, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढी, सिवान और वैशाली जिलों में मगही पान का चयन किया गया है। इन जिलों के किसान पान खेती पर सब्सिडी के लिए आपना ऑनलाइन आवेदन देकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत सरकार ने नालंदा में नौ हजार हेक्टेयर भूमि पर मगही पान की खेती का लक्ष्य रखा गया है। एक किसान अधिकतम 500 वर्गमीटर तो कम से कम 100 वर्गमीटर में पान की खेती कर अनुदान पा सकते हैं। प्रति यूनिट 500 वर्गमीटर पर पान खेती की लागत एक लाख 17 हजार 500 रुपए आएगी। इस यूनिट पर लागत इकाई का अधिकतम 58 हजार 750 रुपए का अनुदान मिलेगा। वहीं, 100 वर्गमीटर में इसकी खेती करने पर लागत 23 हजार 500 रुपए आएगी। और इस लागत इकाई पर अधिकतम 11 हजार 750 रुपए सब्सिडी दी जाएगी। खास बात यह भी कि यहां किसान अपने खेत या लीज पर ली गई भूमि पर भी पान की खेती कर सकते हैं। कृषि उद्यानिकी विभाग के शर्त अनुसार किसान को ऑवेदन के समय यह कि लीज का एग्रीमेंट पेपर देना होगा।
बिहार कृषि विभाग, विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत बिहार में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को आर्थिक अनुदान का लाभ दे रही है। बिहार कृषि विभाग द्वारा 10 सितंबर से ही ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत चयनित इन जिलों के किसान आर्थिक अनुदान का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। योजना में आवेदकों को चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
वर्तमान में बिहार के पकरीबरावां प्रखंड के छात्रवार एवं डोला की पंचायतों में लगभग चार सौ से अधिक किसान मगही पान की खेती करते हैं। यहां के किसान अपने उत्पादन को बनारस की मंडी में बेचते हैं। बनारस के व्यापारी इस मगही पान की प्रोसेसिंग करते हैं। प्रोसेसिंग के बाद उसी पान को बनारसी पान कहा जाता है। पान के शौकीनों को लुभाने वाला मगही ( बनारसी) पान न सिर्फ प्रखंड, जिले की शान है, बल्कि इस पान के कद्रदान तो बाबा नगरी वारणसी, पश्चिम बंगाल के अलावा नेपाल, बंगलादेश और पाकिस्तान तक हैं।
ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह वीएसटी ट्रैक्टर व कैप्टन ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y