खाद्य सुरक्षा योजना : केंद्र सरकार अपनी कई योजनाओं के माध्यम से देश के करोड़ों किसानों व आमजनता को फायदा पहुंचा रही है। केंद्र सरकार की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी योजना "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" (PMGKY) से देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को फ्री अनाज दिया जा रहा है। इसमें बीपीएल परिवारों को जहां 35 किलो गेहूं हर महीने फ्री दिया जाता है, वहीं एपीएल व अन्य परिवारों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 5 किलो गेहूं दिया जाता है। इसके समान कई राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आमजनता को 5 किलो गेहूं फ्री या सब्सिडी पर दिया जाता है। यह गेहूं राशन की दुकानों के माध्यम से हर माह वितरित होता है। लेकिन फ्री गेहूं योजना में लगातार आ रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद अब ऐसी संभावना बन गई है कि 30 जून के बाद कुछ लोगों को फ्री गेहूं नहीं मिलेगा। अगर आप चाहते हैं कि आपको फ्री गेहूं हर महीने मिलता रहे तो ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें, यहां आपको उन नियमों के बारे में बताया गया है जिसकी पालना करने पर आपको योजना का लाभ मिलता रहेगा।
(First of all, know what is the difference between the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana and the National Food Security Act?)
देश की आम जनता को हर महीने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत अनाज उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजना है। इसके माध्यम से गरीबों को हर महीने मुफ्त अनाज दिया जाता है जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली है, जिसमें राशन की दुकानों से सब्सिडी वाला अनाज और चीनी का वितरण होता है। अनाज में गेहूं व चावल शामिल है।
सरकारी गेहूं को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ई-केवाईसी को अनिवार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएफएसए के पात्र लाभार्थियों को ई-केवाईसी करवाना होगा। राजस्थान में ई-केवाईसी कराने की आखिरी तारीख 30 जून 2024 तय की गई है। अगर पात्र परिवार इस तिथि तक ईकेवाईसी नहीं करवाते हैं तो उन्हें राशन की दुकान से फ्री गेहूं मिलने में परेशानी हो सकती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में ई-केवाईसी कराने से गेहूं वितरण में फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। जिन लोगों ने गलत आधार नम्बर से अपना नाम जुड़वा लिया ऐसे अपात्र योजना से बाहर होंगे, जिससे अन्य पात्र व्यक्ति को इसका लाभ मिलेगा। वहीं जिन परिवार में किसी व्यक्ति की मौत हो चुकी है, या बेटी की शादी हो चुकी है, उनका नाम भी हटाया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ा कोई परिवार यदि 30 जून तक ई-केवाईसी नहीं कराता है तो उसे योजना से बाहर किया जा सकता है। योजना से जुड़े परिवार के सभी सदस्यों को अपने आधार कार्ड के साथ ई-केवाईसी करवाना जरूरी है। इसके लिए सभी को राशन कार्ड के साथ राशन वितरण केंद्र पंहुचना होगा। यहां पर ई-केवाईसी फिंगर प्रिंट या ओटीपी के माध्यम से होगी। यदि कोई सदस्य किसी कारणवश मौके पर मौजूद नही है तो उसकी ई-केवाईसी का कार्य राज्य में किसी भी राशन की दुकान पर कराया जा सकता है। इसके लिए उसके पास आधार कार्ड होना चाहिए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ईकेवाईसी के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज आधार कार्ड व राशन कार्ड है।
राजस्थान के राशन डीलरों को अपनी पोस मशीन से एनएफएसए लाभार्थियों की ई-केवाईसी करनी होगी। इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने गेहूं वितरण के दौरान पोस मशीन में आवश्यक बदलाव किए हैं। जिससे संबंधित डीलर अपने यहां गेहूं लेने पहुंचने वाले सदस्य के साथ उसके परिवार के अन्य सदस्यों की ई-केवाईसी पोस मशीन के माध्यम से कर सकेंगे। वहीं राशन डीलर को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संपूर्ण जानकारी सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों और विभाग की साइट से दी गई।
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