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एमपी किसान एप से मिलेंगे कई योजनाओं के फायदे, 15 अगस्त से पहले कराएं रजिस्ट्रेशन

एमपी किसान एप से मिलेंगे कई योजनाओं के फायदे, 15 अगस्त से पहले कराएं रजिस्ट्रेशन
पोस्ट -01 अगस्त 2022 शेयर पोस्ट

एमपी किसान ऐप के बारे में पूरी जानकारी

गिरदावरी में भी मध्यप्रदेश के किसान आत्मनिर्भर होंगे। किसान “मेरी गिरदावरी-मेरा अधिकार”के तहत एमपी किसान ऐप (MP Kisan App) के माध्यम से अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकेंगे। यह आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और आत्मनिर्भर किसान के संदर्भ में राज्य सरकार का किसानोन्मुखी निर्णय है। इससे किसानों को कई योजनाओं के फायदे मिलेंगे। मध्यप्रदेश का किसान खरीफ फसलों की जानकारी इस ऐप पर देकर फसल हानि, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना, भावान्तर योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना और कृषि लोन योजना आदि का फायदा उठा सकता है। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन 1 अगस्त से शुरू हो गए हैं जो 15 अगस्त तक चलेंगे। ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में एमपी किसान ऐप के बारे में जानकारी दी गई है।

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और पटवारी से होगा सत्यापन

कई बार ऐसा होता है कि किसान ने अपने खेत की फसल कुछ बताई है और पटवारी ने कुछ और दर्ज कर ली है। अब इस समस्या का समाधान एमपी किसान ऐप से हो जाएगा। इस ऐप से किसान अपने खेत में खड़े होकर अपने खसरे के सामने अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। साथ ही ऐप में यह विकल्प है, जिससे पटवारी की दर्ज जानकारी किसान को सेटेलाइट के माध्यम से दिखेगी। यदि यह जानकारी सही है, तो किसान सहमत के विकल्प पर क्लिक कर सकता है। इसके बाद यह जानकारी सर्वर में फीड हो जाएगी। यदि ऐप से मिल रही जानकारी से किसान असहमत होगा, तो फसल की जानकारी खेत में लाइव फोटो के साथ दर्ज करनी होगी। यह व्यवस्था मप्र सरकार ने एक अगस्त से 15 अगस्त तक किसान के लिए दी है। किसान की इस जानकारी का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और पटवारी से सत्यापन होगा। उसके बाद दर्ज जानकारी को पटवारी द्वारा क्रॉस चेक किया जाएगा। एमपी किसान ऐप मेरी गिरदावरी मेरा अधिकार में किसान को यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

प्राकृतिक आपदा के समय गड़बड़ी नहीं आएगी सामने

मध्यप्रदेश में अब तक पटवारी ही किसान की फसल की जानकारी एमपी किसान ऐप पर दर्ज करते रहे हैं। कई बार किसान कुछ फसल बोता है और पटवारी कोई अन्य फसल दर्ज कर लेता है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर सर्वे के दौरान ऐप में दर्ज जानकारी के मिलान में गड़बड़ियों सामने आती हैं, लेकिन फसल की जानकारी दर्ज करने की सुविधा किसान दी गई है। किसान अब एक ऐप के माध्यम से अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकेगा। इसका सत्यापन पटवारी से कराया जाएगा। असहमति की स्थिति में किसान अपने खेत में खड़े होकर फसल की फोटो भी ऐप पर दर्ज कर सकेंगे, जिससे वास्तविक स्थिति सामने आएगी।

एमपी किसान ऐप पर ऐसे दर्ज होगी जानकारी

एमपी किसान ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। किसान ऐप पर लॉगिन कर फसल स्व-घोषणा, दावा आपत्ति ऑप्शन पर क्लिक कर अपने खेत को जोड़ सकते हैं। खाता जोड़ने के लिए प्लस ऑप्शन पर क्लिक कर जिला, तहसील, ग्राम, खसरा आदि का चयन कर एक या अधिक खातों को जोड़ा जा सकता है। खाता जोड़ने के बाद खाते के सभी खसरा की जानकारी ऐप पर उपलब्ध होगी। उपलब्ध खसरा की जानकारी में से किसी भी खसरे पर क्लिक करने पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के माध्यम से संभावित फसल की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। किसान के सहमत होने पर एक क्लिक से फसल की जानकारी को दर्ज किया जा सकेगा।साथ ही संभावित फसल की जानकारी से असहमत होने पर खेत में बोई गई फसल की जानकारी खेत में उपस्थित होकर लाइव फोटो के साथ दर्ज कराई जा सकती है।

किसानों की आपत्तियों का निस्तारण 5 सितंबर तक

मध्यप्रदेश के किसानों की खेत से जुड़ी जानकारी पहले से ही एक सारा नामक एप्लीकेशन में दर्ज है। सारा एपलीकेशन एवं मप्र किसान ऐप में दर्ज जानकारी का वेरिफिकेशन करने की समय सीमा 31 अगस्त है। बाद में पांच सितम्बर तक किसानों की दर्ज-आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा।

छिंदवाड़ा की प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख स्मृति खंडेलवाल के मीडिया में प्रकाशित बयानों के अनुसार अब किसान स्वयं खेत में जाकर एमपी किसान ऐप के माध्यम से अपनी खरीफ की फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। इससे किसानों के फसल की जानकारी अपडेट होगी। किसान के लिए यह बेहद उपयोगी है। गलत फसल इंट्री से बचाव, बीमा योजनाओं सहित, समर्थन मूल्य के लिए समिति में पंजीयन के लाभ किसान को आसानी से मिल सकते हैं।

सीएम शिवराज ने किसानों से की अपील

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मीडिया में प्रकाशित बयानों के अनुसार राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कटिबद्ध है। चौहान ने राज्य के किसानों से अपील की है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाकर “मेरी गिरदावरी-मेरा अधिकार” के तहत एमपी किसान ऐप में अपनी फसल अपलोड करें। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में किसान 15 अगस्त तक ई-गिरदावरी अपनाने के लिए अपना पंजीकरण करा सकेंगे।

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