भारत में पिछले कुछ सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाला मछली पालन और जलीय कृषि लाखों लोगों के लिए भोजन, पोषण, आय और आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है। यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर लगभग 280 लाख लोगों को आजीविका प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र में वार्षिक औसत वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों इस क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए उनके आवश्यकताओं के अनुरूप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार मछली पालन के लिए किसानों को भारी सब्सिडी भी उपलब्ध करती है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य में जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बढ़-चढ़कर प्रोत्साहन दे रही है। वर्तमान समय में अब बिहार सरकार भी अपने राज्य में जल कृषि करनें वाले किसानों यानी मछली पालन करने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए बढ़-चढ़कर सब्सिडी दे रही है। बिहार सरकार ने राज्य में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण की कुल इकाई लागत पर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। ताकि राज्य में मछली पालन के लिए पारंपरिक और आधुनिक दोनों तकनीकों का इस्तेमाल कर मछली उत्पादन को बढ़ाया जा सके। साथ ही छोटे और लघु सीमांत किसानों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सके। ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से हम आपकों मछली पालन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे- योजना, योजना में आवेदन प्रक्रिया, सब्सिडी प्रतिशत, योजना से लाभ और पात्रता के बारे में बताने जा रहे है।
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन का व्यवसाय काफी लोकप्रिय है। क्योंकि यहां के किसानों को इस व्यवसाय से कम समय में अच्छा मुनाफा हो जाता है। पारंपरिक और आधुनिक दोनों तकनीकों का इस्तेमाल कर खेतों के बीच तालाब बनवाकर खेती के साथ-साथ मछली पालन भी कर रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है, साथ ही इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे है। बिहार सरकार जलीय कृषि क्षेत्र में मछली पालन करनें वाले किसान और मजदूरों की आय में बढ़ोतरी एवं उनके रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए पशु और मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा सात निश्चय-2 के तहत मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना- 2022-23 के तहत मछली पालन के लिए तालाब निर्माण पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी जलीय कृषि करने वाले किसानों को दी जा रही है। मत्स्य विभाग द्वारा यह अनुदान दिया जाएगा। सरकार ने प्रदेश के चौर जल क्षेत्र भूमि में पड़ी बेकार या बंजर भूमि पर तालाब बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट की पहल की है।
बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत राज्य में चौर अधिकता वाले जिलों में जलीय कृषि यानि मछली पालन के लिए किसानों को तालाब निर्माण के लिए अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत पारंपरागत मछुआरों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत तालाब निर्माण पर सरकार ने लागत इकाई निर्धारित कि है। जिसमें 1 हेक्टेयर भूमि पर दो तालाब बनाने में 8.80 लाख रुपए/हेक्टेयर, एक हेक्टेयर रकवा में चार तालाब बनाने में 7.32 लाख रुपए/हेक्टेयर और एक हेक्टेयर में एक तालाब का निर्माण और भूमि विकास में 9.69 लाख रुपए/हेक्टेयर की लागत इकाई निर्धारित की है। इस निर्धारित इकाई लागत पर एक हेक्टेयर में तालाब निर्माण करवाने पर अन्य वर्ग के लाभार्थियों को 50 प्रतिशत का अनुदान देगी। पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 70 प्रतिशत और उद्यमी आधारित 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
बिहार सरकार ने राज्य में मत्स्यपालन के विकास की व्यापक संभावना को देखते हुए मत्स्यपालन क्षेत्र में क्रांति व मत्स्यपालन के क्षेत्र की क्षमता को दुगना करने के लिए कई पहल की है। बिहार सरकार इस पहल के द्वारा अपने राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना को आरंभ किया गया हैं। इस योजना के माध्यम से किसानों को जलीय कृषि यानि मत्स्य पालन करने के लिए तालाब निर्माण करवाने पर अनुदान दिया जाएगा। सरकार ने प्रदेश के चौर जल क्षेत्र भूमि में पड़ी बेकार या बंजर भूमि पर तालाब बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट की पहल की है। योजना के माध्यम से बड़े पैमाने पर उपलब्ध निजी चौर जल क्षेत्र भूमि में मत्स्य पालन के लिए तालाब निर्माण करवाए जाएंगे।
आधार कार्ड
जाति प्रमाण पत्र
पैन कार्ड
भूस्वामित्व प्रमाण पत्र
भूमि का लीज एकरारनामा
समूह में कार्य करने की सहमति पत्र
आयकर रिटर्न और जीएसटी
व्यक्तिगत/समूह लाभार्थियों के द्वारा स्व-अभिप्रमाणित पासपोर्ट साइज फोटो
उद्यमी किसानों के द्वारा स्व अभिप्रमाणित निबंधन प्रमाण पत्र आदि
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत सरकार से मत्स्यपालन के लिए चौर भूमि पर तालाब निर्माण पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आपको सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ बिहार पशु एवं मत्स्य निदेशालय के ऑफिशियल वेबसाइट http://fisheries.bihar.gov.in/ पर जाकर 18 अक्टूबर 2022 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना की अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट भी कर सकते है।
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