देशभर में बीते कुछ दशकों के अंदर बागवानी फसलों यानी फल-सब्जियों की मांग में तेजी आई है। परिणाम स्वरूप किसानों का रूझान भी बागवानी की तरफ बढ़ने लगा है। जिसके देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी के लिए किसानों को प्रेरित भी कर रही है। बागवानी उत्पादन में वृद्धि एवं किसानों को आय बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना के तहत ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना का संचालन कर रही है। जिसके तहत राज्य में बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना के तहत उन फलदार पेड़ों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देते हैं। किसान योजना के तहत इन पौधों को अपने खेतों की मेड़ों पर भी लगा सकते हैं जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त होगी।
बिहार बागवानी मिशन के तहत सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना के तहत जिले के शुष्क जमीन को उपजाऊ बनाकर एक साथ दो फसलों की खेती करने की कवायद शुरू कर दी गई है। योजना के तहत आंवला, बेर, जामुन, बेल, कटहल, अनार, मीठा नींबूे एवं नींबू के साथ हाइब्रिड सब्जियों की बागवानी के लिए प्रोत्साहन स्वरूप किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। बागवानी फसलों से किसान कम भूमि में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। जिसमें फलों की खेती में किसान एक बार पौधा लगाकर कई वर्षों तक इससे आय प्राप्त कर सकते हैं। बिहार बागवानी विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजनाओं के अंतर्गत ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना के तहत राज्य में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों से आवदेन आमंत्रित किए हैं। बिहार राज्य के किसान बागवानी फसलों और उनके उत्पादन पर सब्सिडी के लिए अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। तो आइए, ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से बिहार बागवानी विभाग द्वारा शुष्क बागवानी के लिए उपलब्ध सब्सिडी और सब्सिडी का लाभ किसा प्रकार प्राप्त कर सकते हैं इनसे संबंधित जानकारी के बारे में जानते हैं।
बिहार बागवानी विभाग की योजनाओं के अनुसार आंवला, बेर, जामुन, बेल, कटहल, अनार, मीठा नींबू एवं नींबू और हाइब्रिड सब्जियों की बागवानी करने वाले किसानों की एक निर्धारित लागत की 50 फीसदी रकम सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी। योजना के तहत कम पानी में होने वाले शुष्क फल फसलों के लिए 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तीन वार्षिक किस्तों में लागत और रोपण सामग्री के मद में होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए अधिकतम 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर 60ः20ः20 अनुपात रुपए में (18000ः6000ः6000) अर्थात लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में किसानों को मिल जाएगा। योजना के तहत यह अनुदान किसान न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर एवं अधिकतम 4 हेक्टेयर भूमि पर कम पानी में होने वाले शुष्क फलों की खेती के लिए दिया जाएगा। यानि योजना के तहत यदि कोई किसान 4 हेक्टेयर भूमि पर फलों की बागवानी करता है, तो उसे कुल 1.20 लाख रुपए अनुदान के रूप में मिल जाएगा।
बिहार सरकार की तरफ से बागवानी फसलों की खेती पर लागत का 50 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत किसानों को अधिकतम 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर सब्सिडी के तौर पर प्राप्त होंगे। अनुदान को लेकर बिहार बागवानी विभाग ने कुछ नियम तय किए हैं। योजना के इन नियमों का पालन किसानों को करना होगा। योजना के तहत यदि कोई किसान जामुन की खेती करना चाह रहे हैं, तो उन्हें दो मीटर की दूरी पर जामुन का पौधा लगाना होगा। बिहार बागवानी विभाग के अनुसार एक हेक्टेयर में जामुन के 250 पौधे लगा सकते हैं। इसके लिए विभाग ने 2.40 लाख रुपये की लागत निर्धारित की है। जिसका 50 फीसदी सब्सिडी के तौर पर किसान को दिया जाएगा। इसी के अनुरूप अन्य सभी फसलों के लिए भी लागत निर्धारित की गई है, जबकि एक हेक्टेयर में पौधों की संख्या और पौधें लगाने की दूरी भी तय की गई।
बिहार में शुष्क जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई आधारित ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना को शुरू किया है।
योजना तहत फलों एवं सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी।
हाल ही में बिहार सरकार द्वारा सात निश्चय-2 के तहत सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना को 2.92 करोड़ रुपये की लागत पर 3 वर्षों के लिए स्वीकृति दी गई थी।
शुष्क बागवानी योजना के तहत इस वर्ष 875 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया जायेगा।
इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम 4 हेक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर में फलदार पौधे लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना अंतर्गत फल फसलों हेतु 60000 रूपये/हेक्टेयर की लागत का 50 प्रतिशत अर्थात 30000 रुपए/हेक्टेयर सब्सिडी जो तीन वर्षों में क्रमशः 60: 20: 20 रुपए (18000: 6000: 6000) के रूप में किसानों को देय होगा।
प्रथम वर्ष के अनुदान राशि से उपलब्ध कराए गए पौधे की राशि काटकर शेष राशि देय होगी। शेष किस्तें लगाये गये पौधे की उपलब्धता के आधार पर अगले दो वित्तीय वर्ष में देय होगी।
सूक्ष्म सिंचाई आधारित ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना का लाभ कृषक अपने खेत के मेड़ पर भी ले सकते हैं। जिसमे ड्रिप सिंचाई का संस्थापन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत आँवला,बेर जामुन,बेल,कटहल,निम्बू,मीठा निम्बू,अनार तथा संतरा के फल पौधे के लिए आवेदन किया जा सकता है।
सूक्ष्म सिंचाई आधारित ड्राई हॉर्टिकल्चर स्कीम राज्य के सभी 38 जिलों में पहले से संचालित है।
बिहार बागवानी विभाग शुष्क बागवानी फसल के लिए किसानों का चयन कर इस योजना का क्रियान्वयन कराया जायेगा। आवेदन के जांच उपरांत सभी शर्तों को पूरा करने वाले किसानों को कार्यादेश देते हुए सेंटर आफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली से फल पौधा आंवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल, अनार, नींबू एवं मीठा नींबू आदि कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा। फल पौधे की अनुदान राशि योजना की राशि से काटकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली को उपलब्ध कराया जायेगा। बिहार बागवानी विभाग के तय नियम अनुसार यदि आपने खेत तैयार किया है, तो योजना के तहत बिहार बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जा कर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में अधिकतम जानकारी बिहार बागवानी विभाग से प्राप्त की जा सकती है।
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