PM Fasal Bima Yojana : 2 लाख किसानों को एक सप्ताह में मिलेगा बीमा क्लेम

पोस्ट -27 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

fasal bima yojana : 2 लाख सोयाबीन किसानों को एक सप्ताह के अंदर मिलेगा बीमा क्लेम का भुगतान

पीएमएफबीवाई : “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाई) के माध्यम से किसानों की फसलों को आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई की जा जाती है। केंद्र सरकार की ओर से संचालित इस योजना के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा लेकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं और फसलों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उचित बीमा क्लेम पा सकते हैं। कुल मिलाकर यह योजना देश में किसानों की फसलों को एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है। इस कड़ी में महाराष्ट्र के लाखों किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र ने एक बीमा कंपनी को महाराष्ट्र के परभणी जिले के किसानों के लंबित फसल बीमा (Pending Insurance Claim) दावों का एक हफ्ते के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया। 21 अगस्त 2024 को नांदेड़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान किसानों ने लंबित बीमा दावों का मुद्दा उठाया था। इस संबंध में केद्रीय कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को किसानों के लंबित बीमा क्लेम के भुगतान करने के तत्काल आदेश दिया। वहीं, गुजरात सरकार ने पिछले माह भारी बारिश के कारण बर्बाद हुई फसल से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता पैकेज देने की घोषणा की है। इसके तहत राज्‍य सरकार 9 जिलों की 45 तहसीलों के किसानों को 350 करोड़ रुपए कृषि सहायता के तौर पर देगी। 

2 लाख किसानों को बीमा राशि का भुगतान 

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 22 अगस्त को राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति (TAC) की बैठक की। इस बैठक के आधिकारिक बयान में कहा गया कि समिति ने फसल कटाई प्रयोगों के ऊपर बीमा कंपनी द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों को खारिज कर दिया और लंबित दावों के भुगतान करने का आदेश कंपनी को दिया गया है। बयान में बीमा कंपनी का नाम उजागर नहीं किया गया है। केंद्रीय तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) ने बीमा कंपनी को एक सप्ताह यानी सात दिनों के भीतर बकाया फसल बीमा राशि का भुगतान करने का औपचारिक आदेश दिया है। इस फैसले से परभणी जिले के लगभग 2 लाख किसानों को फायदा होगा। इन किसानों को 200 से 225 करोड़ रुपए  के लंबित दावों का भुगतान किया जाएगा। 

किसानों को वित्तीय राहत देने का ऐलान

परभणी जिले के किसानों द्वारा समस्या के बारे में सूचित किए जाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अधिकारियों को तत्काल समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया था।  त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र में प्रभावित किसानों को वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है।  यह क्षेत्र सोयाबीन की महत्वपूर्ण खेती के लिए जाना जाता है। वहीं, गत माह हुई भारी बारिश से गुजरात के 9 जिलों जूनागढ़, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, राजकोट, आणंद, भरूच, सूरत, नवसारी और तापी में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा था। इन प्रभावित जिलों में किसानों की बर्बाद हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए गुजरात सरकार ने वित्तीय राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार किसानों को 350 करोड़ रुपए की सहायता राशि देगी। यह राशि 45 तहसीलों के प्रभावित किसानों को दी जाएगी।  

सर्वे के पश्चात सहायता पैकेज को मंजूरी

गुजरात विधानसभा में कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने सहायता पैकेज देने का ऐलान किया है। मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि राज्य के 9 जिलों के 4.06 लाख हेक्टेयर में भारी बारिश से हुए फसल के नुकसान के सर्वे के पश्चात सीएम भूपेन्द्र पटेल ने सहायता पैकेज को मंजूरी दी है। सरकार ने एसडीआरएफ के अलावा राज्य के बजट से भी अतिरिक्त सहायता दी है, जिससे किसानों को हुए नुकसान से थोड़ी राहत मिल सकेगी। मौजूदा खरीफ 2024-25 सीजन के लिए असिंचित फसल में 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 8,500 रुपए की सहायता के अतिरिक्ति राज्य बजट के तहत 2,500 रुपए यानी कुल मिलाकर 11 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। वर्षा आधारित/सिंचित फसलों में 33 प्रतिशत या अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 17 हजार रुपए और राज्य बजट के तहत 5 हजार रुपए कुल 22 हजार रुपए की कृषि सहायता दी जाएगी। कृषकों को यह सहायता राशि अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के लिए दी जाएगी।  

बागवानी फसलों पर कितनी सहायता मिलेगी

भारी बारिश के कारण बर्बाद हुई फसल के आकलन के लिए राज्य सरकार ने अधिकारियों को सर्वे के करने का आदेश दिया था। कैबिनेट की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा भी हुई थी।  वहीं, सर्वे के पश्चात सरकार द्वारा राहत पैकेज को मंजूरी दी गई। इस पैकेज के तहत बारहमासी बागवानी फसलों के 33 प्रतिशत या अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार प्रति हेक्टेयर 22,500 रुपए की राशि दी जाएगी। वर्षा आधारित बागवानी फसलों में 33 प्रतिशत या अधिक नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपए की सहायता एसडीआरएफ के तहत और राज्य बजट से 5 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि यानी प्रति हेक्टेयर कुल 22 हजार रुपए की सहायता की जाएगी। बारहमासी बागवानी फसलों के 10 फीसदी या अधिक, लेकिन 33 प्रतिशत  से कम पेड़ पलटने/गिरने/टूटने/नष्ट होने की विशेष स्थिति में राज्य बजट निधि से 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर सहायता की जाएगी। यह अधि‍कतम 2 हेक्टेयर तक के लिए दी जाएगी। 

बारहमासी बागवानी फसलों में 33 प्रतिशत या अधिक पेड़ गिरने/ उखड़ने की स्थिति में एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 22,500 रुपए और राज्य निधि से 1,02,500 रुपए प्रति हेक्टेयर मिलाकर कुल 1.25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर सहायता की जाएगी, जो अध‍िकतम 2 हेक्टेयर के लिए मिलेगी। वहीं, ऐसे मामले में निर्धारित मानदंडों के अनुसार भूमि जोत के आधार पर सहायता के रूप में दी जाने वाली राशि यदि 3,500 रुपए से कम हो तो ऐसे में प्रत्येक खाते से कम से कम 3500 रुपए का भुगतान करना अनिवार्य होगा। इसमें एसडीआरएफ के मानदंड के अनुसार प्रति हेक्टेयर 1000 रुपए और अंतर राशि 2500 रुपए राज्य बजट निधि से भुगतान किया जाएगा। 
 

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