रबी फसलों की बुवाई के साथ-साथ खरीफ फसलों का सीजन पीक पर हैं। किसान फसलों की उपज को बाजार में एमएसपी बचने के लिए पहुंच रहे है। केंद्र और राज्य सरकारें किसानो से खरीफ फसलों की उपज करती नजर आ रही है। कई राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य में किसानों से एमएसपी पर सरकारी खरीद कर रही है, तो कई राज्य सरकारों ने एमएसपी पर सरकारी खरीद कर ली है। ऐसे में खरीफ सीजन फसलों की एमएसपी पर खरीद को लेकर देश के हरियाणा राज्य से खबर निकलकर आ रही है कि हरियाणा सरकार ने इस बार राज्य में खरीफ फसलों में प्रमुख धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है। राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया पूरी होने से एक दिन पहले राज्य में तय लक्ष्य से कही अधिक धान की खरीद की है। एमएसपी पर धान खरीदी का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर भी किया जा चुका है। शेष राशि का भुगतान भी जल्द -जल्द से किसानों के खाते में कर दिया जाएंगा। बता दें कि राज्य में एमएसपी पर खरीफ फसलों की सरकारी खरीद चल रही है। किसान मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए पहुंच रहे हैं।
राज्य में एमएसपी पर धान की सरकारी खरीद की पुष्टि करते हुए हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में चालू सत्र के दौरान 58.59 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जो 57 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य से अधिक है। प्रदेश सरकार ने इस खरीद प्रक्रिया पूरी होने से एक दिन पहले यानि 14 नवंबर 2022 तक 58.59 लाख टन धान की खरीद एमएसपी पर की है। एमएसपी पर धान की यह खरीद रिकॉर्ड तोड़ है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 98 प्रतिशत किसानों को फसल खरीद के 48 घंटे के भीतर उनके धान खरीद भुगतान की राशि 11,819 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जा चुका है। किसानों को उनकी उपजा की राशि उनके खाते में प्राप्त हो चुकी है। अब शेष राशि भी इस सप्ताह में भुगतान कर दी जाएगी। चौटाला ने कहा कि पिछले वर्षों में कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों में गेहूं खराब होने की खबरों के बाद कड़ा संज्ञान लिया गया है। बता दें कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास हरियाणा के डीप्टी सीएम के अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग का प्रभार भी है।
हरियाणा उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य में जीएसटी संग्रह 22.71 प्रतिशत बढ़कर 18,290 करोड़ रुपये हो गया, जो गत वर्ष के इस दौरान 14,302 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा, अगर हम खपत और उत्पादन आधारित राज्यों की तुलना करें, तो हरियाणा नंबर एक पर है। सिक्किम, गोवा और दिल्ली केवल तीन ही ऐसे राज्य जो उत्पादन और खपत आधारित राज्य में शामिल है, जिनमें से दिल्ली सीमित उत्पादन के साथ खपत पर आधारित है। इसी तरह, उत्पाद संग्रह में भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज की गई है, चौटाला ने कहा, जिनके पास उत्पाद शुल्क पोर्टफोलियो भी है।
उपमुख्यमंत्री ने सवालों के जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा का आबकारी वर्ष, जो 7 जून को समाप्त हो रहा है, राज्य में हमने अब तक 5,125 करोड़ रुपये के संग्रह के साथ 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हम इस चालू वित्त वर्ष के अंत तक 9,500 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में 75 प्रतिशत शराब की दुकानों ने प्वाइंट ऑफ सेल सिस्टम स्थापित किया है और शेष को दिसंबर तक स्थापित करने का आदेश दिया गया है। यदि तय समय सीमा मे आदेश का पालन नही किया गया, तो उन्हें दंडित किया जाएगा।
हरियाणा उपमुख्यमंत्री चौटाला जिनके पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है - ने कहा कि राज्य में 2018-19 और 2019-20 की अवधि में अतिवृष्टि और अनाज के नुकसान के कारण 44,700 मीट्रिक टन गेहूं खराब हो गया था। जिससें सरकार ने इस स्टॉक को खरीद के बाद अलग रखा गया था। उन्होंने कहा राज्य के कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों में अतिवृष्टि के कारण गेहूं खराब होने की खबरों के बाद सरकार ने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि खराब हुए गेहूं की नीलामी पशुओं के चारे के रूप में की जाएगी। इससे 40 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि प्रशासनिक सचिवों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इसकी रिपोर्ट जारी की है।
हरियाणा उपमुख्यमंत्री ने कहा की राज्य की मंडियों में हुए धान खरीद क घोटाले को लेकर सरकार सख्त है। हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद तीन मिलों को कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन मिलों में 12 करोड़ रुपये धान की कमी मिली थी। उन्होंने कहा अब जांच के दायरे में ट्रांसपोर्टर भी आ गए हैं। जल्द ही कुछ चिह्नित किए गए ट्रांसपोर्टरों से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री फ्लाइंग टीमों के छापे के बाद मंडियों में धान खरीद घोटाले का खुलासा हुआ है। खुलासे के बाद सरकार के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अभी तक की जांच के बाद अधिकारियों को निर्देश निर्देश दिए गए हैं कि उन ट्रांसपोर्टरों को नोटिस दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि धान उठाने के लिए नियुक्त ट्रांसपोर्टर और जिनके वाहन नंबर कथित तौर पर फर्जी आउटगोइंग गेट पास पाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे, वे जांच के दायरे में आ गए हैं।
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