Paddy Procurement 2024-25 : देश में मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) योजना के तहत खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में धान की सरकारी खरीद जारी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में इस बार धान की खरीदी 14 नवंबर 2024 से शुरू की जाएगी, जो 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। इन सब के बीच हरियाणा में नई सरकार के गठन के साथ ही धान की प्रक्रिया में तेजी देखी जा रही है। अब तक सूबे की उपज मंडियों में करीब 37.78 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 33.47 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद समर्थन मूल्य (MSP) पर क्रय केंद्राें/ एजेंसियों द्वारा कर ली गई है। सरकार ने किसानों और अपने बीच से बिचौलियों को हटा दिया है। अब सीधे किसानों के बैंक खाते में पेमेंट किया जा रहा है। धान और बाजरा खरीद के लिए किसानों को एमएसपी के तौर पर 5419 करोड़ रुपये का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। अब तक मंडियों से 24 लाख मीट्रिक टन धान का उठान पूरा कर लिया गया है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में धान खरीद के लिए राज्य में 241 और बाजरा के लिए 91 मंडियां निर्धारित की गई हैं। इन मंडियों में एमएसपी पर धान बेचने के लिए किसान का “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर नहीं होगा उनसे सरकारी खरीद नहीं की जाएगी। इस बार किसानों को ऑनलाइन गेट पास की सुविधा मिलने से अपनी फसल बेचने में काफी सुविधा हुई। सरकार द्वारा सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। धान खरीद के लिए 4314 करोड़ रुपए का भुगतान सीधा किसानों के बैंक खातों में किया जा चुका है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में इस खरीफ खरीद सीजन में अब तक 35 लाख 63 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें कुरुक्षेत्र जिले की मंडियों में सबसे अधिक 8 लाख 42 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। इसके अलावा, कैथल में 7.4 लाख मीट्रिक टन, करनाल जिला में 7.3 लाख मीट्रिक टन, अंबाला में 4.2 लाख, यमुनानगर में 3.9 लाख, फतेहाबाद में 2.7 लाख और जींद में 1.4 लाख मीट्रिक टन धान की आवक और खरीद हो चुकी है। अधिकारी ने बताया कि इस बार हरियाणा को 60 लाख मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद करने का लक्ष्य मिला है।
विभागीय अधिकारी के अनुसार, धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों की खरीद का काम भी समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है। प्रदेश में 1 अक्टूबर से एमएसपी पर बाजरे की खरीद भी जारी है। अब तक 3 लाख 90 हजार 404 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जा चुका है। इसकी खरीद के लिए एमएसपी के रूप में किसानों को 522 करोड़ रुपए का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में किया गया है। हालांकि, इस खरीद सीजन में हरियाणा सरकार को 3.83 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीद करने का लक्ष्य मिला था, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सेंट्रल पूल के लिए 1.52 लाख मीट्रिक टन एवं स्टेट पूल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 2.31 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीद का लक्ष्य प्रदेश को दिया गया था।
अधिकारी ने बताया कि अब तक राज्य के 1,09,762 किसानों ने एसएसपी पर बाजरा बेचा है। इसके लिए सरकार द्वारा भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए बाजरा का एमएसपी 2625 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। बहरहाल, जिला महेंद्रगढ़ में सबसे अधिक 95095 मीट्रिक टन बाजरा की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी खरीद की गई है। इसके अलावा, रेवाड़ी जिला में 85 हजार 965 मीट्रिक टन, भिवानी में 50 हजार 805 मीट्रिक टन, गुरुग्राम में 31 हजार 973 मीट्रिक टन, झज्जर में 27 हजार 662 मीट्रिक टन, चरखी दादरी में 24 हजार 662 मीट्रिक टन और मेवात में 18 हजार 887 मीट्रिक टन बाजरा की सरकारी खरीद की गई है।
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