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New Tomato Variety : मात्र 45 दिनों में मिलेगी 1400 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार

New Tomato Variety : मात्र 45 दिनों में मिलेगी 1400 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार
पोस्ट -08 अगस्त 2023 शेयर पोस्ट

टमाटर की नई किस्म : मात्र 45 दिन में मिलेगा 1400 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन

उच्च उपज देने वाली टमाटर की नई किस्म : लोकप्रिय सब्जियों में टमाटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इसका इस्तेमाल सब्जियों का स्वाद बढ़ाने में होता है, तो दूसरी तरफ टमाटर के ताजे फल को सलाद के तौर पर भी खूब खाया जाता है। लेकिन जुलाई महीने से टमाटर के दामों में हो रही बढ़ोतरी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था। टमाटर के तेजी से बढ़ते दामों के कारण आम लोगों ने टमाटर खाना ही छोड़ दिया। 

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मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर के कई राज्यों में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। खुदरा बाजारों में टमाटर 200-250 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। कई जगहों पर तो टमाटर के दाम 250 रुपए प्रति किलो से भी पार पहुंच गए हैं। टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण भारी बारिश और अच्छे भाव न मिलने से किसानों द्वारा टमाटर की फसल को स्वयं ही नष्ट करना है। अभी टमाटर की कीमतों में गिरावट आने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में किसान भाई टमाटर की नई किस्म नामधारी-4266 की खेती कर मात्र 45 दिनों में बंपर कमाई कर सकते हैं। 

टमाटर की यह उन्नत किस्म अन्य किस्मों के अपेक्षा 1300 से 1400 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार दे सकती है। अगर आप मौजूदा वक्त में चल रहे टमाटर के भाव को देखते हुए टमाटर की खेती करने के विषय में सोच रहे हैं, तो खेती में टमाटर की उन्नत किस्म की बुवाई कर सकते हैं। आईये टमटार की उच्च उपज देने वाली इस नई किस्म के बारे में जानते हैं। 

टमाटर की नई किस्म नामधारी-4266 किसानों के लिए उपलब्ध

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कृषि वैज्ञानिकों ने टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए एक नई किस्म को विकसित किया है। जिसे “नामधारी-4266” का नाम दिया गया है। टमाटर की यह नई किस्म अब किसानों को समर्पित की जा चुकी है। टमाटर की नामधारी-4266 किस्म कम लागत खर्च में 1,200 से 1,400 क्विंटल तक प्रति हैक्टेयर की उत्पादकता दे सकती है। वहीं, टमाटर की सामान्य प्रजाति से 600-800 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की ही उत्पादकता किसान भाईयों को मिलती है। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर डीपी. सिंह का कहना है कि बागवानी क्षेत्र में इस रिसर्च को किसानों के लिए एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। 

टमाटर की खेती में 50-60 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर की लागत

उन्होंने बताया कि भारत में टमाटर की खेती हर मौसम में किसानों द्वारा सफलतापूर्वक की जाती है। कई इलाकों में तो किसानों द्वारा टमाटर की खेती नियमित रूप से साल में दो बार की जाती है। जिसमें जुलाई से अगस्त के महीने में इसकी पहली खेती और नवंबर से दिसंबर महीने में इसकी दूसरी खेती किसानों द्वारा की जाती है। टमाटर की खेती (Tomato Farming) में प्रति हैक्टेयर लागत (Cost) 50-60 हजार रुपए तक आती है, जिसमें खेत की तैयारी से लेकर फसल की बुवाई, सिंचाई, निराई-गिड़ाई और खाद-बीज आदि सभी खर्च शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार मौजूदा वक्त में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही है। उसे ध्यान रखते हुए टमाटर की खेती करने वाले किसान भाई टमाटर की इस उन्नत किस्म की खेती कर खूब मुनाफा थोड़े समय में कमा सकते हैं। 

नामधारकी-4266 टमाटर किस्म की खासियत क्या है? 

प्रोफेसर डीपी. सिंह का कहना है कि टमाटर की नई किस्म नामधारी-4266 (New variety of tomato Namdhari-4266) की खेती किसान भाई ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस और शेड नेट हाउस (Green House, Polyhouse and Shade Net House) में भी इसी औसत खर्च में कर सकते हैं। सितंबर व अक्टूबर के महीने में इसकी नर्सरी लगाई जाती है और दिसंबर से फरवरी माह के बीच फसल तैयार हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस नामधारी-4266 किस्म के टमाटर की खासियत यह है कि इसमें कीट एवं रोग नहीं लगते और फसल 45 दिनों में तैयार हो जाती है। एक गुच्छे में चार से पांच और पौधे में 50 से 60 टमाटरों का उत्पादन होता है। टमाटर का वजन भी 100 से 150 ग्राम है, जबकि सामान्य टमाटर का वजन 50 से 80 ग्राम का ही होता है, यह किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। 

किसानों की आय बढ़ाने में काफी मददगार 

टमाटर की नामधारी-4266 किस्म किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। टमाटर की यह किस्म बेल प्रकार की है। इसलिए इसकी खेती पालीहाऊस में करते हैं। इसकी खेती में अधिक सिंचाई की आवश्यकता भी नहीं होती है। इसकी सिंचाई टपक विधि से आसानी से की जाती है। अगर कोई किसान भाई टमाटर की इस किस्म की बुवाई करना चाहते हैं, तो चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कानपुर से इसके बीज प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की यह प्रजाति किसानों की आय बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी। 

टमाटर की खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए करें ये काम 

भारत में टमाटर की खेती बड़े स्तर पर होती है। महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश टमाटर का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले राज्य हैं। इन मुख्य टमाटर उत्पादक राज्यों में किसान टमाटर की खेती साल में दो बार करते हैं। टमाटर की खेती के लिए 20-30 डिग्री मानक तापमान की आवश्यकता होती है। इसकी खेती काली-लाल मिट्टी, रेतली, चिकनी और दोमट मिट्टी वाली किसी प्रकार की भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है। लेकिन मिट्टी अच्छे जल निकासी वाली होनी चाहिए। वैसे तो इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी को सबसे उपयुक्त बताया गया है। टमाटर की खेती में सर्दी के मौसम में अधिक ध्यान देना होता है, क्योकि सर्दियों के मौसम में पड़ने वाले पाला टमाटर के पौधों को काफी नुकसान पहुंचाता है। टमाटर की खेती में अधिक उत्पादन लेने के लिए दो पौधों के बीच की दूरी 50-60 सेमी रखनी चाहिए।

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