पशुओं के जख्म जल्दी ठीक कर देगा कोलेजन जेल - जानें पूरी जानकारी

पोस्ट -13 फ़रवरी 2023 शेयर पोस्ट

जानें, कैसे पशुओं के धाव को जल्दी ठीक करेगा कोलेजन जेल

भारत में किसान खेती करने के साथ-साथ पशुपालन भी प्राचीन समय से ही करते आ रहे हैं। हमारे देश में किसान पशुओं को किसान अपना अभिन्न अंग मानते हैं, इसीलिए किसानों को पशुओं को भी चोट लगने पर काफी पीड़ा होती है। कई बार तो गहरा जख्म होने के कारण कई दिनों तक पशुओं को दर्द सहन करना पड़ता हैं। पशुओं के धाव भरने में काफी समय लग जाता है। इस बीच काफी जख्म में संक्रमण ना फैले इसके लिए काफी सावधानी बरतनी होती है। साथ ही देश के किसान भाइयों को फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ पशुओं को भी सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है। अगर आप भी अपने पशुओं में चोट लगने के कारण बेहद चिंतित रहते हैं, तो इसके लिए अब आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर आप भी खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन करते हैं व अपने पशुओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंता में रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। दरअसल, बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने पशुओं को लगने वाली चोट के लिए एक खास जेल तैयार किया है। इसका इस्तेमाल करने से ही कई प्रकार की चोटों में पशुओं को राहत मिल जाती है। इस जेल का नाम कोलेजेन है, ये जेल ना सिर्फ पशुओं के जख्मों को भरेगा, बल्कि जख्म में होने वाले इंफेक्शन को दूर करके टिशू की भी रिकवरी करने में पशुओं की मदद करेगा। इस कोलेजन जेल पर करीब 11 साल बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) में रिसर्च चल रही थी, जिसके बाद आखिरी ट्राइल में इस जेल को सफलता मिल चुकी है। जल्द ही संस्थान कोलेजन जेल का पेटेंट कराकर दवा कंपनी के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराएगा। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ इस कोलेजन जेल से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करेंगे। 

कोलेजन जेल को कैसे तैयार किया गया है

उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) के शल्य चिकित्सा विभाग की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रेखा पाठक के अनुसार संस्थान ने 11 साल पहले इस जेल पर रिसर्च शुरू की थी। इस जेल को टिशूग्राफी विधि से तैयार किया गया है। इसकी सफलता की जांच करने के लिए मुरादाबाद से जख्मी हालात में लाई गई घायल पालतू बिल्ली पर कोलेजन जेल का इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
इस बिल्ली की पीठ पर कुत्ते के दांत लगाने के कारण गहरे जख्म हो गए थे, जो 2 महीने के इलाज के बाद भी रिकवर नहीं हो पाए, लेकिन जब कोलेजन और पाउडर से इसका इलाज किया गया तो बिल्ली की घाव जल्दी भर गया और उसकी त्वचा पर फिर से बाल उग आए।

एंटीसेप्टिक क्रीम से कई गुना बेहतर परिणाम

भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) की रिसर्च टीम ने अपने शोध में पाया कि दूसरी एंटी-सेप्टिक क्रीम के मुकाबले कोलेजन जेल ने घाव को भरने में एक चौथाई से भी कम का समय लगा। आमतौर पर इंसान की तरह ही पशुओं के जख्म को ठीक करने के लिए भी एंटीसेप्टिक क्रीम और लोशन बाजार में आने लगे हैं, जो धाव को भरने के साथ ही इंफेक्शन भी कम करते हैं।
इसका इस्तेमाल करने के बाद टिशू अपने आप ही डेवलप हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कोलेजन जेल ना सिर्फ इंफेक्शन रोकता है, बल्कि जख्मों को भी तेजी से भरता है। कई बार गहरे घाव पर लोशन या एंटीसेप्टिक क्रीम का कुछ खास असर नजर नहीं आता है। ऐसी परिस्थिति में कोलेजन जेल के परिणाम काफी बेहतरीन हैं।

जले हुए मरीजों पर भी किया जा सकता है इस्तेमाल

कई बार पशुओं की आपसी लड़ाई में पशुओं को पंजा, दांत या अन्य कारणों से चोट लग जाती है और गहरे धान हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कोलेजन जेल के इस्तेमाल करने से जख्मों को भरने में काफी मदद मिलेगी। कोलेजन जेल पर हुई इस ताजा शोध को लेकर एम्स भोपाल की डॉ मेघा पांडेय ने बताया कि इस कोलेजन जेल का इस्तेमाल भविष्य में जले हुए मरीजों पर भी करने का प्लान है। उम्मीद की जा रही है कि ये जेल जितना पशुओं पर कारगर साबित हुआ हैं उतना ही मरीजों पर भी कारगर साबित होगा।
 

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