Top harvesting Farm Machinery : आधुनिक तकनीकों एवं कृषि उपकरणों ने कृषि को बेहद आसान बना दिया है। खेती-बाड़ी में फसल लगाने से लेकर पैदावार निकालने तक में आधुनिक तकनीक एवं कृषि मशीनों का इस्तेमाल किसानों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन आज भी अधिकांश किसान खेती-बाड़ी में हार्वेस्टिंग (कटाई) जैसे बेहद जरूरी कामों में हस्त चलित कृषि यंत्र या प्राचीन कृषि मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे खेती-बाड़ी के कामों में किसानों को काफी वक्त और मेहनत खर्च करना पड़ जाता है। ऐसे में आज हम किसान भाईयों के लिए कुछ ऐसे टॉप हार्वेस्टिंग यानी कटाई के कृषि मशीनों की जानकारी लेकर आए हैं, जो खेती-बाड़ी के कामों में कटाई के कार्यों में वक्त और मेहनत दोनों की बचत करने में मददगार साबित होंगे। किसान भाई इन टॉप हार्वेस्टिंग कृषि मशीनों का इस्तेमाल खेती में कटाई के लिए कर सकते हैं। आईये ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से खेती में इस्तेमाल होने वाले इन टॉप कटाई (हार्वेस्टिंग) कृषि मशीन के बारे में विस्तार से जानते हैं। ये कृषि यंत्र किसी प्रकार से खेती के कामों में आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं, इसकी जानकारी भी इस लेख में नीचे दी जा रही है।
ट्रैक्टर माउंटेड मिनी कंबाइन हार्वेस्टर, फसल कटाई एवं गहाई की एक महत्वपूर्ण मशीन है। इस मशीन के इस्तेमाल से अनाज फसलों की कटाई, थ्रेसिंग और अनाज की सफाई जैसे तीनों कामों को एक साथ किया जाता है। ट्रैक्टर माउंटेड मिनी कंबाइन हार्वेस्टर के आगे 8 फीट का कटर लगा होता है। इस हार्वेस्टर से सरसों, अलसी, गेहूं और सोयाबीन सहित अन्य खड़ी फसलों को जमीन से 4 इंच ऊपर से काट सकते हैं। ट्रैक्टर माउंटेड मिनी कंबाइन हार्वेस्टर में फसलों की थ्रेशिंग, सफाई कटिंग और ग्रेन हैंडलिंग यूनिट होती है। इन यूनिट की मदद से फसलों की कटाई, थ्रेशिंग और सफाई का कार्य किया जाता हैं। इसके थ्रेशिंग सेक्शन में थ्रेशिंग सिलेंडर, एक अवतल और एक सिलेंडर बीटर लगा होता है। इसमें लगे सिलेंडरों का काम कटी फसलों को थ्रेशिंग करना होता है। इसमें लगे फीडर कन्वेयर फसल से अनाज और फसल अवशेषों को अलग-अलग थ्रेश करते हैं। इस हार्वेस्टर को चलाने के लिए 55 एचपी से ऊपर के 4 डब्ल्यूडी और पावर स्टीयरिंग ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। साथ ट्रैक्टर में मल्टी पीटीओ और डबल क्लच होना चाहिए। खास बात यह है कि फसलों की कटाई का सीजन समाप्त होने के बाद आप ट्रैक्टर का इस्तेमाल खेती से संबंधित अन्य कार्यों में भी कर सकते हैं।
केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में नारियल, ताड़ और सुपारी की खेती मुख्य रूप से की जाती है। इनकी खेती में लोगों को खेती की कटाई के लिए भारी जोखिम और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो फसलों की हार्वेस्टिंग के दौरान मजूदरों की मृत्यु तक भी हो जाती है। लेकिन मैनुअल क्लाइम्बिंग डिवाइस से नारियल, ताड़, सुपारी आदि फसलों की हार्वेस्टिंग आसान और जोखिम मुक्त हो गई है। यह एक मानव रहित रोबोटिक मैनुअल कोकोनट ट्री क्लाइम्बिंग डिवाइस है। इस डिवाइस में दो मोटर लिंक हैं। पहला फल काटने के लिए और दूसरा इसमें लगे आर्म को घुमाव देने के लिए है। इसके अलावा एक एक्ट्यूएटर आर्म से जुड़ा होता है, जो नारियल को ठीक से काटने के लिए कम से कम दो डिग्री स्वतंत्रता घुमाव प्रदान करता है। मैनुअल कोकोनट ट्री क्लाइम्बिंग डिवाइस नारियल के 30 से 40 मीटर लंबे पेड़ पर केवल 1 से 2 मिनट 3-5 मिनट का समय लेता है। इस मानव रहित डिवाइस का उपयोग नारियल काटने के लिए किया जा सकता है। इससे नारियल हार्वेस्टिंग में होने वाली दुर्घटनाएं भी कम होगी।
केला स्वास्थ्य की दृष्टि के महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में इसकी खेती महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम और बिहार में मुख्य रूप से की जाती है। केले की फसल कटाई के बाद इसके फसल अवशेषों को खेत में ही प्राकृतिक खाद के रूप में तब्दील कर दिया जाता है। इसके लिए अवशेषों को मिट्टी में दबाना पड़ता है। केले की कटाई के एक साधारण हस्त चलित कृषि यंत्र का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें एक ब्लेड, पकड़ने के लिए हैंडल लगा होता है। इस कृषि यंत्र में लगे ब्लेड मध्यम और उच्च कार्बन स्टील की मिश्रित धातु से बना होता है। यह ब्लेड तेज धार वाली होती है, जो केले की कटाई काफी बेहतर ढ़ग से आसानी से करती है। इसमें लगा लकड़ी का हैंडल यंत्र को लंबे समय तक प्रदर्शन करने की अनुमति देता है।
यह एक संचालित हल्दी हार्वेस्टर पावर टिलर है। इसके पिछले हिस्से में मिट्टी में आसानी से घुसने के लिए तीन बार पॉइंट वाला एक ब्लेड लगा होता है, पीटीओ से बेल्ट और पुली के जरिए संचालित होता है। यह ब्लेड माइल्ड स्टील के आठ स्लैट्स से जुड़ा होता है। हार्वेस्टर अटैचमेंट पावर टिलर के गियर बॉक्स के माध्यम से हल्दी डिगर को ड्राइव करता है, जो पावर टिलर पर लगे रोटावेटर को पावर प्रदान करता है। इस हार्वेस्टर को संचालित करने के लिए 13 एचपी पावर की आवश्यकता पड़ती है। इस मशीन में लगे छोटे डिगर, आर्म और शेकर हल्दी के हार्वेस्टिंग के दौरान हल्दी के गुच्छों को जमीन से बाहर निकाल देते हैं और शेकर की मदद से इन हल्दी के गुच्छों को अलग किया जाता है। इस हार्वेस्टर की मदद से लगभग 5 से 7 घंटे में एक एकड़ के क्षेत्र में हल्दी की हार्वेस्टिंग की जा सकती है। इसके लिए पंक्तियों के बीच की दूरी 1.5 से 2 फीट होनी चाहिए। यह कृषि यंत्र ड्रिप सिंचाई प्रणाली वाले खेतों के लिए सबसे उपयुक्त है।
यह मूंगफली फसल की खुदाई करने वाला एक मूंगफली हार्वेस्टर है। इस हार्वेस्टर को 35 एचपी से ऊपर के ट्रैक्टर के साथ अटैचमेंट कर चलाया जाता है। इसकी मदद से आलू, प्याज, लहसुन, गाजर, मूंगफली और शकरकंद सहित सभी तरह की रूट स्टॉक फसलों की खुदाई कर सकते हैं। मूंगफली हार्वेस्टर में 1200 एमएम की चौड़ाई के साथ मूंगफली खोदने के लिए ब्लेड लगे होते हैं। इस मशीन में दो डिस्क कोल्टर, फेंडर, एक गियरबॉक्स, दो गेज पहिए आदि भी होते हैं। यह मशीन मूंगफली खोदने के काम लंबे समय तक आसान और सुविधाजनक तरीके से पूर्ण करती है।
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