Animal Husbandry : किसान स्वदेशी गायों पर पाए 80 हजार रुपए की सब्सिडी

पोस्ट -23 सितम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Animal Husbandry : स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए मिलेगा 80 हजार रुपए तक अनुदान, जानिए कौन होंगे पात्र

Swadeshi Cow Conservation Scheme : किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें पशुपालन क्षेत्र से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकारें कई तरह की हितग्राही योजानाओं को लागू करती है और कई तरह की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाती है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के पशुपालकों और किसानों के लिए अच्छी खबर है। यूपी की योगी सरकार द्वारा राज्य में “मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना” (Svadeshi Gau Samvardhan Yojana)  का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत स्वदेशी नस्ल की गायों के पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति गौ पालकों को प्रोत्साहित किया जा सके, इसके लिए सरकार द्वारा इस योजना में अच्छा खासा अनुदान लाभ किसानों को दिया जाता है। ग्रामीणों को रोजगार दिलाने एवं स्वदेशी नस्ल की गायों की प्रजाति को संरक्षण प्रदान करने में राज्य सरकार की यह योजना अहम रोल निभा सकती है।  राज्य सरकार की इस मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के तहत देशी प्रजातियों की गाय पालने के शौकीन गौ पालन कर सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही राज्य को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर भी बना सकते हैं। 

इन उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों पर मिलेगा अनुदान लाभ (Subsidy benefits will be available on these improved breed indigenous cows)

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में स्वदेशी गाय की नस्ल पालने के लिए ग्रामीणों को अनुदान दे रही है। मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के माध्यम से अन्य प्रदेशों से उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों जैसे- गिर, साहीवाल, थारपारकर और हरियाणा प्रजाति की खरीददारी करने पर किसानों/ पशुपालकों को अधिकतम 80 हजार रुपए तक का अनुदान लाभ मिलेगा। पशुपालक अधिकतम 2 गायों की एक पशुपालन इकाई के लिए पात्र होगा। मुख्य रुप से छोटे और सीमांत किसान व पशुपालकों के लिए लागू राज्य सरकार की यह योजना उनके लिए किसी वरदान की तरह साबित हो सकती है।  

अनुदान लाभ के लिए कहां करें आवेदन (Where to apply for grant benefits)

प्रदेश में फिलहाल मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना पहले से संचालित है। जो किसान स्वदेशी नस्ल की गाय पालते हैं या पालने की इच्छा रखते हैं, तो वे राज्य सरकार की इन दोनों योजनाओं में लाभ उठा सकते हैं। इन योजनाओं के तहत डेयरी किसानों/पशुपालकों को स्वदेशी प्रजाति की साहीवाल, गिर, गंगातीरी और थारपारकर गाय का पालन करने पर अनुदान देय है। इस अनुदान का लाभ लेने हेतु इच्छुक पशुपालक योजना के तहत 17 अक्टूबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही अपने नजदीकी पशुपालन विभाग में जाकर अधिकारियों से संपर्क कर योजना में आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता पास बुक, मोबाइल नंबर व  मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा पत्र जैसे दस्तावेज अनिवार्य है।

पशुपालकों को देय लाभ (Benefits payable to cattle farmers)

मीडिया रिपोर्ट में मेरठ के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया, “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत स्वदेशी नस्ल की गाय पालन के लिए 10-15 हजार की सहायता राशि डी.बी.टी के माध्यम लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। “नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना” (Nandini Krishak Samriddhi Yojana) के तहत गौवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए 25 स्वदेशी प्रजाति की गायों की डेयरी स्थापित करने पर अधिकतम 31.25 लाख रुपए प्रति यूनिट अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।  इच्छुक लाभार्थी उम्मीदवार के पास पर्याप्त जगह होनी चाहिए। जिन लाभार्थी व्यक्ति के पास पहले से दो से अधिक स्वदेशी नस्ल की गाय है, उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस योजना में 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों को वरीयता दी जाएगी, जबकि 50 प्रतिशत में अन्य वर्ग के लोगों को योजना में लाभ दिया जाएगा। 

योजना के लिए कौन कर सकते हैं आवेदन (Who can apply for the scheme)

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी शर्मा ने कहा, योजना में मुख्य विकास अधिकारी की ओर से लाभार्थियों को दूसरे राज्य से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किया जाएगा। जिसके पश्चात लाभार्थी दूसरे राज्यों से स्वदेशी नस्ल की गायों (पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारकर और गुजरात की गिर गाय, हरियाणा से संकर नस्ल) को लाने पर होने वाले परिवहन, ट्रांजिट बीमा एवं पशु बीमा समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली धनराशि के लिए 40 प्रतिशत या अधिकतम 80 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।  योजना में स्वदेशी नस्ल की दो गायों की स्थापित की जाने वाली इकाई लागत अधिकतम दो लाख रुपए होगी। इस योजना में डेयरी गौ पालक और महिला दुग्ध उत्पाद एवं अन्य वर्ग के पशुपालक व्यक्ति ही आवेदन कर सकते हैं। 

योजना में लाभार्थी चयन की प्रक्रिया (Process of beneficiary selection in the scheme)

डॉ. राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि लाभार्थी के चयन के पश्चात योजना के तहत अनुदान के लिए निर्धारित 6  मदों में क्रमश: स्वदेशी नस्ल की दो गाय (हरियाणा, साहीवाल, थारपारकर एवं गिर) की खरीद की रसीद, ट्रांजिट बीमा की रसीद, भाड़े की रसीद, 3 वर्षों के लिए पशु बीमा की रसीद, चारा काटने की मशीन की खरीद रसीद, गायों के रख-रखाव के लिए पशु शेड निर्माण पर खर्च किए गए धनराशि के बिल वाउचर पुनः आवेदन के साथ सलंग्न कर आवेदन पत्र मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में जमा किए जाएंगे। आवेदन सत्यापित होने के पश्चात लाभार्थी के खाते मे अनुदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।  

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