Ayushman Bharat Scheme : केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंद और गरीब वर्ग के परिवारों की मदद करने के लिए कई तरह की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है, इसमें आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) भी शामिल है। इस योजना का उद्देश्य देश की आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा देना है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार किसानों समेत आम जनता को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करती है, जिसके तहत गोल्डन कार्ड धारकों को 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। कार्ड धारक इसमें वर्णित कई गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में निर्धारित स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में करा सकते हैं। लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में आयुष्मान योजना (PMJAY) के 1.31 लाख कार्ड धारकों के गोल्डन कार्ड के बेकार होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके पीछे लाभार्थी का केवाईसी अपडेट न होने (गोल्डन कार्ड का आधार से लिंक न होना) मुख्य वजह है। इस तरह की शिकायतें सीएमओ कार्यालय पहुंच रही हैं। इस वजह से जरूरत पड़ने पर लाभार्थियों को फ्री इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी कार्ड धारकों की सूची तैयार कर आधार अपडेट करने के साथ गोल्डन कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए कहा गया है।
केंद्रीय आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के अंतर्गत वाराणसी जनपद में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 12 लाख 80 हजार गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 11 लाख 49 हजार लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड अब तक बनाए जा चुके हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपए तक के निशुल्क इलाज की व्यवस्था इस कार्ड पर की गई है। इसका लाभ लेने के लिए सभी गोल्डन कार्ड धारकों को अपने आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) को आधार से लिंक कराना अनिवार्य है। लेकिन, जनपद में 1 लाख 31 हजार गोल्डन कार्ड अभी तक आधार से लिंक नहीं हो पाए हैं। ऐसे में कार्ड धारक वर्णित अस्पताल में नि:शुल्क इलाज के लिए कार्ड लेकर जा रहे हैं, पर लाभार्थियों को लौटाया जा रहा है।
जनपद के सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जिले में 1.31 लाख ऐसे आयुष्मान गोल्डन कार्डधारक है, जिन्होंने गोल्डन कार्ड का आधार से लिंक (केवाईसी) नहीं कराया है। अस्पताल में ऑनलाइन सत्यापन के दौरान इस तरह की समस्या हो रही है। विभाग की ओर से ऐसे सभी लोगों से आधार कार्ड को अपडेट करने की अपील की जा रही है। इससे कार्ड धारकों को आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) का लाभ मिल सके।
डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि जिन कार्ड धारकों का आधार आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) से लिंक नहीं है, उन्हें अस्पतालों में निशुल्क इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे में हर महीने 10-12 कार्ड धारकों की शिकायतें लगातार सीएमओ कार्यालय के पास पहुंच रही है। चेतगंज स्थित बाग बरियार निवासी एक वृद्ध महिला को भी केवल इस वजह से लाभ नहीं मिल सका क्योंकि उनकी केवाईसी अपडेट नहीं थी। हालांकि, आधार अपडेट हो जाने के बाद उन्हें योजना के तहत निशुल्क इलाज मिल सका।
डॉ. चौधरी ने बताया कि, जिन लोगों के गोल्डन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं, उनमें से अधिकांश लोगों के आधार कार्ड दस साल पहले के बने हैं। निर्धारित नियम के अनुसार, 10 साल से पुराने आधार कार्ड को अपडेट कराना अनिवार्य है। हर दिन आधार सेवा केंद्रों पर लोग अपना आधार अपडेट कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें मोबाइल नंबर के साथ ही थंब इंप्रेशन, फोटो, आंखों की रेटिना समेत कई अन्य जानकारी अपडेट की जा रही है।
बता दें कि आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत आदिवासी, एससी, एसटी, दान या भीख मांगने वाले लोग एवं आर्थिक रुप से कमजोर नागरिकों या जिनके पास रहने के लिए खुद का घर नहीं, ऐसे सभी लोगों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है। आयुष्मान कार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का ही एक भाग है। इसमें कार्ड धारक प्रति परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का इलाज सूचीबद्ध स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त मिलता है। हाल ही में आयुष्मान भव अभियान के तहत देशभर में 4.4 करोड़ से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
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