Custom Hiring Center scheme : खेती-किसानी में कृषि यंत्र का उपयोग कर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सके, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा मिशन ऑन एग्रीकल्वरल मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत राज्यों में अलग-अलग कृषि यंत्र सब्सिडी योजनाएं लागू कर किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्रों की खरीद करने का मौका दिया जाता है। साथ ही कस्टम हायरिंग सेंटर तथा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए अनुदान लाभ भी दिया जा रहा है। इस बीच बिहार सरकार द्वारा इस वर्ष किसानों को कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना एवं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों की खरीदारी तथा राज्य में कस्टम हायरिंग सेन्टर, फार्म मशीनरी बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना पर कुल 186 करोड़ रुपए अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में राज्य के कई जिलों में बिहार कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किसानों के बीच कृषि यंत्र बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों का वितरण किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पीएम मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। उसी क्रम में राज्य के किसानों को आधुनिक तरीके से खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कृषि विभाग अत्याधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद के लिए अनुदान दे रहा है। सरकार द्वारा अलग-अलग कृषि यंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है। किसानों की स्थिति में सुधार के लिए कृषि यंत्र, सिंचाई, बीज, खाद, बाजार व कृषि यंत्रों के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 1617 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। 17 जिलों के कुल 39 किसानों / समूहों के बीच 19 कस्टम हायरिंग सेंटर, 03 फार्म मशीनरी बैंक तथा 17 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए 3.04 करोड़ रुपए की सब्सिडी अन्य कृषि यंत्रों समेत ट्रैक्टर का वितरण किया गया। पांडेय ने कहा, किसानों के विकास के लिए राज्य में कई महत्त्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है।
कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कृषि यंत्रीकरण बिहार योजना के तहत कुल 82 करोड़ 25 लाख रुपए की योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना के तहत इस साल 104 करोड़ 16 लाख रुपए लागत से कृषि यंत्रों एवं कस्टम हायरिंग सेंटर तथा फार्म मशीनरी बैंक और स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने के लिए लाभार्थियों को कुल 186 करोड़ की सब्सिडी देगी। सरकार द्वारा कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanization) के अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर (एसएमएएम-सीएचसी) के लिए 40 प्रतिशत, फार्म मशीनरी बैंक (एसएमएएम-एफएमबी) हेतु 80 प्रतिशत और एसएमएएम-एससीएचसी (स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर) की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार में 97 प्रतिशत किसान लघु-सीमांत श्रेणी के हैं। इनको खेती की सुविधा प्रदान करने के लिए न्यूनतम किराए पर आवश्यकतानुसार कृषि यंत्र/मशीनरी उपलब्धता कराने हेतु कस्टम हायरिंग सेंटर की योजना चलाई जा रही है। वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 75.07 करोड़ रुपए अनुदान राशि के कृषि यंत्रों की आपूर्ति किसानों को की जा चुकी है। सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2024 के लिए राज्य के सभी जिलों में कुल 267 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने का लक्ष्य है, जिनकी अनुमानित इकाई लागत 10 लाख रुपए अनुमानित है। इसके लिए 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपए तक का अनुदान किसानों को मिलेगा।
सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर), एफएमबी (फार्म मशीनरी बैंक), एससीएचसी (विशेष कस्टम हायरिंग सेंटर) पर अनुदान का लाभ लेने के लिए प्रगतिशील कृषक, जीविका के एसएचजी/वीओ/सीएलएफ, एटीएमए द्वारा गठित किसान हित समूह (एफआईजी), नाबार्ड/राष्ट्रीयकृत बैंक से संबंधित किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) / किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी), स्वयं सहायता समूह, PACS को आवेदन करने के लिए पहले ऑनलाइन फार्म मशीनीकरण एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर OFMAS पर नामांकन करना होगा, उसके बाद लॉगिन कर आवेदन करना होगा। सॉफ्टवेयर पर नामांकन और आवेदन प्रक्रिया 31/10/2024 तक खुली है
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