Horticulture : पपीते की खेती पर किसानों को 45 हजार रुपए की सब्सिडी

पोस्ट -03 अक्टूबर 2024 शेयर पोस्ट

Horticulture : पपीते की खेती पर सरकार किसानों को देगी 45 हजार रुपए की सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

Subsidy on papaya farming : किसानों की आय बढ़ाने लिए सरकार द्वारा कृषि के साथ-साथ बागवानी को भी बढ़ावा दिया जा  रहा है। खेती के तौर-तरीकों में बदलाव करने हेत़ु किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सरकार द्वारा संचालित कई योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए सरकार राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत “पपीता विकास योजना” चला रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को पपीता की खेती पर परियोजना लागत का 75 प्रतिशत अर्थात 45 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।  आधिकारिक पोर्टल पर इस वर्ष के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया चालू है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। चयनित लाभुकों को योजना में निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार अनुदान लाभ दिया जाएगा। यह जानकारी कृषि विभाग द्वारा एक आधिकारिक सोशल पोस्ट के माध्यम से दी गई है। आइए जानते हैं कि कैसे सरकार की इस योजना में अनुदान का फायदा लिया जा सकता है?

किसानों को सब्सिडी देगी सरकार (Government will give subsidy to farmers)

कृषि विभाग की ओर से आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई जानकारी के अनुसार,  बिहार सरकार फल से संबंधित योजना 2024-25 के अंतर्गत पपीता विकास योजना संचालित कर रही है। इस राज्य योजना के तहत सरकार किसानों को पपीते की खेती करने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दे रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को पपीते की खेती का क्षेत्र विस्तार करने के लिए पपीते के पौधे लगाने पर प्रति इकाई लागत पर 60 हजार रुपए का 75 प्रतिशत अर्थात 45 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। चयनित किसानों को  यह राशि उसके बैंक खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी। 

पपीता की खेती पर देय अनुदान डिटेल (Details of grant payable on papaya cultivation)

बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, इस योजनान्तर्गत पपीता का क्षेत्र विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा। योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) के लिए देय होगा। पपीता क्षेत्र विस्तार के लिए पौध रोपण सामग्री हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली एवं प्लग टाईप नर्सरी, कटिहार तथा भोजपुर जिलों से आपूर्ति की जाएगी।  इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर पपीते की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 33,750 रुपए एवं द्वितीय वर्ष के लिए 11,250 रुपए देय होंगे। इस प्रकार इस योजनातंर्गत कृषक को प्रति हेक्टेयर पपीता की खेती के लिए 45,000 रुपए का अनुदान देय है। इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता संबंधित विवरण की जांच स्वयं कर लें। क्योंकि योजना के नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जाएगा।

लाभ के लिए ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन (How to apply online for benefits)

कृषि विभाग, बिहार द्वारा राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत पपीता विकास योजना 2024-25 के लिए ऑनलाईन आवेदन फॉर्म मांगे गए हैं। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए खुद या ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) से विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्वयं आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:- 

  • इच्छुक किसान को सबसे पहले उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/  पर जाना होगा। 
  • यहां होम पेज पर योजना ऑप्शन में  “फसल से संबंधित योजना” विकल्प पर क्लिक करें।
  • इसके बाद लाभार्थी किसान को नए पेज पर पपीते विकास योजना (राज्य योजना) पर क्लिक करना होगा। 
  • इसके बाद मांगी गई संबंधित कुछ जानकारी दर्ज कर सहमत वाले विक्लप पर क्लिक करना होगा। 
  • आवेदन के लिए कृषक के पास पहले से डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान पंजीकरण संख्या का होना अनिवार्य है। साथ भूमि का एलपीसी प्रमाण पत्र, नवीनतम भूमि रसीद, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो आदि किसान के पास होना अनिवार्य है। 

लाभुकों का चयन (Selection of beneficiaries)

इस योजनातंर्गत पपीता का क्षेत्र विस्तार पर अनुदान का लाभ रैयत कृषक, जमीन के कागजात के आधार तथा गैर रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर ले सकते हैं। एकरारनामा का प्रारूप दिए गए Link पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा। लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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