solar energy : 27 लाख रुपए की लागत से खेतों में बनेंगे सोलर फार्म स्टेशन

पोस्ट -19 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

सोलर फार्म स्टेशन : सौर ऊर्जा से बढ़ेगी कृषि उत्पादकता, खेत में बनेंगे सोलर फार्म स्टेशन

Solar Energy : देश में हर क्षेत्र के अंदर रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सौर पंप सेट उपलब्ध कराकर, कार्बन मुक्त सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है, तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” संचालित कर रही है। सरकार द्वारा सोलर पैनल प्रणाली के लिए भारी-भरकम सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है, जिसके चलते आज अधिकांश राज्यों में कृषि सेक्टर से लेकर घरेलू बिजली आपूर्ति में सौर ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ा है। किसान सोलर पैनल (Solar Panel) से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल खेतों में फसलों की सिंचाई करने के लिए कर रहे हैं। इस क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने सौर ऊर्जा का कृषि में बहुआयामी उपयोग करने की पहल को शुरू किया है। सरकार द्वारा किसानों को खेत पर ही “सोलर फार्म स्टेशन” तैयार करके दिया जाएगा। इस फार्म स्टेशन की मदद से किसान सोलर कृषि पंप के अलावा सौर ऊर्जा (solar energy) से धान मिल भी चला सकेंगे। कृषि उत्पादकता में सौर ऊर्जा के कारगर परिणाम सामने आने के बाद सरकार ने भरोसा जताया है कि सौर ऊर्जा से किसान कृषि उत्पादकता बढ़ा सकेंगे और यह उनके जीवन स्तर में बदलाव लाएगा। 

स्थापित किया गया 27 लाख रुपए लागत का सोलर फार्म स्टेशन (Solar farm station worth Rs 27 lakhs was established)

सीएसओ छत्तीसगढ की ओर से बताया गया कि सौर ऊर्जा के उपयोग से किसानों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है। सौर किरण, ऊर्जा के गैर परंपरागत एवं नवीकरण योग्य स्रोतों का सर्वाधिक प्रमुख माध्यम है, जिसमें सोलर फोटोवोल्टाइक सेल की मदद से सौर किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इस ऊर्जा एवं आधुनिक कृषि तकनीक के मेल से कृषि उत्पादकता में वृद्धि कर दंतेवाड़ा के किसानों को लाभान्वित करने के सफल प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में गीदम ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम बड़े तुमनार में किसानों के खेत पर लगभग 27 लाख रुपये लागत का सोलर फार्म स्टेशन स्थापित किया गया है। इस सोलर फार्म स्टेशन से किसान पंपों का ऊर्जीकरण करके न केवल सिंचाई क्षमता को बढ़ा सकेंगे बल्कि इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि मशीनरी जैसे ’’थ्रेसर और बीडर’’ आदि उपकरण भी संचालित होंगे, जिन्हें अब तक ग्रिड विद्युत ऊर्जा से चलाया जाता था।

सौर ऊर्जा से संचालित धान कुटाई की लघु मिल से चावल की गुणवत्ता में सुधार (Improvement in rice quality from solar powered mini rice mill)

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला में सौर ऊर्जा से संचालित धान कुटाई की लघु मिल भी स्थापित की गई है। यह पूर्णतः सौर ऊर्जा से संचालित होगी। इस सोलर फार्म स्टेशन के ऑपरेटर ने बताया कि इस सौर उर्जीकृत लघु मिल से धान से निकलने वाले चावल की गुणवत्ता बेहतर होती है, चावल भी कम टूटते हैं। इसके साथ ही खेती में काम आने वाली अन्य मशीन भी इसके माध्यम से आसानी से चलाई जा सकती है। इससे किसानों के समय और श्रम की बचत होगी। कृषकों के एक समूह को सोलर पावर स्टेशन संचालित करने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

किसान 2-3 फसल लेने में होंगे सक्षम (Farmers will be able to take 2-3 crops)

उल्लेखनीय है कि गांव बड़े तुमनार के निकट बहने वाली तुमनार नदी के किनारे करीब 10 किसानों की कृषि भूमि है। यहां खेती किसानी ही उनके आय का प्रमुख जरिया है। वे पुराने तौर तरीकों से खेती करते चले आ रहे हैं। वर्षा ऋतु में उन्हें आम तौर पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहती, लेकिन मानसून मौसम को छोड़कर उनके सामने फसलों के लिए पानी की समस्या हमेशा खड़ी होती थी। इन किसानों का कहना था कि अब तक वे बारिश के भरोसे ही खेती करते और अधिकतर किसानों के पास विद्युत पंप की सुविधा न होने से दूसरी फसल लगाने में उन्हें दिक्कत होती थी। लेकिन अब सोलर फार्म स्टेशन स्थापित होने से सिंचाई के हेतु सालभर पानी की व्यवस्था हो सकेगी, जिससे किसान 2-3 फसल लेने में सक्षम होंगे।

किसान अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति बदलने में होंगे समर्थ (Farmers will be able to change their economic and social status)

बड़े तुमनार ग्राम के सरपंच गुड्डी राम कश्यप ने बताया कि सोलर पावर स्टेशन से लगने वाले गांव के कृषकों में उत्साह का माहौल है। कश्यप ने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से चलने वाले सभी प्रकार की कृषि मशीनरी का प्रयोग भी स्थानीय किसानों ने सीख लिया है। इसका लाभ वे खरीफ सीजन के पश्चात रबी फसलों में लाभ लेने के लिए उत्सुक हैं। विशेष तौर पर ऐसे किसान जो लंबे समय से नदी किनारे तोरई, भिंडी, करेला, बैंगन इत्यादि मौसमी साग सब्जियां उगाया करते हैं। आगामी रबी सीजन में अब वे सौर ऊर्जा के माध्यम से सब्जी उत्पादन को एक नया परिदृश्य देंगे। दूर-दराज के विद्युत विहीन क्षेत्रों में यह सौर पावर स्टेशन एक वरदान है। उन्होंने कहा, सोलर पावर स्टेशन उन किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण बन कर आया है, जो विद्युत चालित पंपों के अभाव के कारण चाहकर भी कृषि कार्य नहीं कर पाते थे। ग्राम बड़े तुमनार के किसान परिवार अब उत्पादकता को बढ़ाकर अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बदलने में समर्थ होंगे।

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