Bonus Amount : गुरु नानक जयंती और देव दीपावली के शुभ अवसर पर हरियाणा के किसानों को सरकार से बड़ा तोहफा मिला है। गुरु नानक देवजी के 555वें प्रकाश पर्व पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के किसानों को तोहफा देते हुए, 2 लाख 62 हजार किसानों के बैंक खातों में 300 करोड़ रुपए की बोनस राशि जारी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, बची हुई तीसरी किस्त भी जल्द ही जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किसानों के लिए एक और पहल करते हुए व्हॉट्सऐप के माध्यम से 40 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटने का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, हमने राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोनस जारी करने की घोषणा की थी। इस खरीफ सीजन के दौरान राज्य में बारिश कम हुई है, जिससे किसानों की उपज में कमी आई है। इसलिए हमने राज्य में उगाई जा रही कृषि और बागवानी फसलों के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ बोनस राशि किसानों के खाते में भेजी है। हमने दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपए किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए हैं और शेष चार लाख 94 हजार किसानों की बोनस राशि 580 करोड़ रुपए भी अगले 10 से 15 दिनों में डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
नायब सैनी ने कहा, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है, उन सभी किसानों को यह बोनस राशि दी जाएगी। कुल 1380 करोड़ रुपए की बोनस राशि किसानों को दी जानी है। अभी तक दो किस्तों में भुगतान किया जा चुका है, जल्द ही तीसरी किस्त का भुगतान किसानों खाते में किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमने 16 अगस्त, 2024 को बोनस की पहली किस्त के रूप में 496 करोड़ रुपए की राशि 5 लाख 80 हजार रुपए किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे ट्रांसफर की थी।अब दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपये की राशि भेजी गई है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी (mukhyamantri nayab saini) ने किसानों को व्हॉट्सऐप के माध्यम से 40 लाख सॉइल हेल्थ कार्ड वितरण का भी शुभारंभ किया। अब किसानों को व्हॉट्सऐप के माध्यम से कृषि संबंधित सभी सूचनाएं उपलब्ध होगी। जैसे ही उसकी मिट्टी के नमूने के परीक्षण के परिणाम पोर्टल पर ऑनलाइन हो जाएंगे, वैसे ही व्हॉट्सऐप के माध्यम से सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों के पास पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, हरियाणा में हर 3 साल के बाद कृषि विभाग के अधिकारी मिट्टी की जांच करके किसानों को बताते हैं कि उनकी भूमि में क्या कमी है और खेत में कौन सी खाद देनी है, जिससे किसान आवश्यकता के अनुसार ही खाद और दवाई का प्रयोग कर अधिक पैदावार प्राप्त करें। इसके अलावा सीएम नायब सैनी ने विवादों से समाधान योजना (वीएसएसएस-2024) का भी शुभारंभ किया, जिससे प्लाटों से जुड़े विवादों का समाधान किया जाएगा। इससे 7 हजार लोगों को फायदा होगा।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में वर्ष 2021-22 के दौरान "प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड" प्रदान करने के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस योजना में प्रदेश की एक-एक एकड़ कृषि जमीन की मिट्टी का नमूना इकट्ठा कर उनका परीक्षण किया जा रहा है और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सोइल हेल्थ कार्ड) जारी किए जा रहे हैं। इसमें किसानों को अधिकतम उपज, किस फसल में कौनसा और कितना उर्वरक देना है, इत्यादि के बारे में गाइड जानकारी होती है। राज्य में मिट्टी परीक्षण के लिए एक विस्तृत नेटवर्क है, जहां किसान अपनी भूमि की मिट्टी की जांच आसानी से करा सकते हैं। प्रदेश में 20 से 25 किमी की परिधि में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Laboratory) की उपलब्धता है। हरियाणा में कुल 106 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, ये सभी प्रयोगशालाएं नवीनतम उपकरणों से लैस हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के लिए एक अनोखी पहल की गई। प्रदेश के किसान अपनी फसल का विवरण सरकार को ऑनलाइन दे पाएं, इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना लागू की गई। इसके तहत एक ऑनलाइन पोर्टल “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” भी तैयार किया गया। इस पोर्टल पर किसानों को अपनी फसल का ब्यौरा सरकार को देना होता है, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित भाव मिले सके और प्राकृतिक आपदाओं एवं प्रतिकूल मौसम से उपज प्रभावित होने पर सरकारी सहायता दी जा सके। प्रत्येक फसल सीजन में फसल की बिजाई के बाद यह पोर्टल खोला जाता है, ताकि प्रदेश के सभी किसान अपनी फसल का पंजीकरण पोर्टल पर करा सके। अगर कोई किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) नहीं करवाता तो वह अपनी फसल एमएसपी (MSP) पर नहीं बेच पाते हैं। किसान को फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के लिए किसान के पास परिवार पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, आधार कार्ड, जमीन की फर्द या जमाबंदी जैसे दस्तावेज का होने अनिवार्य है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल किसान खुद या अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। खुद से पंजीकरण करने के लिए किसान को सबसे पहले अधिकारिक वेबसाइट fasal.haryana.gov.in पर जाना होगा। अब किसान अनुभाग पर क्लिक करें। इसके बाद किसान पंजीकरण पर ऑप्शन पर क्लिक करें। अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें। मोबाइल नंबर प्राप्त ओटीपी को वेरीफाई करें।| अब आप पोर्टल पर लॉग-इन हो जाएंगे। इसके बाद अपने जिले व गांव का चयन करें। जहां पर जमीन है। इसके बाद जमाबंदी या खेवट से अपनी जमीन सर्च करेंगे। अब आप किला नंबर सेलेक्ट करेंगे। इसके बाद जिस भी फसल का आप पंजीकरण करना चाहते है, उसका ब्यौरा भरें। अब आप जिस मंडी में अपनी फसल बेचना चाहते हैं वह सेलेक्ट करेंगे और फाइनल सबमिट करेंगे। अब फसल का पंजीकरण का प्रिंट प्राप्त करें।
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