PM Awas Yojana Gramin : गरीब एवं निम्न आय वर्ग के बेघर परिवारों को पक्के घर देने के लिए “प्रधानमंत्री आवास योजना” चलाई जा रही है। इसके तहत राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले उन परिवारों को खुद के पक्के घर दिए जाते हैं, जिनके पास रहने के लिए खुद के पक्का मकान नहीं है और वे झोपड़पट्टी में रहकर दिन गुजारा करते हैं। उत्तर प्रदेश में भी पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गरीब और बेघर परिवारों को किफायती आवास (Affordable Housing) लाभ दिया जाता है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने राज्य में निम्न आय वर्ग में शामिल भूमिहीन और बेघर गरीब परिवारों को रहने के लिए पक्का घर देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश की योगी सरकार राज्य में गरीब परिवारों को खुद के पक्के घर में रहने का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दी गई है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पीएम आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) की लाभार्थी सूची (Beneficiary List) में पात्र लाभार्थियों का नाम जोड़ने की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। नाम जोड़ने के लिए विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी भी चल रही है। उन्होंने बताया कि आवास योजना के महत्व को देखते हुए केंद्र ने वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक आगामी 05 वर्षों के लिए इसका विस्तार कर दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मार्गदर्शन में प्रदेश के निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती आवास देने के लिए पात्र परिवारों का सर्वेक्षण वर्ष 2018 में किया गया था। इसके आधार पर तैयार सूची में से यूपी के अधिकांश पहचाने गए परिवार (Identified Families) को रहने के लिए सस्ते आवास मिल गए हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी सरकार ने 55 लाख 83 हजार कम आय वर्ग के लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया है। वहीं, प्रदेश में 2 करोड़ 63 लाख से अधिक गरीबों को एक-एक शौचालय मिला। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि गांवों में करीब 60 हजार परिवार ऐसे शेष हैं, जिनके लिए भारत सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य देने की मांग की गई है।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि वर्ष 2018 के सर्वेक्षण के आधार पर तय किए गए लक्ष्य की पूर्ति होने के पश्चात भी पक्के घर की मांग अभी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बरकरार है। इसकी पूर्ति के लिए सरकार ने पुनः सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण शुरू करने की तिथि के बारे में केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार है। मौर्य ने कहा कि सर्वेक्षण की तारीख तय होने से पहले राज्य एवं जनपद स्तर पर प्रारंभिक तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। पारदर्शी सर्वेक्षण कराये जाने की प्रक्रिया के क्रम में विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सर्वेक्षण के समय कोई पात्र लाभार्थी सूची (Beneficiary List) में सम्मिलित होने से शेष न रहे। सर्वेक्षण करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों का पूर्ण उत्तरदायित्व होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप निष्पक्ष एवं गुणवत्तायुक्त सर्वेक्षण करते हुए लाभार्थी सूची तैयार की जाए। सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में किसी को बेघर नहीं रहने देगी। सभी पात्र परिवारों को खुद के पक्के घर में रहने का सपना पूरा कराने की प्रतिबद्धता के साथ योगी सरकार ने आवास देने के लिए लाभार्थियों के नाम पीएम आवास योजना की सूची में जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि इस दिशा में ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी की ओर से सभी जिलाधिकारियों को सर्वेक्षण के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने सहित अन्य जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-Gramin) के तहत पात्र लाभार्थियों का दायरा तय करने में स्वतः समावेशन (Auto Inclusion) और बहिष्करण (Exclusion) की शर्तें पूर्ववत है। स्वतः समावेशन (Auto Inclusion) के तहत जिस किसी भी परिवार के पास पक्का मकान नहीं है, वे इस योजना में स्वत: पात्र माना जाता है। सरकार ने सर्वेक्षण में पात्र लाभार्थी की पहचान करने के लिए कुछ पात्र मानदंड तय किए हैं। इन मानदंडों पर खरा नहीं उतरने पर स्वतः बहिष्करण (Auto Exclusion) के माध्यम से पात्र लाभार्थी की लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा।
केशव मौर्य ने कहा कि पीएमएवाई-जी के पात्र लाभार्थियों के मानदंड के अनुसार, ऐसे परिवार को ही शामिल किया जाएगा, जिनके मौजूदा घर में एक या दो कमरों की कच्ची दीवार या कच्ची छत हो। ऐसे परिवार जो अभी कच्चे घर या झोपड़पट्टी में निवास कर रहे हैं।
दो से अधिक कमरों के घर में रहने वाले परिवारों को इस योजना की लाभार्थी सूची से बाहर रखा जाएगा। वहीं, जिस परिवार में थ्री व्हीलर मोटर व्हीकल, फोर व्हीलर वाला कृषि उपकरण या 3.5 लाख रुपए एवं इससे अधिक ऋण सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) हो, परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, परिवार के किसी भी सदस्य का वेतन प्रतिमाह 15 हजार रुपए से अधिक हो, इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आने वाला परिवार, पंजीकृत गैर कृषि उद्यम वाले परिवार, व्यापार कर (Trade Tax) भरने वाले परिवार और ऐसे परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि या 05 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि हो, उन्हें इस योजना का लाभार्थी नहीं माना जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में स्वत: शामिल होने के मानकों में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जो बेसहारा हैं और भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते हैं। हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह और वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को इस योजना में भी स्वत: लाभार्थी मान लिया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार सर्वेक्षण एवं लाभार्थी के चयन की प्रक्रिया के संबंध में ग्राम पंचायत सचिव, खंड विकास अधिकारी एवं परियोजना निदेशक या जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से संपर्क कर विस्तृत जानकारी हासिल की जा सकती है।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना चलाई जा रही है। इसमें पीएमएवाई-यू (PMAY-U) के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के तहत आवासहीन गरीब परिवारों को रहने के लिए पक्का मकान का लाभ दिया जा रहा है। अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और रहने के लिए पक्का घर नहीं है, तो आप प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-Gramin 2024) में फार्म भर सकते हैं। इस योजना के तहत सरकार से आपको पक्का घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेंगी, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को 1 लाख 30 हजार रुपए की राशि मिलती है।
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